ETV Bharat / sukhibhava

जानिए मुलेठी की खूबियां और सर्दियों में इस्तेमाल के फायदे - सर्दियों में लाभकारी है मुलेठी

आमतौर पर माना जाता है कि मुलेठी के सेवन से सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी समस्याओं में फायदा मिलता है, लेकिन मुलेठी के फायदे सिर्फ यही तक सीमित नहीं है. जानिए मुलेठी की खूबियां ... Mulethi benefits . Mulethi properties for winter . Ayurveda herb liquorice benefits .

Mulethi benefits . Mulethi properties for winter  .  Ayurveda herb liquorice benefits .
मुलेठी के फायदे
author img

By

Published : Nov 13, 2022, 12:38 AM IST

दिवाली के बाद जब मौसम में ठंडक शुरू होने लगती है आमतौर पर लोगों में सर्दी-जुकाम-बुखार और गले में दर्द जैसी समस्याएं नजर आने लगती हैं. दरअसल सर्दी की शुरुआत होने के साथ ही वातावरण में नमी भी बढ़ने लगती है जो कई तरह के संक्रमण के फैलने का कारण बनती हैं. ऐसे में कई लोग पहले से ही मौसम के प्रभाव से बचने के लिए घर में देसी, प्राकृतिक व आयुर्वेदिक नुस्खों का उपयोग करने लगते हैं. जो ना सिर्फ संक्रमण के प्रभाव से बचाये रखने में मदद कर सकते हैं बल्कि संक्रमण होने पर भी ठीक होने में मदद करते हैं.

आयुर्वेद में ऐसी कई औषधियों और जड़ी बूटियों का उल्लेख मिलता है जो ऐसी अवस्था में काफी लाभकारी होती है. ऐसी ही एक जड़ी-बूटी है मुलेठी. जिसका ना सिर्फ मूल रूप में बल्कि संयुक्त औषधी में भी इस्तेमाल किया जाता है. विशेषतौर पर मुलेठी के सर्दियों में इस्तेमाल के फायदे बहुत हैं. यह इतनी फायदेमंद मानी जाती है कि कई टूथपेस्ट, माउथ फ्रेशनर तथा मुखवास में भी मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता हैं.

मुलेठी के पोषक तत्व व गुण (Nutrients and properties of Licorice)
आयुर्वेद में मुलेठी को बेहद असरदार औषधि के रूप में मान्यता दी जाती है. इसे यष्टिमधु भी कहा जाता है. गौरतलब है कि मुलेठी में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक तथा एंटी माइक्रोबॉयल गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा मुलेठी में कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए-ई, आयरन, पोटेशियम, सेलेनियम, फास्फोरस, सिलिकॉन, जिंक,कैल्शियम, बीटा कैरोटीन, ग्लिसराइजिक एसिड तथा एंटीऑक्सीडेंट आदि पोषक तत्व समृद्ध मात्रा में पाए जाते हैं.

Mulethi benefits . Mulethi properties for winter  .  Ayurveda herb liquorice benefits .
औषधियों में मुलेठी का उपयोग

कई रोगों में लाभकारी है मुलेठी
मुंबई की आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर मनीषा काले (Dr Manisha Kale Mumbai Ayurvedic doctor) बताती हैं कि खांसी, जुखाम, गले व फेफड़ों में संक्रमण तथा मुंह व पेट संबंधी तथा कई अन्य प्रकार कि समस्याओं में दी जाने वाली औषधियों में मुलेठी का उपयोग किया जाता है. सिर्फ मिश्रित औषधी के रूप में ही नहीं बल्कि इसके मूल स्वरूप जैसे जड़, छाल या लकड़ी के चूर्ण, या उसे उबाल कर बनाए गए काढ़े का उपयोग भी सेहत को कई तरह से फायदे दे सकता है. इसके अलावा इसे उबालकर ठंडा कर विशेष रूप से तैयार किए गए पानी से नेत्र साफ करने या धोने से, त्वचा या घाव पर इसका लेप लगाने से भी समस्या में राहत मिलती है.

Dr Manisha Kale बताती हैं कि मुलेठी शरीर में वात और पित्त दोष को कम करती है. वहीं इसे प्राकृतिक ब्रोन्कोडायलेटर भी माना जाता है, जो श्वसन तंत्र में होने वाले संक्रमण के इलाज में काफी उपयोगी हो सकता है. इसका सेवन सांस की नलियों की सूजन को कम करने में, सर्दी-जुकाम-बुखार तथा संबंधित संक्रमण में, गले में सूजन व दर्द में तथा फेफड़ों संबंधी रोग व समस्याओं में काफी लाभकारी हो सकता है. मुलेठी से कमजोर इम्यूनिटी, तथा लिवर संबंधी समस्याओं में भी आराम मिलता है. चिकित्सक के दिशा निर्देशों के अनुसार नियंत्रित मात्रा में इसका सेवन करने से यह गैस्ट्रिक और पेप्टिक अल्सर से बचाव करने में भी मददगार साबित हो सकती हैं और इससे पाचन क्रिया भी अच्छी रहती है. Dr Manisha Kale बताती हैं कि मुलेठी में रक्त शोधक गुण भी होते हैं जो खून की सफाई करते हैं, जिससे त्वचा व बाल भी निरोगी तथा सुंदर रहते हैं. इसके अलावा मुख संबंधी समस्याओं जैसे मुंह की बदबू, छालों तथा घाव में इसका सेवन व उपयोग लाभकारी हो सकता है.

कैसे करें उपयोग
Ayurvedic Dr Manisha Kale बताती हैं कि मुलेठी दरअसल एक झाड़ीनुमा पौधा होता है. औषधि के रूप में मुलेठी के तने, जड़ तथा छाल को सुखाकर इस्तेमाल किया जाता है. यह स्वाद में मीठी होती है. कई लोग गले में दर्द, खराश, कफ तथा खांसी में मुलेठी का छोटा टुकड़ा मुंह में रखकर चूसते रहते हैं. वहीं जो लोग गाते हैं वो भी मुलेठी का काफी उपयोग करते हैं क्योंकि यह गला खोलती है और इसके सेवन से आवाज बेहतर रहती है. वह बताती हैं कि सिर्फ औषधि के रूप में ही नहीं बल्कि इसकी लकड़ी को उबाल कर उसके पानी को थोड़ा ठंडा करके उससे गरारे करने से गले के दर्द तथा मुंह की कई समस्याओं में राहत मिल सकती हैं. वहीं कई लोग सर्दी जुकाम होने पर चाय में भी इसका उपयोग करते हैं.

Mulethi benefits . Mulethi properties for winter  .  Ayurveda herb liquorice benefits .
सर्दियों में लाभकारी है मुलेठी

क्या कहते हैं शोध
मुलेठी हालांकि आयुर्वेद की सबसे प्राचीन औषधियों में से एक मानी जाती है लेकिन चीनी दवाओं में भी मुलेठी का प्राचीन काल से उपयोग होता आ रहा है. गौरतलब है की इसके गुणों को लेकर देश विदेश में कई शोध भी किए जा चुके हैं. जिनमें मुलेठी के सेहत के लिए कई प्रकार के फायदे होने की पुष्टि हुई है. कुछ वर्षों पहले ईरानी जनरल ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च (Iranian General of Pharmaceutical Research) के एक अध्ययन में सामने आया था कि मुलेठी त्वचा के कुछ संक्रमणों में काफी फायदेमंद हो सकती है. शोध में बताया गया था कि मुलेठी में एग्जिमा तथा स्टेफिलोकोक्कस ऑरियस के कारण होने वाले त्वचा संक्रमण के खिलाफ रोगाणु रोधी गुण पाए जाते हैं.

वर्ष 2009 में मोटापा अनुसंधान और नैदानिक अभ्यास जर्नल में प्रकाशित (Journal of Obesity Research and Clinical Practice) एक शोध रिपोर्ट में बताया गया था कि मुलेठी का तेल अधिक वजन वाले लोगों में शरीर और आंत के वसा को कम करने में मदद करता है. वर्ष 2020 में गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (Gujarat Biotechnology Research Center) की एक रिसर्च रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने मुलेठी की जड़ की आयुर्वेदिक दवा को कोविड 19 के खिलाफ काफी उपयोगी पाया था. कोरोना संक्रमण के खिलाफ मुलेठी को उपयोगिता की पुष्टि वर्ष 2020 में ही हरियाणा के मानेसर स्थित नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर (National Brain Research Center Manesar Haryana) की टीम द्वारा की गई एक अन्य रिसर्च में भी की गई थी .

इससे पूर्व वर्ष 2014 में अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र 'Phytomedicine' में प्रकाशित हुए एक अध्ययन में कहा गया था कि मुलेठी में मधुमेह विरोधी (anti diabetic) गुण भी पाए जाते हैं. वहीं एक अन्य अध्ययन में बताया गया था कि मुलेठी की जड़ में ग्लैब्रिडिन और ग्लैब्रेन नामक तत्व पाया जाता है जिससे फ्लेवोनॉयड्स की श्रेणी में रखा जाता है. ऐसे में मुलेठी के सेवन एच पाइलोरी बैक्टीरिया के प्रभाव से बचा सकता है. शोध में कहा गया था कि मुलेठी के सेवन से पेप्टिक अल्सर, पेट में दर्द या मरोड़ तथा मतली जैसी समस्याओं में भी राहत मिल सकती है.

जरूरी है नियंत्रित मात्रा में सेवन
डॉ मनीषा बताती हैं कि मुलेठी का सेवन नियंत्रित मात्रा में ही करना चाहिए. यदि आप स्वयं से इसका सेवन कर रहें है तो एक दिन में 1 से 5 ग्राम तक ही मुलेठी का सेवन करना चाहिए, इससे ज्यादा मात्रा में इसका सेवन सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसके अलावा कुछ विशेष परिस्थितियों तथा शारीरिक समस्याओं में भी मुलेठी का ज्यादा सेवन विपरीत प्रभाव भी दे सकता है.

Dr Manisha Kale बताती हैं कि गर्भवती महिलाओं, हाइपो थायराइडजिज्म से पीड़ित लोगों, मासिक धर्म संबंधी समस्याओं से जूझ रही महिलाओ तथा ओबेसिटी व उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को इसका सेवन किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श के बाद ही करना चाहिए. इसके अलावा किसी गंभीर रोग या किसी प्रकार के गंभीर संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति को भी इसके सेवन से पहले एक बार चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए.

Air Pollution: बढ़ते प्रदूषण से फेफड़ों को रखें सुरक्षित, प्रदूषण से बचाएंगे ये योगासन

दिवाली के बाद जब मौसम में ठंडक शुरू होने लगती है आमतौर पर लोगों में सर्दी-जुकाम-बुखार और गले में दर्द जैसी समस्याएं नजर आने लगती हैं. दरअसल सर्दी की शुरुआत होने के साथ ही वातावरण में नमी भी बढ़ने लगती है जो कई तरह के संक्रमण के फैलने का कारण बनती हैं. ऐसे में कई लोग पहले से ही मौसम के प्रभाव से बचने के लिए घर में देसी, प्राकृतिक व आयुर्वेदिक नुस्खों का उपयोग करने लगते हैं. जो ना सिर्फ संक्रमण के प्रभाव से बचाये रखने में मदद कर सकते हैं बल्कि संक्रमण होने पर भी ठीक होने में मदद करते हैं.

आयुर्वेद में ऐसी कई औषधियों और जड़ी बूटियों का उल्लेख मिलता है जो ऐसी अवस्था में काफी लाभकारी होती है. ऐसी ही एक जड़ी-बूटी है मुलेठी. जिसका ना सिर्फ मूल रूप में बल्कि संयुक्त औषधी में भी इस्तेमाल किया जाता है. विशेषतौर पर मुलेठी के सर्दियों में इस्तेमाल के फायदे बहुत हैं. यह इतनी फायदेमंद मानी जाती है कि कई टूथपेस्ट, माउथ फ्रेशनर तथा मुखवास में भी मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता हैं.

मुलेठी के पोषक तत्व व गुण (Nutrients and properties of Licorice)
आयुर्वेद में मुलेठी को बेहद असरदार औषधि के रूप में मान्यता दी जाती है. इसे यष्टिमधु भी कहा जाता है. गौरतलब है कि मुलेठी में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक तथा एंटी माइक्रोबॉयल गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा मुलेठी में कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए-ई, आयरन, पोटेशियम, सेलेनियम, फास्फोरस, सिलिकॉन, जिंक,कैल्शियम, बीटा कैरोटीन, ग्लिसराइजिक एसिड तथा एंटीऑक्सीडेंट आदि पोषक तत्व समृद्ध मात्रा में पाए जाते हैं.

Mulethi benefits . Mulethi properties for winter  .  Ayurveda herb liquorice benefits .
औषधियों में मुलेठी का उपयोग

कई रोगों में लाभकारी है मुलेठी
मुंबई की आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर मनीषा काले (Dr Manisha Kale Mumbai Ayurvedic doctor) बताती हैं कि खांसी, जुखाम, गले व फेफड़ों में संक्रमण तथा मुंह व पेट संबंधी तथा कई अन्य प्रकार कि समस्याओं में दी जाने वाली औषधियों में मुलेठी का उपयोग किया जाता है. सिर्फ मिश्रित औषधी के रूप में ही नहीं बल्कि इसके मूल स्वरूप जैसे जड़, छाल या लकड़ी के चूर्ण, या उसे उबाल कर बनाए गए काढ़े का उपयोग भी सेहत को कई तरह से फायदे दे सकता है. इसके अलावा इसे उबालकर ठंडा कर विशेष रूप से तैयार किए गए पानी से नेत्र साफ करने या धोने से, त्वचा या घाव पर इसका लेप लगाने से भी समस्या में राहत मिलती है.

Dr Manisha Kale बताती हैं कि मुलेठी शरीर में वात और पित्त दोष को कम करती है. वहीं इसे प्राकृतिक ब्रोन्कोडायलेटर भी माना जाता है, जो श्वसन तंत्र में होने वाले संक्रमण के इलाज में काफी उपयोगी हो सकता है. इसका सेवन सांस की नलियों की सूजन को कम करने में, सर्दी-जुकाम-बुखार तथा संबंधित संक्रमण में, गले में सूजन व दर्द में तथा फेफड़ों संबंधी रोग व समस्याओं में काफी लाभकारी हो सकता है. मुलेठी से कमजोर इम्यूनिटी, तथा लिवर संबंधी समस्याओं में भी आराम मिलता है. चिकित्सक के दिशा निर्देशों के अनुसार नियंत्रित मात्रा में इसका सेवन करने से यह गैस्ट्रिक और पेप्टिक अल्सर से बचाव करने में भी मददगार साबित हो सकती हैं और इससे पाचन क्रिया भी अच्छी रहती है. Dr Manisha Kale बताती हैं कि मुलेठी में रक्त शोधक गुण भी होते हैं जो खून की सफाई करते हैं, जिससे त्वचा व बाल भी निरोगी तथा सुंदर रहते हैं. इसके अलावा मुख संबंधी समस्याओं जैसे मुंह की बदबू, छालों तथा घाव में इसका सेवन व उपयोग लाभकारी हो सकता है.

कैसे करें उपयोग
Ayurvedic Dr Manisha Kale बताती हैं कि मुलेठी दरअसल एक झाड़ीनुमा पौधा होता है. औषधि के रूप में मुलेठी के तने, जड़ तथा छाल को सुखाकर इस्तेमाल किया जाता है. यह स्वाद में मीठी होती है. कई लोग गले में दर्द, खराश, कफ तथा खांसी में मुलेठी का छोटा टुकड़ा मुंह में रखकर चूसते रहते हैं. वहीं जो लोग गाते हैं वो भी मुलेठी का काफी उपयोग करते हैं क्योंकि यह गला खोलती है और इसके सेवन से आवाज बेहतर रहती है. वह बताती हैं कि सिर्फ औषधि के रूप में ही नहीं बल्कि इसकी लकड़ी को उबाल कर उसके पानी को थोड़ा ठंडा करके उससे गरारे करने से गले के दर्द तथा मुंह की कई समस्याओं में राहत मिल सकती हैं. वहीं कई लोग सर्दी जुकाम होने पर चाय में भी इसका उपयोग करते हैं.

Mulethi benefits . Mulethi properties for winter  .  Ayurveda herb liquorice benefits .
सर्दियों में लाभकारी है मुलेठी

क्या कहते हैं शोध
मुलेठी हालांकि आयुर्वेद की सबसे प्राचीन औषधियों में से एक मानी जाती है लेकिन चीनी दवाओं में भी मुलेठी का प्राचीन काल से उपयोग होता आ रहा है. गौरतलब है की इसके गुणों को लेकर देश विदेश में कई शोध भी किए जा चुके हैं. जिनमें मुलेठी के सेहत के लिए कई प्रकार के फायदे होने की पुष्टि हुई है. कुछ वर्षों पहले ईरानी जनरल ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च (Iranian General of Pharmaceutical Research) के एक अध्ययन में सामने आया था कि मुलेठी त्वचा के कुछ संक्रमणों में काफी फायदेमंद हो सकती है. शोध में बताया गया था कि मुलेठी में एग्जिमा तथा स्टेफिलोकोक्कस ऑरियस के कारण होने वाले त्वचा संक्रमण के खिलाफ रोगाणु रोधी गुण पाए जाते हैं.

वर्ष 2009 में मोटापा अनुसंधान और नैदानिक अभ्यास जर्नल में प्रकाशित (Journal of Obesity Research and Clinical Practice) एक शोध रिपोर्ट में बताया गया था कि मुलेठी का तेल अधिक वजन वाले लोगों में शरीर और आंत के वसा को कम करने में मदद करता है. वर्ष 2020 में गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (Gujarat Biotechnology Research Center) की एक रिसर्च रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने मुलेठी की जड़ की आयुर्वेदिक दवा को कोविड 19 के खिलाफ काफी उपयोगी पाया था. कोरोना संक्रमण के खिलाफ मुलेठी को उपयोगिता की पुष्टि वर्ष 2020 में ही हरियाणा के मानेसर स्थित नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर (National Brain Research Center Manesar Haryana) की टीम द्वारा की गई एक अन्य रिसर्च में भी की गई थी .

इससे पूर्व वर्ष 2014 में अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र 'Phytomedicine' में प्रकाशित हुए एक अध्ययन में कहा गया था कि मुलेठी में मधुमेह विरोधी (anti diabetic) गुण भी पाए जाते हैं. वहीं एक अन्य अध्ययन में बताया गया था कि मुलेठी की जड़ में ग्लैब्रिडिन और ग्लैब्रेन नामक तत्व पाया जाता है जिससे फ्लेवोनॉयड्स की श्रेणी में रखा जाता है. ऐसे में मुलेठी के सेवन एच पाइलोरी बैक्टीरिया के प्रभाव से बचा सकता है. शोध में कहा गया था कि मुलेठी के सेवन से पेप्टिक अल्सर, पेट में दर्द या मरोड़ तथा मतली जैसी समस्याओं में भी राहत मिल सकती है.

जरूरी है नियंत्रित मात्रा में सेवन
डॉ मनीषा बताती हैं कि मुलेठी का सेवन नियंत्रित मात्रा में ही करना चाहिए. यदि आप स्वयं से इसका सेवन कर रहें है तो एक दिन में 1 से 5 ग्राम तक ही मुलेठी का सेवन करना चाहिए, इससे ज्यादा मात्रा में इसका सेवन सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसके अलावा कुछ विशेष परिस्थितियों तथा शारीरिक समस्याओं में भी मुलेठी का ज्यादा सेवन विपरीत प्रभाव भी दे सकता है.

Dr Manisha Kale बताती हैं कि गर्भवती महिलाओं, हाइपो थायराइडजिज्म से पीड़ित लोगों, मासिक धर्म संबंधी समस्याओं से जूझ रही महिलाओ तथा ओबेसिटी व उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को इसका सेवन किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श के बाद ही करना चाहिए. इसके अलावा किसी गंभीर रोग या किसी प्रकार के गंभीर संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति को भी इसके सेवन से पहले एक बार चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए.

Air Pollution: बढ़ते प्रदूषण से फेफड़ों को रखें सुरक्षित, प्रदूषण से बचाएंगे ये योगासन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.