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चीन में न्यू कोरोना वायरस वैक्सीन का तीसरा चरण परीक्षण संतोषजनक

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Published : Oct 22, 2020, 4:12 PM IST

Updated : Oct 23, 2020, 10:15 AM IST

चीन द्वारा विकसित की जा रही कोरोना वायरस वैक्सीन के तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण किया गया. जिनकी रिपोर्ट में कोई गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रिया नजर नहीं आ रही है. वायरस के जीनोम अनुक्रमण का विश्लेषण करने से पता चला है कि वायरस का उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) स्पष्ट नहीं है.

Chinese Ministry of Science and Technology
चीनी विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय

चीनी विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सामाजिक विकास प्रौद्योगिकी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी थेन पाओक्वो ने 20 अक्टूबर को कहा कि अभी तक साठ हजार लोग चीन के न्यू कोरोना वायरस वैक्सीन के तीसरे चरण नैदानिक परीक्षण में शामिल हुए हैं. और उनमें गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि अनुसंधान से साबित हुआ है कि नए कोरोनावायरस के उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) का टीका विकसित करने पर कोई वास्तविक प्रभाव नहीं पड़ता है.

थेन के मुताबिक चीनी टीका अनुसंधान दल हमेशा वायरस के उत्परिवर्तन पर बड़ा ध्यान देता है और देश की 30 से अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थाओं से इस पर अध्ययन करने का आह्वान किया. अभी तक विश्व डेटा भंडार में करीब 1.5 लाख नए कोरोनावायरस के जीनोम अनुक्रमण मौजूद हैं, जो विश्व के 100 से अधिक देशों और क्षेत्रों में फैले हैं. 80 हजार से ज्यादा उच्च गुणवत्ता वाले वायरस के जीनोम अनुक्रमण का विश्लेषण करने के बाद पता चला है कि वायरस का उत्परिवर्तन स्पष्ट नहीं है, जो सामान्य दायरे के अंदर सीमित है. इसलिए इसका टीकों के विकास पर बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है.

उधर, चीन के सायनोफार्म ग्रुप के बोर्ड अध्यक्ष ल्यू चींग चेन ने कहा कि इस ग्रुप के तहत पेइचिंग व वूहान दो अनुसंधानशालों द्वारा उत्पादित दो किस्म निष्क्रिय वैक्सीन का तीसरे चरण नैदानिक परीक्षण संयुक्त अरब अमीरात समेत दस देशों में किया जा रहा है. अब तक 50 हजार से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है और गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की कोई रिपोर्ट नहीं आयी.

वहीं, पेइचिंग की एक जैव प्रौद्योगिकी कंपनी के प्रमुख काओ छ्यांग ने कहा कि कंपनी ने ब्राजील, इंडोनेशिया और तुर्की में अपने सहयोगियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय मानक के मुताबिक प्रतिकूल प्रतिक्रिया निगरानी प्रणाली कायम की है. और अब तक गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं का मामला पता नहीं लगा है.

चीनी विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सामाजिक विकास प्रौद्योगिकी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी थेन पाओक्वो ने 20 अक्टूबर को कहा कि अभी तक साठ हजार लोग चीन के न्यू कोरोना वायरस वैक्सीन के तीसरे चरण नैदानिक परीक्षण में शामिल हुए हैं. और उनमें गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि अनुसंधान से साबित हुआ है कि नए कोरोनावायरस के उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) का टीका विकसित करने पर कोई वास्तविक प्रभाव नहीं पड़ता है.

थेन के मुताबिक चीनी टीका अनुसंधान दल हमेशा वायरस के उत्परिवर्तन पर बड़ा ध्यान देता है और देश की 30 से अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थाओं से इस पर अध्ययन करने का आह्वान किया. अभी तक विश्व डेटा भंडार में करीब 1.5 लाख नए कोरोनावायरस के जीनोम अनुक्रमण मौजूद हैं, जो विश्व के 100 से अधिक देशों और क्षेत्रों में फैले हैं. 80 हजार से ज्यादा उच्च गुणवत्ता वाले वायरस के जीनोम अनुक्रमण का विश्लेषण करने के बाद पता चला है कि वायरस का उत्परिवर्तन स्पष्ट नहीं है, जो सामान्य दायरे के अंदर सीमित है. इसलिए इसका टीकों के विकास पर बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है.

उधर, चीन के सायनोफार्म ग्रुप के बोर्ड अध्यक्ष ल्यू चींग चेन ने कहा कि इस ग्रुप के तहत पेइचिंग व वूहान दो अनुसंधानशालों द्वारा उत्पादित दो किस्म निष्क्रिय वैक्सीन का तीसरे चरण नैदानिक परीक्षण संयुक्त अरब अमीरात समेत दस देशों में किया जा रहा है. अब तक 50 हजार से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है और गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की कोई रिपोर्ट नहीं आयी.

वहीं, पेइचिंग की एक जैव प्रौद्योगिकी कंपनी के प्रमुख काओ छ्यांग ने कहा कि कंपनी ने ब्राजील, इंडोनेशिया और तुर्की में अपने सहयोगियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय मानक के मुताबिक प्रतिकूल प्रतिक्रिया निगरानी प्रणाली कायम की है. और अब तक गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं का मामला पता नहीं लगा है.

Last Updated : Oct 23, 2020, 10:15 AM IST
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