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बच्चों में लॉंग कोविड की आशंका कम होती है : शोध - covid study

ज्यादातर जानकार तथा चिकित्सक इस बात की पुष्टि करते हैं की बच्चों को बड़ों की अपेक्षा कोरोना संक्रमण होने की आशंका काफी कम होती है। यही नहीं आमतौर पर उनमें संक्रमण के गंभीर प्रभाव भी नजर नहीं आते हैं और वे अपेक्षाकृत जल्दी ठीक हो जाते है। हाल ही में लांसेट चाइल्ड एंड एडोलिसेंट हेल्थ जनरल में किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है।

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Long COVID in children
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Published : Aug 11, 2021, 12:28 PM IST

कोरोना संक्रमण का प्रभाव बच्चों पर अपेक्षाकृत कम पड़ता है, इस बात से लगभग सभी लोग वाकिफ हैं। जिन बच्चों को यह संक्रमण अपने प्रभाव में ले भी लेता है उनमें से ज्यादातर बच्चों में मात्र 6 दिनों में ही संक्रमण के लक्षण समाप्त होने लगते है। लांसेट चाइल्ड एंड एडोलिसेंट हेल्थ जनरल में छपी एक रिसर्च के अनुसार बच्चों में लंबे समय तक कोरोना के लक्षण नजर आने की आशंका काफी कम होती है । इस अध्ययन के लिए कोरोना से पीड़ित बच्चों के माता-पिता और देखभाल करने वाले लोगों द्वारा ऐप के जरिए साँझा किए गए डेटा के आधार पर आंकड़े तैयार किये गए थे ।

किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस शोध के अनुसार लॉंग कोविड या लंबे समय तक कोरोना के लक्षणों या उसके पार्श्व प्रभावों का अनुभव करने वाले बच्चों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम होती है। वहीं तुलनात्मक अध्धयन की बात करें तो व्यस्कों में लॉंग कोविड तथा संक्रमण के पार्श्व प्रभाव लंबे वक्त तक नजर आते रहते हैं।

गौरतलब है की इस अध्ययन में ब्रिटेन के 5 से 17 साल उम्र वाले उन 2.5 लाख बच्चों को शामिल किया गया था जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। सितंबर 2020 से फरवरी 2021 के आयोजित हुए इस शोध में पाया गया की इस दौरान 1,734 बच्चों को संक्रमित होने के उपरांत उनमें धीरे-धीरे कोरोना के लक्षण विकसित होने शुरू हुए थे। इन बच्चों के स्वास्थ्य की तब तक लगातार निगरानी की गई जब तक वे पूरी तरह ठीक नहीं हो गए। शोध के दौरान संक्रमित बच्चों के निरीक्षण में सामने आया की अधिकांश बच्चों में मात्र 6 दिनों में ही संक्रमण के लक्षण कम होने लगे थे और जो बहुत जल्दी ठीक भी हो गए।

शोध में सामने आया की कोरोना संक्रमित अधिकांश बच्चे लगभग चार हफ्तों के भीतर पूरी तरह से ठीक हो गए थे, यानी उनमें कोरोना के लक्षण समाप्त हो गए थे, लेकिन इन में से कुछ बच्चे ऐसे भी थे जिनमें इस अवधि यानी एक माह के बाद भी संक्रमण के कुछ लक्षण नजर आ रहे थे। हालांकि इन बच्चों में भी वयस्कों के मुकाबले संक्रमण का प्रभाव तथा उसके लक्षण काफी कम थे। अध्धयन में पाया गया संक्रमण से कम समय में ठीक होने वाले बच्चों में आमतौर पर कोरोना के पार्श्वप्रभाव ज्यादा नजर नहीं आए थे, लेकिन जिन बच्चों में संक्रमण का प्रभाव एक महीने से ज्यादा समय तक रहा उन्हे दूसरों के मुकाबले कुछ ज्यादा थकान और शारीरिक कमजोरी महसूस हो रही थी।

पढ़ें: पूर्ण टीकाकरण के बाद भी संभव है 'ब्रेकथ्रू संक्रमण'

कोरोना संक्रमण का प्रभाव बच्चों पर अपेक्षाकृत कम पड़ता है, इस बात से लगभग सभी लोग वाकिफ हैं। जिन बच्चों को यह संक्रमण अपने प्रभाव में ले भी लेता है उनमें से ज्यादातर बच्चों में मात्र 6 दिनों में ही संक्रमण के लक्षण समाप्त होने लगते है। लांसेट चाइल्ड एंड एडोलिसेंट हेल्थ जनरल में छपी एक रिसर्च के अनुसार बच्चों में लंबे समय तक कोरोना के लक्षण नजर आने की आशंका काफी कम होती है । इस अध्ययन के लिए कोरोना से पीड़ित बच्चों के माता-पिता और देखभाल करने वाले लोगों द्वारा ऐप के जरिए साँझा किए गए डेटा के आधार पर आंकड़े तैयार किये गए थे ।

किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस शोध के अनुसार लॉंग कोविड या लंबे समय तक कोरोना के लक्षणों या उसके पार्श्व प्रभावों का अनुभव करने वाले बच्चों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम होती है। वहीं तुलनात्मक अध्धयन की बात करें तो व्यस्कों में लॉंग कोविड तथा संक्रमण के पार्श्व प्रभाव लंबे वक्त तक नजर आते रहते हैं।

गौरतलब है की इस अध्ययन में ब्रिटेन के 5 से 17 साल उम्र वाले उन 2.5 लाख बच्चों को शामिल किया गया था जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। सितंबर 2020 से फरवरी 2021 के आयोजित हुए इस शोध में पाया गया की इस दौरान 1,734 बच्चों को संक्रमित होने के उपरांत उनमें धीरे-धीरे कोरोना के लक्षण विकसित होने शुरू हुए थे। इन बच्चों के स्वास्थ्य की तब तक लगातार निगरानी की गई जब तक वे पूरी तरह ठीक नहीं हो गए। शोध के दौरान संक्रमित बच्चों के निरीक्षण में सामने आया की अधिकांश बच्चों में मात्र 6 दिनों में ही संक्रमण के लक्षण कम होने लगे थे और जो बहुत जल्दी ठीक भी हो गए।

शोध में सामने आया की कोरोना संक्रमित अधिकांश बच्चे लगभग चार हफ्तों के भीतर पूरी तरह से ठीक हो गए थे, यानी उनमें कोरोना के लक्षण समाप्त हो गए थे, लेकिन इन में से कुछ बच्चे ऐसे भी थे जिनमें इस अवधि यानी एक माह के बाद भी संक्रमण के कुछ लक्षण नजर आ रहे थे। हालांकि इन बच्चों में भी वयस्कों के मुकाबले संक्रमण का प्रभाव तथा उसके लक्षण काफी कम थे। अध्धयन में पाया गया संक्रमण से कम समय में ठीक होने वाले बच्चों में आमतौर पर कोरोना के पार्श्वप्रभाव ज्यादा नजर नहीं आए थे, लेकिन जिन बच्चों में संक्रमण का प्रभाव एक महीने से ज्यादा समय तक रहा उन्हे दूसरों के मुकाबले कुछ ज्यादा थकान और शारीरिक कमजोरी महसूस हो रही थी।

पढ़ें: पूर्ण टीकाकरण के बाद भी संभव है 'ब्रेकथ्रू संक्रमण'

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