बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है, यह उन देशों के लिए एक दोहरी मार है, जो पहले से ही कोविड -19 के खिलाफ अपनी सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके संकेत और लक्षण भी बुखार के साथ श्वसन प्रणाली से संबंधित हैं. इसकी जटिलताओं और रोगियों द्वारा सामना किए जाने वाले अन्य मुद्दों के बारे में स्पष्टता नहीं है, इसलिए इस स्थिति से निपटने का कोई एक तरीका नहीं है.
आयुर्वेद के अनुसार अधिकांश बीमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की मजबूती पर निर्भर करती है. इसलिए किसी भी तरह की बीमारी से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ावा दें, एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करें, और अच्छे खाने की आदतों को चुने. दैनिक दिनचर्या, सुबह जल्दी उठना और समय पर सोना भी एक स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा है.
वर्क फ्रोम होम होने के कारण लोग अब दिन-रात काम करने लगे हैं, जिससे नींद की प्रक्रिया पर गहरा असर पड़ा है. डॉ. पूजा कोहली का कहना है कि इस तरह की जीवन शैली हमारी प्रतिरक्षा और शरीर के विभिन्न 'दोष' को प्रभावित करती है.
निरोगस्ट्रीट स्थित आयुर्वेद विकास की उपाध्यक्ष डॉ. पूजा कहती हैं, 'सबसे पहले, हम सभी को एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करने की आवश्यकता है, जिसमें समय पर स्वस्थ भोजन, अच्छी नींद, दैनिक व्यायाम और ध्यान शामिल है, जो हमारे मन के साथ-साथ आत्मा को भी स्वस्थ रखती है.'
अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को आकार में लाने और शरीर की लड़ाकू तंत्र को मजबूत करने के लिए डॉ. पूजा ने सरल तथा प्रभावशाली सुझावों का पालन करने का सुझाव दिया है;
- जड़ी-बूटियों का सेवन करें
बर्ड फ्लू जैसे संक्रमण से बचाव के लिए आप अपने दैनिक आहार में अदरक, लहसुन, हल्दी जैसी कुछ जड़ी बूटियों को शामिल कर सकते हैं. ये जड़ी-बूटियां शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत देती हैं और हमारे शरीर को संक्रमित होने से भी बचाती हैं.
- श्वसन तंत्र के स्वस्थ के लिए नास्या क्रिया
हर सुबह दोनों नाक में अनु तेल की दो से चार बूंदें डालने से श्वसन प्रणाली को ताकत मिलती है, इस थेरेपी को नास्या कहा जाता है. यह नाक के नलियों से प्रदूषक या बाहरी संक्रमणों को बाहर निकालने में मदद करता.
- ऑयल पुलिंग थेरेपी, गरारे और भांप से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालें
महत्वपूर्ण चिकित्सा में से एक ऑयल पुलिंग थेरेपी है, इसमें कुछ सेकंड के लिए मुंह में गुनगुने तेल को रखा जाता है, इसके बाद गुनगुने पानी में चुटकी भर नमक और हल्दी के साथ गरारे और फिर भांप लिया जाता है. ऑयल पुलिंग थेरेपी, गरारे और भांप विषाक्त पदार्थों को निकालने और प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करते हैं.
- अपने दिन की शुरुआत एक चम्मच च्यवनप्राश से करें
अपने दैनिक जीवन में एक और महत्वपूर्ण चीज जोड़ सकते है, वह है च्यवनप्राश का सेवन. हर सुबह नाश्ते के दौरान एक चम्मच च्यवनप्राश लेने से इम्युनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है और श्वसन तंत्र मजबूत होता है.
- हल्दी दूध
सोने से पहले, गोल्डन मिल्क यानी हल्दी दूध के सेवन से बुखार, सर्दी और बहती नाक जैसे लक्षणों से छुटकारा मिलता है.