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ऊपरी कमर दर्द में राहत दिलाते हैं सही पोश्चर और व्यायाम - ऊपरी कमर दर्द

पीठ के ऊपरी हिस्से का दर्द वर्तमान जीवन शैली की आम समस्या है. खराब पोश्चर, लंबे समय तक बैठकर काम करना, ज्यादा देर तक गर्दन झुका कर मोबाइल या लैपटॉप देखना, सही नींद ना लेना, गलत तरह से सामान उठाना या कई बार खेल के दौरान मांसपेशियों का खींच जाना आदि बहुत से कारण हैं जो पीठ दर्द के कारण होते हैं, लेकिन सही पोश्चर और व्यायाम इस समस्या से राहत दिला सकते हैं.

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ऊपरी कमर दर्द
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Published : Nov 3, 2021, 8:00 AM IST

कमर तथा कंधों में दर्द आमतौर पर गलत पोश्चर संबंधी कारणों से होते हैं. ETV भारत सुखीभवा से बात करते हुए फिजियोंथेरेपिस्ट डॉ विपुला वशिष्ठ बताती हैं कि ऊपरी कमर तथा कंधों में दर्द से राहत के लिए पोश्चर में सुधार करने से काफी फायदा हो सकता है क्योंकि ज्यादातर मामलों में दर्द का कारण भी खराब पोश्चर ही होता है.

वह बताती हैं कि सही पोश्चर से तात्पर्य सिर, कंधे और कूल्हों को एक सीधी रेखा में रखना होता है. इसके अतिरिक्त सही पोश्चर के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना जरूरी है जैसे जब भी खड़े हों कंधे गर्दन की सीध में हों यानी झुके हुए ना हो, चलते समय गर्दन और कंधे आगे की तरफ झुकाकर न चलें, कुर्सी पर बैठते हुए कमर और गर्दन सीधे हो और कमर कुर्सी के कमर वाले हिस्से से सटी हों, लगातार ज्यादा देर तक गर्दन झुकाकर, या बिस्तर पर अधलेटी अवस्था में मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करने से बचें. इसके अलावा ज्यादा मोटा तकिया लेकर सोने से बचे और हमेशा आरामदायक जूतों को ही प्राथमिकता दें .

डॉ विपुला वशिष्ठ बताती हैं कि कमर के चाहे ऊपरी हिस्से में दर्द हो या निचले हिस्से में, पोश्चर में सुधार, दिनभर कार्य के बीच छोटे-छोटे अंतराल और नियमित व्यायाम से उससे राहत पाई जा सकती है, लेकिन यदि दर्द ज्यादा महसूस होने लगे तो हड्डीरोग विशेषज्ञ तथा फिजियोंथेरेपिस्ट की मदद अवश्य लेनी चाहिए.

कमर के ऊपरी हिस्से में तनाव या दर्द ना हो तथा उक्त क्षेत्र की मांसपेशियों मजबूत हों इसके लिए कुछ विशेष व्यायामों का नियमित अभ्यास भी किया जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

बटरफ्लाय स्ट्रेच (Butterfly Stretch)

इसके लिए अपने पैरों के तलवों को सामने की तरफ आपस में मिलाते हुए पद्मासन जैसी अवस्था में बैठ जाएं. अपनी आपस में मिली हुई एड़ियों को जितना हो सके अपनी श्रोणि (लोअर पार्ट) की ओर खींचें. अब अपने हाथों से जुड़े हुए तलवों को पकड़ें. अब इसी अवस्था में आगे की तरफ झुकने का प्रयास करें. इस अवस्था में 30 सेकंड तक रुकें और फिर वापस सीधे हो जाएं. इसके उपरांत इस प्रक्रिया को दोबारा दोहराएं .

ओवरहेड शोल्डर स्ट्रेच (Overhead Shoulder Stretch)

ओवरहेड शोल्डर स्ट्रेचिंग करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े होकर अपने एक हाथ को गर्दन के पीछे ले दोनों कंधों के बीच में रखें. अब दूसरे हाथ से पहले हाथ की कोहनी को अपनी दिशा में खींचने का प्रयास करें. इस अवस्था में 25 से 30 सेकेंड तक रुके और सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं. अब यह प्रक्रिया दूसरे हाथ से दोहराएं. इस स्ट्रेच को दोनों हाथ से 3-3 बार कर सकते हैं.

शोल्डर रोल्स (Shoulder Rolls)

इसे स्ट्रेच के लिए दोनों हाथों को अपनी-अपनी दिशा में सीधा करें. अब कोहनियों से हाथों को मोड़ते हुए अपने हाथों से कंधों को पकड़ें. अब कंधों को पहले घड़ी की दिशा में 5 बार आगे से पीछे की ओर घुमाएं और फिर इतनी ही बार पीछे से आगे की ओर घड़ी की उल्टी दिशा में घुमाएं. ध्यान रखें सांस खींचते हुए कंधों को ऊपर लेकर जाना है और सांस छोड़ते हुए कंधों को पीछे की तरफ से रोल करते हुए नीचे लाना है. इस स्ट्रेच को दोनों तरफ से 10-15 बार दोहराया जा सकता है.

मिड-ट्रेप स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज (Mid-Trap Strengthening Exercise)

इसे करने के लिए पेट के बल फर्श पर लेट जाएं, दोनों हाथ सामने की तरफ होने चाहिए. अब कोहनियों को सीधा रखते हुए जितना हो सके हाथों को छत की ओर उठाएं. कंधों पर दबाव बनाने के लिए इस अवस्था में 5 से 10 सेकेंड तक रुकने का प्रयास करें. अब धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं. इस स्ट्रेच को 10 बार दोहराएं.

क्रॉस बॉडी शोल्डर स्ट्रेच (Cross-Body Shoulder Stretch)

इस स्ट्रेच को कुर्सी पर बैठकर या खड़े होकर दोनों तरह से किया जा सकता है. इसे करने के लिए सबसे पहले दाएं हाथ बाईं दिशा में कंधे के समक्ष सीधा करें. ध्यान रहे कि हाथ तथा कोहनी दोनों सीधे हों. अब बाएं हाथ से दाएं हाथ की कोहनी को छाती की ओर खींचने का प्रयास करें. 30 सेकेंड तक इस अवस्था में रुकने का प्रयास करें. अब यही प्रक्रिया दूसरे हाथ से भी दोहराएं. इस स्ट्रेच को दोनों कंधों से 5-5 बार दोहराया जा सकता है.

गौमुखासन (Cow Face Pose)

काऊ फेस पोज या गौमुखासन को बैठकर या खड़े होकर दोनों तरह से किया जा सकता है. इसे करने के लिए पहले दाएं हाथ को उसी कंधे के ऊपर की ओर से पीठ की तरफ नीचे ले जाने का प्रयास करें. ध्यान रहे इस हाथ की कोहनी ऊपर को ओर होनी चाहिए. अब बाएं हाथ को पीठ के पीछे से ऊपर की ओर खीचते हुए दाएं हाथ को पकड़ने की कोशिश करें. इस हाथ की कोहनी नीचे की ओर होनी चाहिए. जितना हो सके हाथों को पास लाने की कोशिश करें. इस अवस्था में 20 सेकेंड तक रुके फिर सामान्य स्तिथि में आ जाएं. अब यही प्रक्रिया विपरीत तरफ से दोहराएं. इस स्ट्रेच को दोनों हाथों से 3-3 बार करें.

रिवर्स शोल्डर स्ट्रेच (Reverse Shoulder Stretch)

इस स्ट्रेच को भी खड़े होकर या बैठकर, दोनों तरह से किया जा सकता है. इस स्ट्रेच को करने के लिए हाथों को पीछे ले जाकर अंगुली आपस में क्रास करते हुए मिला लें. ध्यान रखें कोहनी सीधी होनी चाहिए. अब दोनों कंधों को पीछे की ओर स्ट्रेच करते हुए हथेलियों को ऊपर की ओर ले जाने का प्रयास करें. इस अवस्था में 30 सेकेंड तक रहने का प्रयास करें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं. इस प्रक्रिया को कम से कम 5 बार दोहराएं.

पढ़ें: पैरों में दर्द होने पर इन व्यायामों से परहेज जरूरी

कमर तथा कंधों में दर्द आमतौर पर गलत पोश्चर संबंधी कारणों से होते हैं. ETV भारत सुखीभवा से बात करते हुए फिजियोंथेरेपिस्ट डॉ विपुला वशिष्ठ बताती हैं कि ऊपरी कमर तथा कंधों में दर्द से राहत के लिए पोश्चर में सुधार करने से काफी फायदा हो सकता है क्योंकि ज्यादातर मामलों में दर्द का कारण भी खराब पोश्चर ही होता है.

वह बताती हैं कि सही पोश्चर से तात्पर्य सिर, कंधे और कूल्हों को एक सीधी रेखा में रखना होता है. इसके अतिरिक्त सही पोश्चर के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना जरूरी है जैसे जब भी खड़े हों कंधे गर्दन की सीध में हों यानी झुके हुए ना हो, चलते समय गर्दन और कंधे आगे की तरफ झुकाकर न चलें, कुर्सी पर बैठते हुए कमर और गर्दन सीधे हो और कमर कुर्सी के कमर वाले हिस्से से सटी हों, लगातार ज्यादा देर तक गर्दन झुकाकर, या बिस्तर पर अधलेटी अवस्था में मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करने से बचें. इसके अलावा ज्यादा मोटा तकिया लेकर सोने से बचे और हमेशा आरामदायक जूतों को ही प्राथमिकता दें .

डॉ विपुला वशिष्ठ बताती हैं कि कमर के चाहे ऊपरी हिस्से में दर्द हो या निचले हिस्से में, पोश्चर में सुधार, दिनभर कार्य के बीच छोटे-छोटे अंतराल और नियमित व्यायाम से उससे राहत पाई जा सकती है, लेकिन यदि दर्द ज्यादा महसूस होने लगे तो हड्डीरोग विशेषज्ञ तथा फिजियोंथेरेपिस्ट की मदद अवश्य लेनी चाहिए.

कमर के ऊपरी हिस्से में तनाव या दर्द ना हो तथा उक्त क्षेत्र की मांसपेशियों मजबूत हों इसके लिए कुछ विशेष व्यायामों का नियमित अभ्यास भी किया जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

बटरफ्लाय स्ट्रेच (Butterfly Stretch)

इसके लिए अपने पैरों के तलवों को सामने की तरफ आपस में मिलाते हुए पद्मासन जैसी अवस्था में बैठ जाएं. अपनी आपस में मिली हुई एड़ियों को जितना हो सके अपनी श्रोणि (लोअर पार्ट) की ओर खींचें. अब अपने हाथों से जुड़े हुए तलवों को पकड़ें. अब इसी अवस्था में आगे की तरफ झुकने का प्रयास करें. इस अवस्था में 30 सेकंड तक रुकें और फिर वापस सीधे हो जाएं. इसके उपरांत इस प्रक्रिया को दोबारा दोहराएं .

ओवरहेड शोल्डर स्ट्रेच (Overhead Shoulder Stretch)

ओवरहेड शोल्डर स्ट्रेचिंग करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े होकर अपने एक हाथ को गर्दन के पीछे ले दोनों कंधों के बीच में रखें. अब दूसरे हाथ से पहले हाथ की कोहनी को अपनी दिशा में खींचने का प्रयास करें. इस अवस्था में 25 से 30 सेकेंड तक रुके और सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं. अब यह प्रक्रिया दूसरे हाथ से दोहराएं. इस स्ट्रेच को दोनों हाथ से 3-3 बार कर सकते हैं.

शोल्डर रोल्स (Shoulder Rolls)

इसे स्ट्रेच के लिए दोनों हाथों को अपनी-अपनी दिशा में सीधा करें. अब कोहनियों से हाथों को मोड़ते हुए अपने हाथों से कंधों को पकड़ें. अब कंधों को पहले घड़ी की दिशा में 5 बार आगे से पीछे की ओर घुमाएं और फिर इतनी ही बार पीछे से आगे की ओर घड़ी की उल्टी दिशा में घुमाएं. ध्यान रखें सांस खींचते हुए कंधों को ऊपर लेकर जाना है और सांस छोड़ते हुए कंधों को पीछे की तरफ से रोल करते हुए नीचे लाना है. इस स्ट्रेच को दोनों तरफ से 10-15 बार दोहराया जा सकता है.

मिड-ट्रेप स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज (Mid-Trap Strengthening Exercise)

इसे करने के लिए पेट के बल फर्श पर लेट जाएं, दोनों हाथ सामने की तरफ होने चाहिए. अब कोहनियों को सीधा रखते हुए जितना हो सके हाथों को छत की ओर उठाएं. कंधों पर दबाव बनाने के लिए इस अवस्था में 5 से 10 सेकेंड तक रुकने का प्रयास करें. अब धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं. इस स्ट्रेच को 10 बार दोहराएं.

क्रॉस बॉडी शोल्डर स्ट्रेच (Cross-Body Shoulder Stretch)

इस स्ट्रेच को कुर्सी पर बैठकर या खड़े होकर दोनों तरह से किया जा सकता है. इसे करने के लिए सबसे पहले दाएं हाथ बाईं दिशा में कंधे के समक्ष सीधा करें. ध्यान रहे कि हाथ तथा कोहनी दोनों सीधे हों. अब बाएं हाथ से दाएं हाथ की कोहनी को छाती की ओर खींचने का प्रयास करें. 30 सेकेंड तक इस अवस्था में रुकने का प्रयास करें. अब यही प्रक्रिया दूसरे हाथ से भी दोहराएं. इस स्ट्रेच को दोनों कंधों से 5-5 बार दोहराया जा सकता है.

गौमुखासन (Cow Face Pose)

काऊ फेस पोज या गौमुखासन को बैठकर या खड़े होकर दोनों तरह से किया जा सकता है. इसे करने के लिए पहले दाएं हाथ को उसी कंधे के ऊपर की ओर से पीठ की तरफ नीचे ले जाने का प्रयास करें. ध्यान रहे इस हाथ की कोहनी ऊपर को ओर होनी चाहिए. अब बाएं हाथ को पीठ के पीछे से ऊपर की ओर खीचते हुए दाएं हाथ को पकड़ने की कोशिश करें. इस हाथ की कोहनी नीचे की ओर होनी चाहिए. जितना हो सके हाथों को पास लाने की कोशिश करें. इस अवस्था में 20 सेकेंड तक रुके फिर सामान्य स्तिथि में आ जाएं. अब यही प्रक्रिया विपरीत तरफ से दोहराएं. इस स्ट्रेच को दोनों हाथों से 3-3 बार करें.

रिवर्स शोल्डर स्ट्रेच (Reverse Shoulder Stretch)

इस स्ट्रेच को भी खड़े होकर या बैठकर, दोनों तरह से किया जा सकता है. इस स्ट्रेच को करने के लिए हाथों को पीछे ले जाकर अंगुली आपस में क्रास करते हुए मिला लें. ध्यान रखें कोहनी सीधी होनी चाहिए. अब दोनों कंधों को पीछे की ओर स्ट्रेच करते हुए हथेलियों को ऊपर की ओर ले जाने का प्रयास करें. इस अवस्था में 30 सेकेंड तक रहने का प्रयास करें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं. इस प्रक्रिया को कम से कम 5 बार दोहराएं.

पढ़ें: पैरों में दर्द होने पर इन व्यायामों से परहेज जरूरी

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