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दंत चिकित्सा के दौरान रखें सावधानी

इन दिनों दांतों की समस्या आम हो गई है. बदलते खानपान और जीवलशैली के कारण हर आयु वर्ग के लोग कहीं न कहीं इसके शिकार हो रहे है. वहीं कोरोना जैसे महामारी के बीच डेंटिस्ट के पास जाना और इलाज कराना एक चुनौती बन गई है. बीडीएस डॉ. ऋषिकेश गोल्लापुडी ने डेंटिस्ट से मिलने से पहले कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी है.

दांंतों की देखभाल
dental health
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Published : Jun 29, 2020, 4:49 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 10:51 AM IST

दांंतों की देखभाल हमारे स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और खासकर जब हम कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के बीच रह रहे हैं. हम सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस मुंह के साथ-साथ नाक और आंखों से भी फैल सकता है. इसलिए, अपने दांतों की चिकित्सा के दौरान खास ध्यान देना जरूरी हो जाता है. हैदराबाद के साई लीला डेंटल क्लिनिक के बीडीएस डॉ. ऋषिकेश गोल्लापुडी का कहना है कि ऐसी स्थिति में थोड़ी अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है. खासकर तब जब आपकी डेंटिस्ट के साथ नियुक्ति हो. उन्होंने डेंटिस्ट के पास जाने के लिए विशेष उपायों को ध्यान में रखने की सलाह दी है:

1. भीड़-भाड़ से बचने के लिए क्लीनिक जाने से पहले डॉक्टर को फोन कर नियुक्ति ले लें.

2. क्लीनिक में दूसरे मरीजों से उचित शारीरिक दूरी बनाएं.

3. क्लीनिक जाने से बचने के लिए फोन पर सलाह देने की मांग करें.

4. डेंटिस्ट के पास जाने से पहले कही और न जाये. और जहां तक हो सके सीधे अपने घर से साफ कपड़ों में कलीनिक जायें और अपने घर वापस जाएं.

5. क्लीनिक जाने के लिए मास्क लगाना न भूलें.

6. डेंटल कुर्सी में बैठने से पहले अपने कीमती सामान निकाल कर रूम के बाहर रख दें या कम से कम सामान के साथ क्लीनिक जाएं.

7. मरीज को माउथवॉश दिया जाता है, ताकि कोई व्यक्ति अगर कोरोना या किसी और बीमारी से पीड़ित है, तो वायरस कम हो जाएगा.

8. चिकित्सा के दौरान ध्यान रखें कि डॉक्टर डिस्पोजेबल उपकरण का इस्तेमाल करे.

9. आप अपनी रिपोर्ट की डिजिटल माध्यम से मांग करें, ताकि रिपोर्ट की हार्ड कॉपी लेने क्लीनिक न जाना पड़े.

10. अपने डेंटिस्ट द्वारा बताई गई दवाइयों का ठीक से सेवन करें.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी मरीज और डेंटिस्ट के लिए कुछ सुझाव दिये है:

मरीजों के लिए

  • कलाई घड़ी, हाथ और शरीर के आभूषण पहनना और अतिरिक्त सामान बैग आदि लाने से बचे या कम करे.
  • जहां तक हो सके दंत चिकित्सा सुविधा में शौचालय का उपयोग करने से बचें, घर पर स्वयं के शौचालय का उपयोग करें.
  • प्रवेश द्वार पर शरीर के तापमान की जांच कराएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें.
  • सामाजिक दूरी बनाए रखें.

डेंटिस्ट के लिए

  • समय-समय पर अपने क्लिनिक की उचित कीटाणुशोधन सुनिश्चित करें.
  • कैशलेस लेनदेन को प्रोत्साहित करें.
  • वेटिंग कुर्सियों को कम से कम एक मीटर की दूरी पर रखें.
  • खिड़कियों को खोलकर प्राकृतिक हवा के संचलन को बनाए रखें और कमरे में हवा को बाहर निकालने के लिए एक स्वतंत्र निकास ब्लोअर का उपयोग करें.
  • रोगियों को इस्तेमाल किए गए कागज को फेकने के लिए ढक्कन वाले कूड़ेदान की व्यवस्था करें.
  • कर्मचारियों के लिए कपड़े बदलने या कीटाणुशोधन जैसी गतिविधियों के लिए क्षेत्र निर्धारित करें.
  • कपड़े के तौलिये की जगह डिस्पोजेबल पेपर तौलिये का इस्तेमाल करें.

डॉक्टरों द्वारा अपने रोगियों के इलाज के लिए उचित सुरक्षा बनाए रखी जाती है और लोगों को इसका उचित पालन करना चाहिए. लोगों को यह समझना चाहिए कि हमारा देश धीरे-धीरे अनलॉक हो रहा है और गतिविधियां सामान्य हो रही हैं, फिर भी घर पर रहना ही बेहतर विकल्प है. जब तक कोई आपातकालीन स्थिति न हो, घर के बाहर निकलना टालें. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी सलाह देता है कि पहले टेली-परामर्श या टेली-स्क्रीनिंग को प्राथमिकता दें, जब तक किसी की क्लिनिक में जाकर इलाज करने की स्थिति न हो. 'आपकी सुरक्षा आपके हाथों में है'.

दांंतों की देखभाल हमारे स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और खासकर जब हम कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के बीच रह रहे हैं. हम सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस मुंह के साथ-साथ नाक और आंखों से भी फैल सकता है. इसलिए, अपने दांतों की चिकित्सा के दौरान खास ध्यान देना जरूरी हो जाता है. हैदराबाद के साई लीला डेंटल क्लिनिक के बीडीएस डॉ. ऋषिकेश गोल्लापुडी का कहना है कि ऐसी स्थिति में थोड़ी अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है. खासकर तब जब आपकी डेंटिस्ट के साथ नियुक्ति हो. उन्होंने डेंटिस्ट के पास जाने के लिए विशेष उपायों को ध्यान में रखने की सलाह दी है:

1. भीड़-भाड़ से बचने के लिए क्लीनिक जाने से पहले डॉक्टर को फोन कर नियुक्ति ले लें.

2. क्लीनिक में दूसरे मरीजों से उचित शारीरिक दूरी बनाएं.

3. क्लीनिक जाने से बचने के लिए फोन पर सलाह देने की मांग करें.

4. डेंटिस्ट के पास जाने से पहले कही और न जाये. और जहां तक हो सके सीधे अपने घर से साफ कपड़ों में कलीनिक जायें और अपने घर वापस जाएं.

5. क्लीनिक जाने के लिए मास्क लगाना न भूलें.

6. डेंटल कुर्सी में बैठने से पहले अपने कीमती सामान निकाल कर रूम के बाहर रख दें या कम से कम सामान के साथ क्लीनिक जाएं.

7. मरीज को माउथवॉश दिया जाता है, ताकि कोई व्यक्ति अगर कोरोना या किसी और बीमारी से पीड़ित है, तो वायरस कम हो जाएगा.

8. चिकित्सा के दौरान ध्यान रखें कि डॉक्टर डिस्पोजेबल उपकरण का इस्तेमाल करे.

9. आप अपनी रिपोर्ट की डिजिटल माध्यम से मांग करें, ताकि रिपोर्ट की हार्ड कॉपी लेने क्लीनिक न जाना पड़े.

10. अपने डेंटिस्ट द्वारा बताई गई दवाइयों का ठीक से सेवन करें.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी मरीज और डेंटिस्ट के लिए कुछ सुझाव दिये है:

मरीजों के लिए

  • कलाई घड़ी, हाथ और शरीर के आभूषण पहनना और अतिरिक्त सामान बैग आदि लाने से बचे या कम करे.
  • जहां तक हो सके दंत चिकित्सा सुविधा में शौचालय का उपयोग करने से बचें, घर पर स्वयं के शौचालय का उपयोग करें.
  • प्रवेश द्वार पर शरीर के तापमान की जांच कराएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें.
  • सामाजिक दूरी बनाए रखें.

डेंटिस्ट के लिए

  • समय-समय पर अपने क्लिनिक की उचित कीटाणुशोधन सुनिश्चित करें.
  • कैशलेस लेनदेन को प्रोत्साहित करें.
  • वेटिंग कुर्सियों को कम से कम एक मीटर की दूरी पर रखें.
  • खिड़कियों को खोलकर प्राकृतिक हवा के संचलन को बनाए रखें और कमरे में हवा को बाहर निकालने के लिए एक स्वतंत्र निकास ब्लोअर का उपयोग करें.
  • रोगियों को इस्तेमाल किए गए कागज को फेकने के लिए ढक्कन वाले कूड़ेदान की व्यवस्था करें.
  • कर्मचारियों के लिए कपड़े बदलने या कीटाणुशोधन जैसी गतिविधियों के लिए क्षेत्र निर्धारित करें.
  • कपड़े के तौलिये की जगह डिस्पोजेबल पेपर तौलिये का इस्तेमाल करें.

डॉक्टरों द्वारा अपने रोगियों के इलाज के लिए उचित सुरक्षा बनाए रखी जाती है और लोगों को इसका उचित पालन करना चाहिए. लोगों को यह समझना चाहिए कि हमारा देश धीरे-धीरे अनलॉक हो रहा है और गतिविधियां सामान्य हो रही हैं, फिर भी घर पर रहना ही बेहतर विकल्प है. जब तक कोई आपातकालीन स्थिति न हो, घर के बाहर निकलना टालें. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी सलाह देता है कि पहले टेली-परामर्श या टेली-स्क्रीनिंग को प्राथमिकता दें, जब तक किसी की क्लिनिक में जाकर इलाज करने की स्थिति न हो. 'आपकी सुरक्षा आपके हाथों में है'.

Last Updated : Jun 30, 2020, 10:51 AM IST
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