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सही आदतें बनायेंगी सर्दियों में भी ऊर्जावान

सर्दी के मौसम में आमतौर पर लोगों में ऊर्जा की कमी तथा आलस की अधिकता मिलती है. ऐसे लोग भी जिनकी दिनचर्या काफी भागदौड़ वाली होती है सर्दी के मौसम में सुस्ती का शिकार बन जाते है. लेकिन दिनचर्या तथा आदतों में हल्का सा बदलाव सर्दियों के सुस्त मौसम में भी व्यक्ति को चुस्त और ऊर्जावान बना सकता है.

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सर्दियों में भी ऊर्जावान
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Published : Jan 6, 2021, 12:09 PM IST

सर्दी के मौसम की नींद भरी सुबह और आलसभरी दोपहर में दफ्तर जाकर काम करने वाले ज्यादातर लोगों की दिनचर्या काफी सुस्त हो जाती है. इस मौसम में ज्यादातर लोग स्वयं में आलस की अधिकता तथा ऊर्जा में कमी पाते है. सर्दी के मौसम से बेअसर होकर कैसे कामकाजी लोग अपनी दिनचर्या को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं इस बारें में वेल्नस पोर्टल जैविक इंडिया की संस्थापक तथा एक्सपर्ट नंदिता शर्मा ने ईटीवी भारत सुखीभवा की टीम के साथ वेलनेस टिप्स सांझा किया.

सुबह की सही शुरुआत जरूरी

नंदिता शर्मा बताती है की सर्दी के मौसम में ज्यादातर लोग देर तक सोना पसंद करते है, लेकिन ऊर्जा से भरपूर दिनचर्या के लिए जरूरी है की सूर्योदय तक बिस्तर छोड़ दिया जाए. सुबह जल्दी उठने की आदत सेहत के लिए तो अच्छी होती है साथ ही इस आदत से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा भी उत्पन्न होती है. सुबह के समय यदि संभव हो तो मॉर्निंग वॉक, नहीं तो हल्का फुल्का व्यायाम या स्ट्रेचिंग शरीर की सुस्ती और आलस को दूर भागता है.

ध्यान तथा सकारात्मक सोच

मेडिटेशन या ध्यान न केवल आपके तनाव को कम करता है बल्कि शरीर और मस्त‍िष्क में ऊर्जा का संचरण भी करता है. साथ ही यह काम के प्रति एकाग्रता बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है. इसके अतिरिक पॉजिटिव थिंकिंग यानी सकारात्मक सोच भी हमारे व्यवहार को प्रभावित करती है. यह सोच की सब कुछ सही होगा, न सिर्फ हमें अपने कार्य को बेहतर ढंग से करने तथा विपरीत परिसतिथियों में समस्याओं को सही ढंग से समझ कर तथा उनका निवारण करने में मदद करती है.

हल्का-फुल्का तथा सुपाच्य आहार

सर्दियों के मौसम में ज्यादातर लोग तेज मसालों और घी-तेल से भरपूर भोजन यानि गारिष्ठ भोजन पसंद करते है. ऐसा भोजन कभी- कभी के लिए ठीक है लेकिन रोजमर्रा में नियमित अंतराल पर हल्का-फुल्का तथा सुपाच्य भोजन ही ग्रहण करना चाहिए. ऐसा करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहेगा तथा आलस में कमी आएगी.

पानी पीते रहिए

इस मौसम में कई लोग पानी का उपयोग कम कर देते हैं जो सही नहीं है. नंदिता शर्मा बताती है पानी न केवल आपके शरीर में नमी बनाए रखता है, बल्कि‍ यह आपको ऊर्जावान बनाए रखने में बहुत उपयोगी है. सही मात्रा में पानी का सेवन शरीर में बनने वाले टॉक्सिनस यानि हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है, जिससे आप स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करते हैं.

शारीरिक सक्रियता

कार्यालय या दफ्तर में लगातार बैठने की बजाय शारीरक रूप से सक्रिय रहने का प्रयास करें. जैसे समय-समय पर अपनी जगह से उठकर आसपास चल लें. सीट पर बैठकर फोन करने के बजाए मोबाइल का इस्तेमाल करें और इस बहाने कुछ कदम चल लें. संभव हो तो बीच बीच में हाथ तथा पांव को थोड़ा स्ट्रेच कर लें. लिफ्ट की बजाय सीढ़ी का उपयोग करें. नंदिता शर्मा बताती हैं की शारीरिक सक्रियता ना सिर्फ आलस को दूर भगाती है बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनती है.

संगीत

अपनी पसंद का कोई भी गीत मूड को तुरंत बदलने की क्षमता रखता है. इसलिए यदि संभव हो सके तो भोजनवकाश के दौरान या किसी भी फुरसत के क्षण में थोड़ा संगीत शामिल कर लिया जाए तो मूड तो बेहतर होगा ही, साथ ही काम की बोरियत भी कम होगी.

साथियों से संवाद जरूरी

जब एक ही स्थान पर कई लोग मिलजुलकर कार्य करते हैं तो उनके बीच का व्यवहार कार्यक्षेत्र के बोझिल माहौल को हल्का देता है. कार्य के साथ साथ हल्की फुलकी मस्ती तथा मजाक बोरियत को दूर कर कार्यालय के माहौल को खुशनुमा बनाता है, जिससे वहां काम करने वाला प्रसन्न तथा ऊर्जावान रहता है.

सर्दी के मौसम की नींद भरी सुबह और आलसभरी दोपहर में दफ्तर जाकर काम करने वाले ज्यादातर लोगों की दिनचर्या काफी सुस्त हो जाती है. इस मौसम में ज्यादातर लोग स्वयं में आलस की अधिकता तथा ऊर्जा में कमी पाते है. सर्दी के मौसम से बेअसर होकर कैसे कामकाजी लोग अपनी दिनचर्या को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं इस बारें में वेल्नस पोर्टल जैविक इंडिया की संस्थापक तथा एक्सपर्ट नंदिता शर्मा ने ईटीवी भारत सुखीभवा की टीम के साथ वेलनेस टिप्स सांझा किया.

सुबह की सही शुरुआत जरूरी

नंदिता शर्मा बताती है की सर्दी के मौसम में ज्यादातर लोग देर तक सोना पसंद करते है, लेकिन ऊर्जा से भरपूर दिनचर्या के लिए जरूरी है की सूर्योदय तक बिस्तर छोड़ दिया जाए. सुबह जल्दी उठने की आदत सेहत के लिए तो अच्छी होती है साथ ही इस आदत से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा भी उत्पन्न होती है. सुबह के समय यदि संभव हो तो मॉर्निंग वॉक, नहीं तो हल्का फुल्का व्यायाम या स्ट्रेचिंग शरीर की सुस्ती और आलस को दूर भागता है.

ध्यान तथा सकारात्मक सोच

मेडिटेशन या ध्यान न केवल आपके तनाव को कम करता है बल्कि शरीर और मस्त‍िष्क में ऊर्जा का संचरण भी करता है. साथ ही यह काम के प्रति एकाग्रता बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है. इसके अतिरिक पॉजिटिव थिंकिंग यानी सकारात्मक सोच भी हमारे व्यवहार को प्रभावित करती है. यह सोच की सब कुछ सही होगा, न सिर्फ हमें अपने कार्य को बेहतर ढंग से करने तथा विपरीत परिसतिथियों में समस्याओं को सही ढंग से समझ कर तथा उनका निवारण करने में मदद करती है.

हल्का-फुल्का तथा सुपाच्य आहार

सर्दियों के मौसम में ज्यादातर लोग तेज मसालों और घी-तेल से भरपूर भोजन यानि गारिष्ठ भोजन पसंद करते है. ऐसा भोजन कभी- कभी के लिए ठीक है लेकिन रोजमर्रा में नियमित अंतराल पर हल्का-फुल्का तथा सुपाच्य भोजन ही ग्रहण करना चाहिए. ऐसा करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहेगा तथा आलस में कमी आएगी.

पानी पीते रहिए

इस मौसम में कई लोग पानी का उपयोग कम कर देते हैं जो सही नहीं है. नंदिता शर्मा बताती है पानी न केवल आपके शरीर में नमी बनाए रखता है, बल्कि‍ यह आपको ऊर्जावान बनाए रखने में बहुत उपयोगी है. सही मात्रा में पानी का सेवन शरीर में बनने वाले टॉक्सिनस यानि हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है, जिससे आप स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करते हैं.

शारीरिक सक्रियता

कार्यालय या दफ्तर में लगातार बैठने की बजाय शारीरक रूप से सक्रिय रहने का प्रयास करें. जैसे समय-समय पर अपनी जगह से उठकर आसपास चल लें. सीट पर बैठकर फोन करने के बजाए मोबाइल का इस्तेमाल करें और इस बहाने कुछ कदम चल लें. संभव हो तो बीच बीच में हाथ तथा पांव को थोड़ा स्ट्रेच कर लें. लिफ्ट की बजाय सीढ़ी का उपयोग करें. नंदिता शर्मा बताती हैं की शारीरिक सक्रियता ना सिर्फ आलस को दूर भगाती है बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनती है.

संगीत

अपनी पसंद का कोई भी गीत मूड को तुरंत बदलने की क्षमता रखता है. इसलिए यदि संभव हो सके तो भोजनवकाश के दौरान या किसी भी फुरसत के क्षण में थोड़ा संगीत शामिल कर लिया जाए तो मूड तो बेहतर होगा ही, साथ ही काम की बोरियत भी कम होगी.

साथियों से संवाद जरूरी

जब एक ही स्थान पर कई लोग मिलजुलकर कार्य करते हैं तो उनके बीच का व्यवहार कार्यक्षेत्र के बोझिल माहौल को हल्का देता है. कार्य के साथ साथ हल्की फुलकी मस्ती तथा मजाक बोरियत को दूर कर कार्यालय के माहौल को खुशनुमा बनाता है, जिससे वहां काम करने वाला प्रसन्न तथा ऊर्जावान रहता है.

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