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शरीर में पानी की कमी बढ़ाती है समस्याएं - treatment of dehydration

शरीर में पानी की कमी कई समस्याओं को जन्म दे सकती है, यही नहीं यह शरीर की नित क्रियाओं पर भी असर डालती है और शरीर के विभिन्न तंत्रों के कार्यों को प्रभावित करती है। इसीलिए चिकित्सक तथा जानकार लोगों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी या तरल पदार्थों के सेवन की सलाह देते हैं।

Symptoms Of Dehydration
डिहाइड्रेशन के लक्षण
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Published : Feb 25, 2021, 10:27 AM IST

जिस तरह पौधों को स्वस्थ तथा हरा भरा रहने के लिए पानी की जरूरत होती है, उसी तरह इंसानी शरीर को भी स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन जरूरी मात्रा में पानी पीने की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर से प्रतिदिन पसीने, पेशाब या आंसुओं के रूप में बहुत सारा पानी बाहर निकल जाता है। ऐसे में यदि शरीर से निकलने वाली इस पानी की कमी को पूरा ना किया जाए, तो शरीर में डीहाइड्रेशन या पानी की कमी हो जाती है। एप्पल अस्पताल, इंदौर के जनरल फिजिशियन डॉक्टर संजय जैन बताते हैं शरीर में पानी की कमी बहुत सी बीमारियों का कारण बन सकती है। इसलिए बहुत जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी ना होने दी जाए।

डिहाइड्रेशन के कारण

  1. ज्यादा मात्रा में उल्टी होना
  2. डायरिया होना
  3. कम पानी ग्रहण करना
  4. लंबे समय तक तेज बुखार का शिकार होना

डॉ. संजय जैन बताते हैं की रोजमर्रा की शारीरिक गतिविधियों के दौरान हमारे शरीर से विभिन्न तरीको से पानी बाहर निकलता रहता है। ऐसे में यदि शरीर में जरूरत अनुसार पानी की पूर्ति ना हो पाए, तो शरीर में अलग-अलग लक्षण दिखने लगता है। शरीर में पानी की कमी को कुछ लक्षणों के माध्यम से जाना जा सकता है।

डिहाइड्रेशन के लक्षण

  • मुंह का सूखना या मुंह से बदबू आना
    Bad Breath
    मुंह से बदबू आना

कम मात्रा में पानी ग्रहण करने से हमारे मुंह में सलाइवा ग्लैंड प्रभावित होती है और मुंह में सलाइवा के निर्माण में कमी आने लगती है। जिससे मुंह के सूखने जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। हमारी सलाइवा यानी थूक में एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं। यदि सलाइवा के निर्माण में कमी आने लगे, तो मुंह में बैक्टीरिया के आक्रमण की आशंका बढ़ जाती है. नतीजतन मुंह से लगातार बदबू आने की शिकायत भी बढ़ सकती है।

  • रूखी सूखी त्वचा
    Dry skin
    रूखी त्वचा

सिर्फ मुंह ही नहीं शरीर में पानी की कमी के चलते हमारी त्वचा पर भी खासा असर पड़ता है और हमारी त्वचा रूखी-सुखी और बेजान हो जाती है। यही नहीं त्वचा में नमी की कमी के चलते आंखों के आसपास काले घेरे भी बढ़ जाते हैं। त्वचा के खुष्क होने पर खुजली तथा कई प्रकार की त्वचा संबंधी समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है।

  • थकान और बेचैनी
    fatigue
    बेचैनी

सिर्फ कॉफी ही नहीं एक गिलास पानी पीने से भी शरीर में तुरंत ऊर्जा का संचार होता है। शरीर में पानी की कमी थकान और बेचैनी जैसी समस्याओं को बढ़ावा देती है. इससे किसी भी काम में ध्यान लगाने में समस्या होती है। वहीं जब थकान को दूर करने के लिए कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन किया जाता है, वह हमारे शरीर पर नकारात्मक असर डालता है। इसलिए कैफीन युक्त पेय पदार्थों के सेवन की बजाए जरुरी मात्रा में पानी पीने से बगैर शरीर को हानि पहुंचाए थकान से छुटकारा पाया जा सकता है।

  • मसल्स क्रैंप यानी मांसपेशियों में ऐंठन
    Muscle Cramps
    मांसपेशियों में ऐंठन

शरीर में पानी की कमी के चलते खून के दबाव तथा रक्त परिसंचरण की गति पर भी असर पड़ता है। जिसके चलते हाथों और पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है, जो कई बार ज्यादा दर्द भरी भी हो सकती है।

  • कॉन्स्टिपेशन यानी कब्ज
    Constipation
    कब्ज

शरीर में पानी की कमी के चलते पाचन क्रिया विशेषकर बड़ी आंत के कार्यों पर भी असर पड़ता है। पानी की कमी के कारण मल सख्त हो जाने के चलते मल त्याग करने में समस्या होने लगती है और कई बार कॉन्स्टिपेशन यानी कब्ज जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। हालांकि कब्ज की समस्या के लिए शरीर में सिर्फ पानी की कमी जिम्मेदार नहीं होती है। पानी की कमी के साथ यदि शरीर में फाइबर की कमी हो, तब जाकर कब्ज की समस्या होती है।

इन सब कारणों के अलावा और भी कई लक्षण है, जो शरीर में पानी की कमी के चलते नजर आते हैं। इन लक्षणों पर यदि ध्यान ना दिया जाए, तो शरीर की गतिविधियों व उसकी कार्य क्षमता पर असर पड़ता है, साथ ही पानी की कमी रोगों की गंभीरता को भी बढ़ा सकती है।

डॉ. जैन बताते हैं कि शरीर में पानी की कमी के कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं;

  • ठंडी और रूखी त्वचा
  • त्वचा का रंग बदलना
  • सुखी और धंसी हुई आंखें
  • रक्तचाप में कमी
  • दिल की धड़कनों का बढ़ना
  • पेशाब की मात्रा कम होना या पेशाब करने में समस्या होना
  • पेशाब का रंग गहरा हो जाना
  • भ्रम जैसी स्थिति उत्पन्न होना या चक्कर आना
  • ज्यादा प्यास लगना

डिहाइड्रेशन से कैसे हो निपटारण

डॉ. संजय जैन बताते हैं कि डिहाइड्रेशन के शिकार व्यक्ति को यदि उल्टी ना हो रही हो, तो घर में ही कुछ साधारण और आसान तरीकों से पानी की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके लिए पानी तथा तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा मात्रा में किया जाना चाहिए। मेडिकल स्टोर पर मिलने वाले ओरल रिहाइड्रेशन फ्लुएड यानी ओआरएस के सेवन से भी शरीर में पानी की कमी को दूर किया जा सकता है। लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि जिस ओआरएस का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर ही बनाया गया हो।

यदि ओआरएस ना हो तो घर में ही नमक चीनी का घोल बनाया जा सकता है, जिसे 1 लीटर साफ पानी या उबालकर ठंडा किए गए पानी में 6 चम्मच चीनी तथा आधा चम्मच नमक मिलाकर तैयार किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त नारियल पानी तथा छाछ का भी नियमित अंतराल पर सेवन किया जा सकता है।

कितना पानी है जरूरी

डॉ. संजय जैन बताते हैं कि सामान्य तापमान में हमारे शरीर के लिए प्रतिदिन कम से कम ढाई लीटर पानी का सेवन किया जाना जरूरी है। लेकिन यदि मौसम गर्म हो तो, कम से कम 3 लीटर पानी या पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए। वहीं सर्दी के मौसम में कम से कम 2 लीटर पानी का सेवन अवश्य करना चाहिए।

जिस तरह पौधों को स्वस्थ तथा हरा भरा रहने के लिए पानी की जरूरत होती है, उसी तरह इंसानी शरीर को भी स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन जरूरी मात्रा में पानी पीने की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर से प्रतिदिन पसीने, पेशाब या आंसुओं के रूप में बहुत सारा पानी बाहर निकल जाता है। ऐसे में यदि शरीर से निकलने वाली इस पानी की कमी को पूरा ना किया जाए, तो शरीर में डीहाइड्रेशन या पानी की कमी हो जाती है। एप्पल अस्पताल, इंदौर के जनरल फिजिशियन डॉक्टर संजय जैन बताते हैं शरीर में पानी की कमी बहुत सी बीमारियों का कारण बन सकती है। इसलिए बहुत जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी ना होने दी जाए।

डिहाइड्रेशन के कारण

  1. ज्यादा मात्रा में उल्टी होना
  2. डायरिया होना
  3. कम पानी ग्रहण करना
  4. लंबे समय तक तेज बुखार का शिकार होना

डॉ. संजय जैन बताते हैं की रोजमर्रा की शारीरिक गतिविधियों के दौरान हमारे शरीर से विभिन्न तरीको से पानी बाहर निकलता रहता है। ऐसे में यदि शरीर में जरूरत अनुसार पानी की पूर्ति ना हो पाए, तो शरीर में अलग-अलग लक्षण दिखने लगता है। शरीर में पानी की कमी को कुछ लक्षणों के माध्यम से जाना जा सकता है।

डिहाइड्रेशन के लक्षण

  • मुंह का सूखना या मुंह से बदबू आना
    Bad Breath
    मुंह से बदबू आना

कम मात्रा में पानी ग्रहण करने से हमारे मुंह में सलाइवा ग्लैंड प्रभावित होती है और मुंह में सलाइवा के निर्माण में कमी आने लगती है। जिससे मुंह के सूखने जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। हमारी सलाइवा यानी थूक में एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं। यदि सलाइवा के निर्माण में कमी आने लगे, तो मुंह में बैक्टीरिया के आक्रमण की आशंका बढ़ जाती है. नतीजतन मुंह से लगातार बदबू आने की शिकायत भी बढ़ सकती है।

  • रूखी सूखी त्वचा
    Dry skin
    रूखी त्वचा

सिर्फ मुंह ही नहीं शरीर में पानी की कमी के चलते हमारी त्वचा पर भी खासा असर पड़ता है और हमारी त्वचा रूखी-सुखी और बेजान हो जाती है। यही नहीं त्वचा में नमी की कमी के चलते आंखों के आसपास काले घेरे भी बढ़ जाते हैं। त्वचा के खुष्क होने पर खुजली तथा कई प्रकार की त्वचा संबंधी समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है।

  • थकान और बेचैनी
    fatigue
    बेचैनी

सिर्फ कॉफी ही नहीं एक गिलास पानी पीने से भी शरीर में तुरंत ऊर्जा का संचार होता है। शरीर में पानी की कमी थकान और बेचैनी जैसी समस्याओं को बढ़ावा देती है. इससे किसी भी काम में ध्यान लगाने में समस्या होती है। वहीं जब थकान को दूर करने के लिए कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन किया जाता है, वह हमारे शरीर पर नकारात्मक असर डालता है। इसलिए कैफीन युक्त पेय पदार्थों के सेवन की बजाए जरुरी मात्रा में पानी पीने से बगैर शरीर को हानि पहुंचाए थकान से छुटकारा पाया जा सकता है।

  • मसल्स क्रैंप यानी मांसपेशियों में ऐंठन
    Muscle Cramps
    मांसपेशियों में ऐंठन

शरीर में पानी की कमी के चलते खून के दबाव तथा रक्त परिसंचरण की गति पर भी असर पड़ता है। जिसके चलते हाथों और पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है, जो कई बार ज्यादा दर्द भरी भी हो सकती है।

  • कॉन्स्टिपेशन यानी कब्ज
    Constipation
    कब्ज

शरीर में पानी की कमी के चलते पाचन क्रिया विशेषकर बड़ी आंत के कार्यों पर भी असर पड़ता है। पानी की कमी के कारण मल सख्त हो जाने के चलते मल त्याग करने में समस्या होने लगती है और कई बार कॉन्स्टिपेशन यानी कब्ज जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। हालांकि कब्ज की समस्या के लिए शरीर में सिर्फ पानी की कमी जिम्मेदार नहीं होती है। पानी की कमी के साथ यदि शरीर में फाइबर की कमी हो, तब जाकर कब्ज की समस्या होती है।

इन सब कारणों के अलावा और भी कई लक्षण है, जो शरीर में पानी की कमी के चलते नजर आते हैं। इन लक्षणों पर यदि ध्यान ना दिया जाए, तो शरीर की गतिविधियों व उसकी कार्य क्षमता पर असर पड़ता है, साथ ही पानी की कमी रोगों की गंभीरता को भी बढ़ा सकती है।

डॉ. जैन बताते हैं कि शरीर में पानी की कमी के कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं;

  • ठंडी और रूखी त्वचा
  • त्वचा का रंग बदलना
  • सुखी और धंसी हुई आंखें
  • रक्तचाप में कमी
  • दिल की धड़कनों का बढ़ना
  • पेशाब की मात्रा कम होना या पेशाब करने में समस्या होना
  • पेशाब का रंग गहरा हो जाना
  • भ्रम जैसी स्थिति उत्पन्न होना या चक्कर आना
  • ज्यादा प्यास लगना

डिहाइड्रेशन से कैसे हो निपटारण

डॉ. संजय जैन बताते हैं कि डिहाइड्रेशन के शिकार व्यक्ति को यदि उल्टी ना हो रही हो, तो घर में ही कुछ साधारण और आसान तरीकों से पानी की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके लिए पानी तथा तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा मात्रा में किया जाना चाहिए। मेडिकल स्टोर पर मिलने वाले ओरल रिहाइड्रेशन फ्लुएड यानी ओआरएस के सेवन से भी शरीर में पानी की कमी को दूर किया जा सकता है। लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि जिस ओआरएस का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर ही बनाया गया हो।

यदि ओआरएस ना हो तो घर में ही नमक चीनी का घोल बनाया जा सकता है, जिसे 1 लीटर साफ पानी या उबालकर ठंडा किए गए पानी में 6 चम्मच चीनी तथा आधा चम्मच नमक मिलाकर तैयार किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त नारियल पानी तथा छाछ का भी नियमित अंतराल पर सेवन किया जा सकता है।

कितना पानी है जरूरी

डॉ. संजय जैन बताते हैं कि सामान्य तापमान में हमारे शरीर के लिए प्रतिदिन कम से कम ढाई लीटर पानी का सेवन किया जाना जरूरी है। लेकिन यदि मौसम गर्म हो तो, कम से कम 3 लीटर पानी या पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए। वहीं सर्दी के मौसम में कम से कम 2 लीटर पानी का सेवन अवश्य करना चाहिए।

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