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कोरोना की चौथी लहर से बच्चों को बचाना है तो समझाएं अभी सावधानी बरतने की जरूरत

कोरोना की चौथी लहर की आहट ने एक बार फिर से लोगों को डराना शुरू कर दिया है. पिछले कुछ समय में कोरोना के मामलों में एक बार फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है. चिंता वाली बात यह है कि इस बार कोरोना से पीड़ितों में ज्यादा संख्या बच्चों की है.

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कोरोना की चौथी लहर से बचाना है तो बच्चों को समझाएं सावधानी बरतने की जरूरत
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Published : Apr 23, 2022, 9:34 PM IST

पिछले कुछ समय में कोरोना के मामलों में भारी कमी, टीकाकरण की सफलता और आम होती जिंदगी की रफ्तार में लोग इस बात को लगभग भूलने लगे थे कि कोरोना वायरस का प्रकोप खत्म हो गया है. यही नहीं बड़ी संख्या में लोग मास्क सहित अन्य सुरक्षा सावधानियों को के इस्तेमाल में काफी हद तक कोताही भी बरतने लगे थे, लेकिन अब एक बार फिर से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. हालांकि कोरोना वायरस के प्रभावी टीकाकरण के चलते उम्मीद जताई जा रही है कि अब लोगों में यह वायरस जानलेवा प्रभाव नही दिखाएगा, लेकिन यह भी सत्य है की टीकाकरण कोरोना से 100 प्रतिशत बचाव की गारंटी नही देता है.

सावधानी व टीकाकरण , दोनों जरूरी
दिल्ली के वरिष्ठ जनरल फिजीशियन डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कोरोना की चौथी लहर यदि आती भी है तो शायद उस तरह से लोगों पर जानलेवा प्रभाव नही दिखा पाएगी जैसे कोरोना की पहली व दूसरी लहर में देखने में आए थे. क्योंकि टीकाकरण के प्रभाव स्वरूप बड़ी संख्या में जनसंख्या में जरूरी इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है, लेकिन चूंकि कोरोना के वायरस का स्वरूप ऐसा है जो बदलता रहता है इसलिए अभी यह कहना संभव नही है कि भविष्य में लोगों पर उसका किस तरह का प्रभाव नजर आ सकता है.वैसे भी दुनिया भर में कोरोना के कई नए वेरिएंट भी सामने आ रहे हैं. इसलिए यदि कोरोना से बचना है तो बहुत जरूरी है कि मास्क पहनने सहित कोरोना से बचाव के लिए बताई गई तमाम सुरक्षाओं व सावधानियों को अपनाया जाय.

गौरतलब है कि वर्तमान समय में सामने आ रहे कोरोना के मामले में बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है. डॉ राजेश बताते हैं कि इसका एक कारण यह है कि अभी भी कई बच्चों को कोविड का वैक्सीन नही लग पाया है. वह बताते हैं कि कुछ ऐसे स्कूलों को छोड़ दिया जाए जहां संक्रमण के ज्यादा मामले आने के चलते उन्हे कुछ अवधि के लिए उन्हे बंद किया गया है, देश के लगभग सभी राज्यों में स्कूलों तथा पढ़ाई व खेल से जुड़ी सामूहिक गतिविधियां सुचारु रूप से चल रही हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण के एक से दूसरे में प्रसारित होने की आशंका भी काफी ज्यादा बनी हुई है.

इन परिसतिथ्यों के बचने के लिए जरूरी है की जिन बच्चों को किसी भी कारणवश अभी तक वैक्सीन नहीं लगा है उन्हे शीघ्र अतिशीघ्र कोरोना के टीके की दोनों डोज लगवाई जाएं. साथ ही उन्हे सभी स्थानों पर कोरोना संबंधी जरूरी सावधानियों को बरतने के लिए निर्देशित किया जाय.

सुरक्षा सर्वोपरि

वह बताते हैं कि बहुत जरूरी है कि वर्तमान समय में किसी भी प्रकार की सामूहिक गतिविधि का हिस्सा बनने पर, जैसे स्कूल, खेल के मैदान, सामाजिक समारोहो व उत्सवों में भागेदारी के दौरान, सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के दौरान, मॉल , होटलों, चिकित्सालयों या अन्य ऐसे स्थानों पर जाने के दौरान जहां ज्यादा भीड़ हो तो बच्चों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने के लिए निर्देशित किया जाय .

  • स्कूल में कक्षा हो या कोई सार्वजनिक स्थान, या फिर खेल व अन्य प्रकार की गतिविधि हो, जहां तक संभव हो दूसरों से सामाजिक दूरी बनाकर रखें.
  • मास्क का उपयोग नियमित रूप से करें. ध्यान रखें कि बच्चों का मास्क चेहरे पर पूरी तरह से फिट आता हो, यानी वह ज्यादा ढीला या टाइट ना हो, और वह उसे हमेशा नाक के ऊपर ही पहने. इसके अलावा खाने या किसी अन्य कारण से यदि मास्क उतरना भी हो हाथों को सेनेटाइज करके ही उसे उतारे तथा दोबारा पहने.
  • हमेशा साफ मास्क हो पहने .
  • उनके पास हैंड सैनिटाइजर हमेशा होना चाहिए. साथ ही उन्हे थोड़े-थोड़े अंतराल पर हाथ साफ करते रहने के लिए भी निर्देशित करें.
  • बच्चों को समझाएं की किसी भी अवस्था में अपने मुंह को छूने से पहले हाथों को सेनेटाइज अवश्य करें.
  • यदि संभव हो तो थोड़े-थोड़े अंतराल पर, कुछ भी खाने से पहले, बाहर से घर आने के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं.
  • बाहर से घर आने के बाद तत्काल अपने कपड़े बदले. और यदि संभव हो तो नहा भी ले.
  • यदि किसी को कोरोना के लक्षण महसूस हो रहें हों, तो बिना डरे या परेशान हुए तत्काल अपने मातापिता को बताए और चिकित्सक से संपर्क करें. और निर्देशानुसार दवाई लें और क्वारंटाइन हो जाएं.
  • वहीं उन्हे यह भी समझाएं कि यदि उनके किसी साथी में सर्दी-खांसी-जुखाम या कोरोना के अन्य लक्षणों जैसे कोई भी लक्षण नजर आ रहे हो तो उनसे दूरी बनाकर रखें.

सुरक्षा की जरूरत बताएं

डॉ राजेश बताते है कि कोरोना से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारियों से तथा सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन करने की जरूरत को लेकर बच्चों को समझाना बहुत जरूरी है. जिससे वे किसी डर या दबाव में नही बल्कि अपने मन से सुरक्षा नियमों का पालन करें. ऐसे में स्वच्छता संबंधी आदतें स्वाभाविक रूप से उनकी आदतों में शामिल हो पायेंगी और उन्हे बार-बार निर्देशित करने की जरूरत नही पड़ेगी . इसके अलावा उन्हे यह समझाना भी जरूरी है कोरोना से बचाव अच्छी इम्यूनिटी से ही संभव है इसलिए वे साफ सफाई के अलावा ऐसे आहार व जीवनशैली को अपनाए जो उनकी इम्यूनिटी की मजबूत रखेगी. बच्चों में यह समझ आजीवन उनके स्वास्थ्य को कोरोना ही नही बल्कि किसी भी रोग व समस्या से बचाने में तथा स्वस्थ रखने में मदद करेगी.

पढ़ें: पहली बार गर्मी का सामना कर रहे शिशुओं की देखभाल में बरतें ज्यादा सावधानियां

पिछले कुछ समय में कोरोना के मामलों में भारी कमी, टीकाकरण की सफलता और आम होती जिंदगी की रफ्तार में लोग इस बात को लगभग भूलने लगे थे कि कोरोना वायरस का प्रकोप खत्म हो गया है. यही नहीं बड़ी संख्या में लोग मास्क सहित अन्य सुरक्षा सावधानियों को के इस्तेमाल में काफी हद तक कोताही भी बरतने लगे थे, लेकिन अब एक बार फिर से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. हालांकि कोरोना वायरस के प्रभावी टीकाकरण के चलते उम्मीद जताई जा रही है कि अब लोगों में यह वायरस जानलेवा प्रभाव नही दिखाएगा, लेकिन यह भी सत्य है की टीकाकरण कोरोना से 100 प्रतिशत बचाव की गारंटी नही देता है.

सावधानी व टीकाकरण , दोनों जरूरी
दिल्ली के वरिष्ठ जनरल फिजीशियन डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कोरोना की चौथी लहर यदि आती भी है तो शायद उस तरह से लोगों पर जानलेवा प्रभाव नही दिखा पाएगी जैसे कोरोना की पहली व दूसरी लहर में देखने में आए थे. क्योंकि टीकाकरण के प्रभाव स्वरूप बड़ी संख्या में जनसंख्या में जरूरी इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है, लेकिन चूंकि कोरोना के वायरस का स्वरूप ऐसा है जो बदलता रहता है इसलिए अभी यह कहना संभव नही है कि भविष्य में लोगों पर उसका किस तरह का प्रभाव नजर आ सकता है.वैसे भी दुनिया भर में कोरोना के कई नए वेरिएंट भी सामने आ रहे हैं. इसलिए यदि कोरोना से बचना है तो बहुत जरूरी है कि मास्क पहनने सहित कोरोना से बचाव के लिए बताई गई तमाम सुरक्षाओं व सावधानियों को अपनाया जाय.

गौरतलब है कि वर्तमान समय में सामने आ रहे कोरोना के मामले में बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है. डॉ राजेश बताते हैं कि इसका एक कारण यह है कि अभी भी कई बच्चों को कोविड का वैक्सीन नही लग पाया है. वह बताते हैं कि कुछ ऐसे स्कूलों को छोड़ दिया जाए जहां संक्रमण के ज्यादा मामले आने के चलते उन्हे कुछ अवधि के लिए उन्हे बंद किया गया है, देश के लगभग सभी राज्यों में स्कूलों तथा पढ़ाई व खेल से जुड़ी सामूहिक गतिविधियां सुचारु रूप से चल रही हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण के एक से दूसरे में प्रसारित होने की आशंका भी काफी ज्यादा बनी हुई है.

इन परिसतिथ्यों के बचने के लिए जरूरी है की जिन बच्चों को किसी भी कारणवश अभी तक वैक्सीन नहीं लगा है उन्हे शीघ्र अतिशीघ्र कोरोना के टीके की दोनों डोज लगवाई जाएं. साथ ही उन्हे सभी स्थानों पर कोरोना संबंधी जरूरी सावधानियों को बरतने के लिए निर्देशित किया जाय.

सुरक्षा सर्वोपरि

वह बताते हैं कि बहुत जरूरी है कि वर्तमान समय में किसी भी प्रकार की सामूहिक गतिविधि का हिस्सा बनने पर, जैसे स्कूल, खेल के मैदान, सामाजिक समारोहो व उत्सवों में भागेदारी के दौरान, सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के दौरान, मॉल , होटलों, चिकित्सालयों या अन्य ऐसे स्थानों पर जाने के दौरान जहां ज्यादा भीड़ हो तो बच्चों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने के लिए निर्देशित किया जाय .

  • स्कूल में कक्षा हो या कोई सार्वजनिक स्थान, या फिर खेल व अन्य प्रकार की गतिविधि हो, जहां तक संभव हो दूसरों से सामाजिक दूरी बनाकर रखें.
  • मास्क का उपयोग नियमित रूप से करें. ध्यान रखें कि बच्चों का मास्क चेहरे पर पूरी तरह से फिट आता हो, यानी वह ज्यादा ढीला या टाइट ना हो, और वह उसे हमेशा नाक के ऊपर ही पहने. इसके अलावा खाने या किसी अन्य कारण से यदि मास्क उतरना भी हो हाथों को सेनेटाइज करके ही उसे उतारे तथा दोबारा पहने.
  • हमेशा साफ मास्क हो पहने .
  • उनके पास हैंड सैनिटाइजर हमेशा होना चाहिए. साथ ही उन्हे थोड़े-थोड़े अंतराल पर हाथ साफ करते रहने के लिए भी निर्देशित करें.
  • बच्चों को समझाएं की किसी भी अवस्था में अपने मुंह को छूने से पहले हाथों को सेनेटाइज अवश्य करें.
  • यदि संभव हो तो थोड़े-थोड़े अंतराल पर, कुछ भी खाने से पहले, बाहर से घर आने के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं.
  • बाहर से घर आने के बाद तत्काल अपने कपड़े बदले. और यदि संभव हो तो नहा भी ले.
  • यदि किसी को कोरोना के लक्षण महसूस हो रहें हों, तो बिना डरे या परेशान हुए तत्काल अपने मातापिता को बताए और चिकित्सक से संपर्क करें. और निर्देशानुसार दवाई लें और क्वारंटाइन हो जाएं.
  • वहीं उन्हे यह भी समझाएं कि यदि उनके किसी साथी में सर्दी-खांसी-जुखाम या कोरोना के अन्य लक्षणों जैसे कोई भी लक्षण नजर आ रहे हो तो उनसे दूरी बनाकर रखें.

सुरक्षा की जरूरत बताएं

डॉ राजेश बताते है कि कोरोना से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारियों से तथा सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन करने की जरूरत को लेकर बच्चों को समझाना बहुत जरूरी है. जिससे वे किसी डर या दबाव में नही बल्कि अपने मन से सुरक्षा नियमों का पालन करें. ऐसे में स्वच्छता संबंधी आदतें स्वाभाविक रूप से उनकी आदतों में शामिल हो पायेंगी और उन्हे बार-बार निर्देशित करने की जरूरत नही पड़ेगी . इसके अलावा उन्हे यह समझाना भी जरूरी है कोरोना से बचाव अच्छी इम्यूनिटी से ही संभव है इसलिए वे साफ सफाई के अलावा ऐसे आहार व जीवनशैली को अपनाए जो उनकी इम्यूनिटी की मजबूत रखेगी. बच्चों में यह समझ आजीवन उनके स्वास्थ्य को कोरोना ही नही बल्कि किसी भी रोग व समस्या से बचाने में तथा स्वस्थ रखने में मदद करेगी.

पढ़ें: पहली बार गर्मी का सामना कर रहे शिशुओं की देखभाल में बरतें ज्यादा सावधानियां

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