ETV Bharat / sukhibhava

Study On Paper Cups : प्रकृति में पहुंचने पर प्लास्टिक के बराबर जहरीले होते हैं कागज के कप: अध्ययन

हममें से ज्यादातर लोग मानते हैं कि प्लास्टिक से पर्यावरण को ज्यादा नुकसान होता है. इसके बदले में कागज या अन्य वस्तुओं के उपयोग पर बल दिया जाता है ताकि पर्यावरण को न के बराबर नुकसान हो. लेकिन ताजा शोध में खुलासा हुआ है कि कागज के कप प्रकृति में पहुंचने पर प्लास्टिक के बराबर जहरीले होते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Study On Paper Cups
कागज के कप से प्रदूषण
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 26, 2023, 7:49 PM IST

नई दिल्ली : जहरीले रसायनों से बचने के लिए पेपर कप प्लास्टिक कप का कोई विकल्प नहीं है. वैज्ञानिकों के अनुसार पेपर कप (पेपर ढक्कन के साथ) यूज के बाद फेंके जाने पर प्रकृति में पहुंचने पर जीवित जीवों को भी नुकसान पहुंचा सकती है. पृथ्वी के ज्यादातर हिस्सों में जीवित चीजों को नुकसान करने वाले प्लास्टिक प्रदूषण की रिपोर्ट ने वैकल्पिक सामग्रियों की ओर बदलाव को तेज कर दिया है. हालांकि, पेपर कप प्लास्टिक कप की तरह ही जहरीले होते हैं.

स्वीडन में गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने तितली मच्छर के लार्वा पर विभिन्न सामग्रियों से बने डिस्पोजेबल कप के प्रभाव का परीक्षण करते हुए एक अध्ययन में यह पाया गया है. गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर बेथानी कार्नी अल्मरोथ ने कहा, 'हमने कुछ सप्‍ताह के लिए कागज के कप और प्लास्टिक के कप को गीली तलछट और पानी में छोड़ दिया और देखा कि उनसे निकलने वाले रसायनों ने लार्वा को कैसे प्रभावित किया. सभी मगों ने लार्वा के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाला.'

खाद्य पैकेजिंग सामग्री में उपयोग किए जाने वाले कागज की सतह पर प्‍लास्टिक की कोटिंग चढ़ाई जाती है. यह प्लास्टिक कागज को कॉफी से बचाता है. आजकल, प्लास्टिक फिल्म अक्सर पॉलीलैक्टाइड, पीएलए से बनी होती है जो एक प्रकार का बायोप्लास्टिक है.
बायोप्लास्टिक्स का उत्पादन जीवाश्म ईंधन की बजाय नवीकरणीय संसाधनों (पीएलए का उत्पादन आमतौर पर मक्का, कसावा या गन्ने से होता है) से किया जाता है, जैसा कि बाजार में 99 प्रतिशत प्लास्टिक के मामले में होता है.

पर्यावरण प्रदूषण जर्नल (Environmental Pollution Journal) में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, पीएलए को अक्सर बायोडिग्रेडेबल माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह सही परिस्थितियों में तेल आधारित प्लास्टिक की तुलना में तेजी से टूट सकता है, लेकिन फिर भी यह जहरीला हो सकता है.

बायोप्लास्टिक जब पर्यावरण में, पानी में पहुंचते हैं तो प्रभावी ढंग से नहीं टूटते हैं. अल्मरोथ ने कहा, 'ऐसा जोखिम हो सकता है कि प्लास्टिक प्रकृति में बना रहे और परिणामी माइक्रोप्लास्टिक्स सामान्‍य प्‍लास्टिक की तरह ही जानवरों और मनुष्यों की आहार श्रृंखला में प्रवेश कर सकता है. बायोप्लास्टिक में पारंपरिक प्लास्टिक जितने ही रसायन होते हैं.' अध्‍ययन रिपोर्ट में कहा गया है, 'प्लास्टिक में कुछ रसायन विषैले माने जाते हैं, अन्य के बारे में जानकारी का अभाव है. कागज की पैकेजिंग अन्य सामग्रियों की तुलना में संभावित स्वास्थ्य खतरा भी प्रस्तुत करती है.

नई दिल्ली : जहरीले रसायनों से बचने के लिए पेपर कप प्लास्टिक कप का कोई विकल्प नहीं है. वैज्ञानिकों के अनुसार पेपर कप (पेपर ढक्कन के साथ) यूज के बाद फेंके जाने पर प्रकृति में पहुंचने पर जीवित जीवों को भी नुकसान पहुंचा सकती है. पृथ्वी के ज्यादातर हिस्सों में जीवित चीजों को नुकसान करने वाले प्लास्टिक प्रदूषण की रिपोर्ट ने वैकल्पिक सामग्रियों की ओर बदलाव को तेज कर दिया है. हालांकि, पेपर कप प्लास्टिक कप की तरह ही जहरीले होते हैं.

स्वीडन में गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने तितली मच्छर के लार्वा पर विभिन्न सामग्रियों से बने डिस्पोजेबल कप के प्रभाव का परीक्षण करते हुए एक अध्ययन में यह पाया गया है. गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर बेथानी कार्नी अल्मरोथ ने कहा, 'हमने कुछ सप्‍ताह के लिए कागज के कप और प्लास्टिक के कप को गीली तलछट और पानी में छोड़ दिया और देखा कि उनसे निकलने वाले रसायनों ने लार्वा को कैसे प्रभावित किया. सभी मगों ने लार्वा के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाला.'

खाद्य पैकेजिंग सामग्री में उपयोग किए जाने वाले कागज की सतह पर प्‍लास्टिक की कोटिंग चढ़ाई जाती है. यह प्लास्टिक कागज को कॉफी से बचाता है. आजकल, प्लास्टिक फिल्म अक्सर पॉलीलैक्टाइड, पीएलए से बनी होती है जो एक प्रकार का बायोप्लास्टिक है.
बायोप्लास्टिक्स का उत्पादन जीवाश्म ईंधन की बजाय नवीकरणीय संसाधनों (पीएलए का उत्पादन आमतौर पर मक्का, कसावा या गन्ने से होता है) से किया जाता है, जैसा कि बाजार में 99 प्रतिशत प्लास्टिक के मामले में होता है.

पर्यावरण प्रदूषण जर्नल (Environmental Pollution Journal) में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, पीएलए को अक्सर बायोडिग्रेडेबल माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह सही परिस्थितियों में तेल आधारित प्लास्टिक की तुलना में तेजी से टूट सकता है, लेकिन फिर भी यह जहरीला हो सकता है.

बायोप्लास्टिक जब पर्यावरण में, पानी में पहुंचते हैं तो प्रभावी ढंग से नहीं टूटते हैं. अल्मरोथ ने कहा, 'ऐसा जोखिम हो सकता है कि प्लास्टिक प्रकृति में बना रहे और परिणामी माइक्रोप्लास्टिक्स सामान्‍य प्‍लास्टिक की तरह ही जानवरों और मनुष्यों की आहार श्रृंखला में प्रवेश कर सकता है. बायोप्लास्टिक में पारंपरिक प्लास्टिक जितने ही रसायन होते हैं.' अध्‍ययन रिपोर्ट में कहा गया है, 'प्लास्टिक में कुछ रसायन विषैले माने जाते हैं, अन्य के बारे में जानकारी का अभाव है. कागज की पैकेजिंग अन्य सामग्रियों की तुलना में संभावित स्वास्थ्य खतरा भी प्रस्तुत करती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.