ETV Bharat / sukhibhava

पोस्टमेनोपॉजल ब्लीडिंग गंभीर रोगों का संकेत भी हो सकती है, Cancer के खास लक्षणों में एक

Menopause यानी मासिक चक्र के बंद होने के बाद किसी महिला को योनि से हल्का या ज्यादा मात्रा में रक्तस्राव होना कई बार किसी गंभीर रोग का संकेत हो सकता है. postmenopausal bleeding नाम से जानी जाने वाली इस अवस्था को endometrial cancer के खास लक्षणों में एक भी माना जाता है. पोस्टमेनोपॉजल ब्लीडिंग एक ऐसी समस्या है जिसे अनदेखा करना महिलाओं के स्वास्थ्य पर काभी भारी पड़ सकता है. हालांकि यह कई कारणों से हो सकती है लेकिन इसके लिए जिम्मेदार ज्यादातर कारणों को जटिल स्वास्थ्य समस्याओं की श्रेणी में ही रखा जाता है. Postmenopausal bleeding sign of serious diseases in women

bleeding postmenopausal
मेनोपॉज
author img

By

Published : Aug 28, 2022, 10:05 PM IST

Updated : Aug 29, 2022, 1:22 PM IST

रजोनिवृत्ति (Menopause) यानी मासिक चक्र के बंद होने के बाद किसी महिला को योनि से हल्का या ज्यादा मात्रा में रक्तस्राव होना कई बार किसी गंभीर रोग का संकेत हो सकता है. पोस्टमेनोपॉजल ब्लीडिंग (postmenopausal bleeding) नाम से जानी जाने वाली इस अवस्था को एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial cancer) के खास लक्षणों में एक भी माना जाता है. लेकिन यदि किसी महिला को अगर यह समस्या हो रही है तो जरूरी नहीं है की उसे कैंसर ही हो, क्योंकि कई बार हार्मोनल बदलाव या अन्य कुछ आम व जटिल समस्याओं के चलते भी महिलाओं को रजोनिवृत्ति के बाद योनि से रक्तस्राव होने की समस्या हो सकती है. Postmenopausal bleeding sign of serious diseases in women .

मेनोपॉज और पेरिमेनोपॉज : उत्तराखंड की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ विजय लक्ष्मी (Dr Vijay Lakshmi gynecologist) बताती हैं कि सामान्य तौर पर 45 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं में माहवारी बंद होने की प्रक्रिया की शुरुआत होने लगती है. माहवारी या मासिक चक्र बंद होने को रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज कहा जाता है. रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हर महीने पीरियड आना बंद हो जाता है. हालांकि मेनोपॉज से पहले आमतौर पर महिलायें पेरी मेनोपॉज की अवस्था से भी गुजरती हैं जिसमें उनके शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव भी देखने में आते हैं. इस अवधि में कई महिलाओं को अनियमित पीरियड जैसे लंबे समय तक पीरियड ना आना या रक्तस्राव की मात्रा का कम या बहुत ज्यादा होना और पीरियड साइकिल में लगातार बदलाव सहित कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वहीं यदि एक आयु के बाद किसी महिला को लगभग एक साल तक माहवारी ना हो तो उसे रजोनिवृत्ति मान लिया जाता है.

पोस्टमेनोपॉज़ल ब्लीडिंग के कारण : वह बताती हैं कि कभी-कभी रजोनिवृत्ति होने के बाद भी कुछ अवस्थाओं में महिलाओं को कुछ अवधि तक योनि से ब्लीडिंग हो सकती है. विशेषतौर पर ऐसी महिलायें जो हार्मोन थेरेपी ले रही हों या एस्‍ट्रोजन व प्रोजेस्‍टोजन हार्मोन की दवाइयाँ ले रही हों या फिर साइकिलिक हार्मोन थेरेपी ले रहीं हो उनमें कभी-कभी हल्की ब्लीडिंग हो सकती है. लेकिन सामान्य अवस्था में यदि रजोनिवृत्ति के बाद किसी महिला को योनि से कम या ज्यादा मात्रा में रक्तस्राव हो रहा हो तो कई बार यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं कि रजोनिवृत हो चुकी महिलाओं में से लगभग 10% महिलाओं में पोस्टमेनोपॉज़ल ब्लीडिंग की समस्या नजर आती है. जिसके लिए कई गंभीर रोगों के साथ ही यौन संक्रमण, योनि म्यूकोसा या एंडोमेट्रियम सहित आम समस्याओं व रोगों को भी जिम्मेदार माना जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं कि रजोनिवृत हो चुकी महिलाओं में से लगभग 10% महिलाओं में पोस्टमेनोपॉज़ल ब्लीडिंग की समस्या नजर आती है. जिसके लिए कई गंभीर रोगों के साथ ही यौन संक्रमण, योनि म्यूकोसा या एंडोमेट्रियम सहित आम समस्याओं व रोगों को भी जिम्मेदार माना जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • एट्रोफिक योनिनाइटिस (Atrophic vaginitis): रजोनिवृत्ति के दौरान या बाद में शरीर में हार्मोन के स्तर में काफी गिरावट आ सकती हैं. जिससे कई बार योनि और गर्भाशय के ऊतकों में शुष्कता व सूजन भी आ सकती है. जिसके कारण सेक्स के बाद या सामान्य तौर पर भी योनि से रक्तस्राव हो सकता है.
  • एंडोमेट्रियल पॉलीप्स (Endometrial polyps) : एंडोमेट्रियल पॉलीप्स, जिन्हें गर्भाशय पॉलीप्स भी कहा जाता है, दरअसल एक प्रकार का ट्यूमर होता है जो एंडोमेट्रियम में अतिवृद्धि के चलते होते हैं. ये ज्यादातर मामलों में कैंसर नहीं होते हैं और असुविधा का कारण भी नहीं बनते हैं. लेकिन यदि गर्भाशय में इनकी संख्या एक से अधिक हो या इनका आकार बड़ा होने तो यह रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव का कारण बन सकते हैं.
  • एंडोमेट्रियल एट्रोफी (Endometrial atrophy) : एंडोमेट्रियल एट्रोफी में महिला के गर्भाशय की रेखाएं रजोनिवृत्ति के बाद शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का स्तर निम्न होने के चलते पतली होने लगती हैं. गर्भाशय की लाइनिंग के ज्यादा पतला होने की अवस्था में भी योनि से रक्तस्राव हो सकता है.
  • यूट्रस फाइब्रॉएड (Uterus fibroids) : यूट्रस फाइब्रॉएड या गर्भाशय फाइब्रॉएड दरअसल गर्भाशय की दीवारों पर होने वाली मांसपेशियों व कोशिकाओं की गांठों को कहा जाता हैं. जो की ट्यूमर का ही एक प्रकार माना जाता है. यह संख्या में एक या एक से ज्यादा ज्यादा हो सकती है. इसे लियम्योमा या म्योमा भी कहा जाता है. यह समस्या भी कई बार जटिल होने पर पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में अचानक रक्तस्राव का कारण बन सकती है.
  • एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया (Endometrial hyperplasia) : एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया भी कई बार रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव का कारण बन सकता है.
  • एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial cancer) : एंडोमेट्रियल कैंसर या गर्भाशय का कैंसर होने की अवस्था में भी मेनोपॉज के बाद योनि से असामान्य रक्तस्राव हो सकता है. इसे गर्भाशय के कैंसर के मुख्य लक्षणों में से एक भी माना जाता है. आंकड़ों की माने तो इस प्रकार के कैंसर से पीड़ित लगभग 90% पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में योनि से रक्तस्राव की समस्या पाई जाती है.
  • यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Diseases) (STD) : रजोनिवृत्ति के बाद असामान्य स्पॉटिंग या रक्तस्राव के लिए कई बार क्लैमाइडिया, हर्पीज और गोनोरिया जैसे यौन संचारित रोग भी जिम्मेदार हो सकते हैं.

अनदेखा न करें लक्षण (Symptoms) : डॉ विजय लक्ष्मी बताती हैं कि रजोनिवृत्ति के बाद यदि महिलायें हल्की स्पॉटिंग या ज्यादा मात्रा में रक्तस्राव होने की समस्या का सामना करती हैं तो उन्हे तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेकर अपने स्वास्थ्य की पूर्ण नैदानिक जांच करानी चाहिए. आमतौर पर इस प्रकार की समस्या होने पर चिकित्सक पीड़ित के सभी लक्षणों को ध्यान में रखते हुए जरूरतानुसार खून की जांच, पैप-स्मीयर, एंडोमेट्रियल बॉयोप्सी, सोनोग्राफी और डीएनसी आदि जांच करने की सलाह देते हैं.

वह बताती हैं कि कई बार पेरामेनोपॉज के दौरान भी कुछ महिलाओं को ज्यादा अवधि तक महावारी नहीं होती है, जिसे कई महिलायें मेनोपॉज समझने लगती हैं. वहीं जब कुछ समय बाद महिला को कभी हल्का तो कभी ज्यादा रक्तस्राव होने लगता है तो वे उसे मेनोपॉज के उपरांत रक्तस्राव से संदर्भित करने लगती हैं. महिला को मेनोपॉज हुआ है या नहीं इस बात की पुष्टि के लिए चिकित्सक आमतौर पर एक विशेष प्रकार की रक्त जांच कराने की सलाह देते हैं. जिसके नतीजे मेनोपॉज होने या ना होने की पुष्टि कर सकते हैं.

वह बताती हैं कि कारण चाहे जो भी हो, रजोनिवृत्ति के बाद भी हल्की स्पॉटिंग या ज्यादा रक्तस्राव होने की समस्या को बिल्कुल अनदेखा नहीं करना चाहिए और चिकित्सक से तत्काल जांच और इलाज करवाना चाहिए. इसके अलावा महिलाओं के लिए सालाना या चिकित्सक की सलाह पर पैप-स्मीयर टेस्ट या अन्य जांच करवाना भी काफी लाभकारी हो सकता है. क्योंकि ऐसा करने से समस्याओं के शुरुआती लक्षण नजर आते ही उनका इलाज शुरू करवाया जा सकता हैं.

प्री मेनोपॉज में पोषणयुक्त आहार के साथ स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना जरूरी

रजोनिवृत्ति (Menopause) यानी मासिक चक्र के बंद होने के बाद किसी महिला को योनि से हल्का या ज्यादा मात्रा में रक्तस्राव होना कई बार किसी गंभीर रोग का संकेत हो सकता है. पोस्टमेनोपॉजल ब्लीडिंग (postmenopausal bleeding) नाम से जानी जाने वाली इस अवस्था को एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial cancer) के खास लक्षणों में एक भी माना जाता है. लेकिन यदि किसी महिला को अगर यह समस्या हो रही है तो जरूरी नहीं है की उसे कैंसर ही हो, क्योंकि कई बार हार्मोनल बदलाव या अन्य कुछ आम व जटिल समस्याओं के चलते भी महिलाओं को रजोनिवृत्ति के बाद योनि से रक्तस्राव होने की समस्या हो सकती है. Postmenopausal bleeding sign of serious diseases in women .

मेनोपॉज और पेरिमेनोपॉज : उत्तराखंड की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ विजय लक्ष्मी (Dr Vijay Lakshmi gynecologist) बताती हैं कि सामान्य तौर पर 45 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं में माहवारी बंद होने की प्रक्रिया की शुरुआत होने लगती है. माहवारी या मासिक चक्र बंद होने को रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज कहा जाता है. रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हर महीने पीरियड आना बंद हो जाता है. हालांकि मेनोपॉज से पहले आमतौर पर महिलायें पेरी मेनोपॉज की अवस्था से भी गुजरती हैं जिसमें उनके शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव भी देखने में आते हैं. इस अवधि में कई महिलाओं को अनियमित पीरियड जैसे लंबे समय तक पीरियड ना आना या रक्तस्राव की मात्रा का कम या बहुत ज्यादा होना और पीरियड साइकिल में लगातार बदलाव सहित कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वहीं यदि एक आयु के बाद किसी महिला को लगभग एक साल तक माहवारी ना हो तो उसे रजोनिवृत्ति मान लिया जाता है.

पोस्टमेनोपॉज़ल ब्लीडिंग के कारण : वह बताती हैं कि कभी-कभी रजोनिवृत्ति होने के बाद भी कुछ अवस्थाओं में महिलाओं को कुछ अवधि तक योनि से ब्लीडिंग हो सकती है. विशेषतौर पर ऐसी महिलायें जो हार्मोन थेरेपी ले रही हों या एस्‍ट्रोजन व प्रोजेस्‍टोजन हार्मोन की दवाइयाँ ले रही हों या फिर साइकिलिक हार्मोन थेरेपी ले रहीं हो उनमें कभी-कभी हल्की ब्लीडिंग हो सकती है. लेकिन सामान्य अवस्था में यदि रजोनिवृत्ति के बाद किसी महिला को योनि से कम या ज्यादा मात्रा में रक्तस्राव हो रहा हो तो कई बार यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं कि रजोनिवृत हो चुकी महिलाओं में से लगभग 10% महिलाओं में पोस्टमेनोपॉज़ल ब्लीडिंग की समस्या नजर आती है. जिसके लिए कई गंभीर रोगों के साथ ही यौन संक्रमण, योनि म्यूकोसा या एंडोमेट्रियम सहित आम समस्याओं व रोगों को भी जिम्मेदार माना जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं कि रजोनिवृत हो चुकी महिलाओं में से लगभग 10% महिलाओं में पोस्टमेनोपॉज़ल ब्लीडिंग की समस्या नजर आती है. जिसके लिए कई गंभीर रोगों के साथ ही यौन संक्रमण, योनि म्यूकोसा या एंडोमेट्रियम सहित आम समस्याओं व रोगों को भी जिम्मेदार माना जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • एट्रोफिक योनिनाइटिस (Atrophic vaginitis): रजोनिवृत्ति के दौरान या बाद में शरीर में हार्मोन के स्तर में काफी गिरावट आ सकती हैं. जिससे कई बार योनि और गर्भाशय के ऊतकों में शुष्कता व सूजन भी आ सकती है. जिसके कारण सेक्स के बाद या सामान्य तौर पर भी योनि से रक्तस्राव हो सकता है.
  • एंडोमेट्रियल पॉलीप्स (Endometrial polyps) : एंडोमेट्रियल पॉलीप्स, जिन्हें गर्भाशय पॉलीप्स भी कहा जाता है, दरअसल एक प्रकार का ट्यूमर होता है जो एंडोमेट्रियम में अतिवृद्धि के चलते होते हैं. ये ज्यादातर मामलों में कैंसर नहीं होते हैं और असुविधा का कारण भी नहीं बनते हैं. लेकिन यदि गर्भाशय में इनकी संख्या एक से अधिक हो या इनका आकार बड़ा होने तो यह रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव का कारण बन सकते हैं.
  • एंडोमेट्रियल एट्रोफी (Endometrial atrophy) : एंडोमेट्रियल एट्रोफी में महिला के गर्भाशय की रेखाएं रजोनिवृत्ति के बाद शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का स्तर निम्न होने के चलते पतली होने लगती हैं. गर्भाशय की लाइनिंग के ज्यादा पतला होने की अवस्था में भी योनि से रक्तस्राव हो सकता है.
  • यूट्रस फाइब्रॉएड (Uterus fibroids) : यूट्रस फाइब्रॉएड या गर्भाशय फाइब्रॉएड दरअसल गर्भाशय की दीवारों पर होने वाली मांसपेशियों व कोशिकाओं की गांठों को कहा जाता हैं. जो की ट्यूमर का ही एक प्रकार माना जाता है. यह संख्या में एक या एक से ज्यादा ज्यादा हो सकती है. इसे लियम्योमा या म्योमा भी कहा जाता है. यह समस्या भी कई बार जटिल होने पर पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में अचानक रक्तस्राव का कारण बन सकती है.
  • एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया (Endometrial hyperplasia) : एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया भी कई बार रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव का कारण बन सकता है.
  • एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial cancer) : एंडोमेट्रियल कैंसर या गर्भाशय का कैंसर होने की अवस्था में भी मेनोपॉज के बाद योनि से असामान्य रक्तस्राव हो सकता है. इसे गर्भाशय के कैंसर के मुख्य लक्षणों में से एक भी माना जाता है. आंकड़ों की माने तो इस प्रकार के कैंसर से पीड़ित लगभग 90% पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में योनि से रक्तस्राव की समस्या पाई जाती है.
  • यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Diseases) (STD) : रजोनिवृत्ति के बाद असामान्य स्पॉटिंग या रक्तस्राव के लिए कई बार क्लैमाइडिया, हर्पीज और गोनोरिया जैसे यौन संचारित रोग भी जिम्मेदार हो सकते हैं.

अनदेखा न करें लक्षण (Symptoms) : डॉ विजय लक्ष्मी बताती हैं कि रजोनिवृत्ति के बाद यदि महिलायें हल्की स्पॉटिंग या ज्यादा मात्रा में रक्तस्राव होने की समस्या का सामना करती हैं तो उन्हे तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेकर अपने स्वास्थ्य की पूर्ण नैदानिक जांच करानी चाहिए. आमतौर पर इस प्रकार की समस्या होने पर चिकित्सक पीड़ित के सभी लक्षणों को ध्यान में रखते हुए जरूरतानुसार खून की जांच, पैप-स्मीयर, एंडोमेट्रियल बॉयोप्सी, सोनोग्राफी और डीएनसी आदि जांच करने की सलाह देते हैं.

वह बताती हैं कि कई बार पेरामेनोपॉज के दौरान भी कुछ महिलाओं को ज्यादा अवधि तक महावारी नहीं होती है, जिसे कई महिलायें मेनोपॉज समझने लगती हैं. वहीं जब कुछ समय बाद महिला को कभी हल्का तो कभी ज्यादा रक्तस्राव होने लगता है तो वे उसे मेनोपॉज के उपरांत रक्तस्राव से संदर्भित करने लगती हैं. महिला को मेनोपॉज हुआ है या नहीं इस बात की पुष्टि के लिए चिकित्सक आमतौर पर एक विशेष प्रकार की रक्त जांच कराने की सलाह देते हैं. जिसके नतीजे मेनोपॉज होने या ना होने की पुष्टि कर सकते हैं.

वह बताती हैं कि कारण चाहे जो भी हो, रजोनिवृत्ति के बाद भी हल्की स्पॉटिंग या ज्यादा रक्तस्राव होने की समस्या को बिल्कुल अनदेखा नहीं करना चाहिए और चिकित्सक से तत्काल जांच और इलाज करवाना चाहिए. इसके अलावा महिलाओं के लिए सालाना या चिकित्सक की सलाह पर पैप-स्मीयर टेस्ट या अन्य जांच करवाना भी काफी लाभकारी हो सकता है. क्योंकि ऐसा करने से समस्याओं के शुरुआती लक्षण नजर आते ही उनका इलाज शुरू करवाया जा सकता हैं.

प्री मेनोपॉज में पोषणयुक्त आहार के साथ स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना जरूरी

Last Updated : Aug 29, 2022, 1:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.