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सेहत का राज: एक चुटकी हींग

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Published : Jul 6, 2020, 3:37 PM IST

हींग का उपयोग वैसे तो दाल और सब्जी में तड़के के लिए किया जाता है. लेकिन क्या आपको इसके औषधीय गुणों के बारे में पता है. कल्पायु हेल्थ केयर के डॉ. कल्पेश रमेशलाल बाफना ने हींग के सेवन और फायदे की जानकारी दी है.

benefits of asafetida
हींग के फायदे

हींग एक ऐसा पदार्थ है, जो आपको हर भारतीय रसोई में मसालों के बीच आसानी से मिल जाएगा. सब्जी हो या दाल का तड़का, हींग ने अपनी अलग जगह बना ली है. हींग पाचन, पेट दर्द, जलन आदि के लिए बेहद उपयोगी है.

गौर करने वाली बात ये है कि भारत में हींग की भारी मात्रा में खपत होने के बावजूद इसकी खेती यहां नहीं होती. इसकी खेती मुख्य रूप से ईरान, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान में होती है. आपको बता दें कि हींग के दो प्रकार होते है-काला और सफेद, जिसमें से सफेद हींग (हीरा हींग) का उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है. कल्पायु हेल्थ केयर के डॉ. कल्पेश बाफना ने ETV भारत सुखीभवा के माध्यम से हींग के सेवन से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है.

हींग के फायदे

तंत्रिका प्रणाली: हींग की तेज खुशबू होने के कारण ये तंत्रिका प्रणाली को सक्रिय करने और उत्तेजित करने में मदद करता है. इसका उपयोग जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में प्रयोग होने वाले तेल या मरहम में होता है. यह मांसपेशियों में होने वाले ऐंठन या जकड़न को कम कर नियंत्रित करता है.

श्वसन प्रणाली: एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल और एंटी-बायोटिक गुण होने के कारण ये अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सूखी खांसी जैसी सांस संबंधी समस्याओं में छुटकारा मिलता है. हींग में सूखा अदरक और शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें. शरीर में मौजूद चिपचिपा पदार्थ जैसे कफ को कम करने के लिए या तरल बनाने के लिए हींग का इस्तेमाल होता है. हींग गर्म पदार्थ होने के कारण ये श्वसन प्रणाली में मौजूद वायुकोष्ठिका (एल्वियोली) को खोल देता है और सांस लेने में आसानी होती है.

संचार प्रणाली: दिल के आसपास जमा हुए पानी (पेरिकार्डियल एफफ्यूशियन) को कम करने, या कमजोर दिल के संचालन को नियंत्रित करने के लिए हींग का उपयोग होता है. ये खून के संचार को भी बढ़ाने में मदद करता है.

पाचन तंत्र: हींग का स्वाद तीखा, कड़वा और गर्म होता है. इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट गुण होने के कारण पाचन में मदद करता है. ये भूख बढ़ाने में भी मदद करता है, साथ ही मांसाहार जैसे भारी भोजन को पचाता है. जिनको पाचन में दिक्कत होती है, उसे इसका सेवन करना चाहिए. आंतों की गति कम होने की वजह से मल न होने या कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्या को ठीक करता है. गैस और पेट दर्द को भी कम करता है.

मूत्र प्रणाली: हींग मूत्र यानि यूरिन के प्रवाह और किडनी से छानने की क्रिया को बढ़ाता है. यूरीन का प्रवाह बढ़ने की वजह से पथरी को निकालने में मदद मिलती है. मूत्राशय में देर तक जमा हुए यूरीन से होने वाले दर्द को हींग कम कर देता है.

प्रजनन प्रणाली: हींग गर्म और अधिक शक्ति वाले प्रवृति का होने के कारण ये यौन क्षमता को बढ़ाता है. इसलिए ये पुरुषों में नपुंसकता और महिलाओं में डिंबक्षरण (ओवुलेशन) की समस्या को ठीक करता है. बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के गर्भाशय को साफ करने में भी मददगार होता है.

हींग का सेवन

  • हींग एक उत्तेजक जड़ी बूटी है और इसकी प्रकृति गर्म है, इसलिए रोजाना सेवन करने वाले इसकी मात्रा का ध्यान रखें.
  • यदि किसी के आंतों में सूजन है, छाला या आमाशय छाला है, तो वह हींग के सेवन से बचें.
  • गर्म शरीर वाले व्यक्ति पर हींग के अत्यधिक सेवन का उल्टा प्रभाव पड़ सकता है.
  • पित्त की समस्या वाले व्यक्ति भी इसका कम से कम सेवन करें या किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह से इसका सेवन करें.

कैसे करें सेवन

  • अस्थमा और अन्य श्वास सम्बंधित बीमारियों के इलाज के लिए हींग को सोंठ के पाउडर के साथ गर्म पानी में मिलाकर छाती पर लगाने से राहत मिलेगी.
  • अस्थमा या सूखी खांसी के लिए हींग को शहद और सोंठ के पाउडर के साथ भी पीया जा सकता हैं.
  • छाछ के साथ चुटकी भर हींग और सेंधा नमक मिलाकर पियें, इससे पेट दर्द, मासिक धर्म का दर्द, अपच जैसी समस्या दूर होती है.
  • इसे तिल के तेल या गर्म पानी के साथ सिर पर लगाएं, इससे सिर दर्द से छुटकारा मिलता है.

डॉ. बाफना का कहना है कि मानसून में हींग के सेवन से सामान्य जुकाम, कफ, सांस संबंधी समस्या दूर होती है. इस मौसम में गर्मी की अपेक्षा थोड़ा अधिक मात्रा में हींग के सेवन करने की सलाह दी है.

हींग एक ऐसा पदार्थ है, जो आपको हर भारतीय रसोई में मसालों के बीच आसानी से मिल जाएगा. सब्जी हो या दाल का तड़का, हींग ने अपनी अलग जगह बना ली है. हींग पाचन, पेट दर्द, जलन आदि के लिए बेहद उपयोगी है.

गौर करने वाली बात ये है कि भारत में हींग की भारी मात्रा में खपत होने के बावजूद इसकी खेती यहां नहीं होती. इसकी खेती मुख्य रूप से ईरान, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान में होती है. आपको बता दें कि हींग के दो प्रकार होते है-काला और सफेद, जिसमें से सफेद हींग (हीरा हींग) का उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है. कल्पायु हेल्थ केयर के डॉ. कल्पेश बाफना ने ETV भारत सुखीभवा के माध्यम से हींग के सेवन से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है.

हींग के फायदे

तंत्रिका प्रणाली: हींग की तेज खुशबू होने के कारण ये तंत्रिका प्रणाली को सक्रिय करने और उत्तेजित करने में मदद करता है. इसका उपयोग जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में प्रयोग होने वाले तेल या मरहम में होता है. यह मांसपेशियों में होने वाले ऐंठन या जकड़न को कम कर नियंत्रित करता है.

श्वसन प्रणाली: एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल और एंटी-बायोटिक गुण होने के कारण ये अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सूखी खांसी जैसी सांस संबंधी समस्याओं में छुटकारा मिलता है. हींग में सूखा अदरक और शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें. शरीर में मौजूद चिपचिपा पदार्थ जैसे कफ को कम करने के लिए या तरल बनाने के लिए हींग का इस्तेमाल होता है. हींग गर्म पदार्थ होने के कारण ये श्वसन प्रणाली में मौजूद वायुकोष्ठिका (एल्वियोली) को खोल देता है और सांस लेने में आसानी होती है.

संचार प्रणाली: दिल के आसपास जमा हुए पानी (पेरिकार्डियल एफफ्यूशियन) को कम करने, या कमजोर दिल के संचालन को नियंत्रित करने के लिए हींग का उपयोग होता है. ये खून के संचार को भी बढ़ाने में मदद करता है.

पाचन तंत्र: हींग का स्वाद तीखा, कड़वा और गर्म होता है. इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट गुण होने के कारण पाचन में मदद करता है. ये भूख बढ़ाने में भी मदद करता है, साथ ही मांसाहार जैसे भारी भोजन को पचाता है. जिनको पाचन में दिक्कत होती है, उसे इसका सेवन करना चाहिए. आंतों की गति कम होने की वजह से मल न होने या कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्या को ठीक करता है. गैस और पेट दर्द को भी कम करता है.

मूत्र प्रणाली: हींग मूत्र यानि यूरिन के प्रवाह और किडनी से छानने की क्रिया को बढ़ाता है. यूरीन का प्रवाह बढ़ने की वजह से पथरी को निकालने में मदद मिलती है. मूत्राशय में देर तक जमा हुए यूरीन से होने वाले दर्द को हींग कम कर देता है.

प्रजनन प्रणाली: हींग गर्म और अधिक शक्ति वाले प्रवृति का होने के कारण ये यौन क्षमता को बढ़ाता है. इसलिए ये पुरुषों में नपुंसकता और महिलाओं में डिंबक्षरण (ओवुलेशन) की समस्या को ठीक करता है. बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के गर्भाशय को साफ करने में भी मददगार होता है.

हींग का सेवन

  • हींग एक उत्तेजक जड़ी बूटी है और इसकी प्रकृति गर्म है, इसलिए रोजाना सेवन करने वाले इसकी मात्रा का ध्यान रखें.
  • यदि किसी के आंतों में सूजन है, छाला या आमाशय छाला है, तो वह हींग के सेवन से बचें.
  • गर्म शरीर वाले व्यक्ति पर हींग के अत्यधिक सेवन का उल्टा प्रभाव पड़ सकता है.
  • पित्त की समस्या वाले व्यक्ति भी इसका कम से कम सेवन करें या किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह से इसका सेवन करें.

कैसे करें सेवन

  • अस्थमा और अन्य श्वास सम्बंधित बीमारियों के इलाज के लिए हींग को सोंठ के पाउडर के साथ गर्म पानी में मिलाकर छाती पर लगाने से राहत मिलेगी.
  • अस्थमा या सूखी खांसी के लिए हींग को शहद और सोंठ के पाउडर के साथ भी पीया जा सकता हैं.
  • छाछ के साथ चुटकी भर हींग और सेंधा नमक मिलाकर पियें, इससे पेट दर्द, मासिक धर्म का दर्द, अपच जैसी समस्या दूर होती है.
  • इसे तिल के तेल या गर्म पानी के साथ सिर पर लगाएं, इससे सिर दर्द से छुटकारा मिलता है.

डॉ. बाफना का कहना है कि मानसून में हींग के सेवन से सामान्य जुकाम, कफ, सांस संबंधी समस्या दूर होती है. इस मौसम में गर्मी की अपेक्षा थोड़ा अधिक मात्रा में हींग के सेवन करने की सलाह दी है.

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