ETV Bharat / sukhibhava

योग से दूर करें दृष्टि दोष और बढ़ाएं एकाग्रता

ऑनलाइन पढ़ाई का बच्चों की आंखों पर बहुत ज्यादा असर हो रहा है. दिनभर मोबाइल और कंप्यूटर पर पढ़ाई करने और गेम खेलने की वजह से नजर का कमजोर होना, आंखों से पानी आना, सिर भारी होना और इसके साथ आंखों में जलन जैसी परेशानियां सामने आ रही है. इसके लिए योग सलाहकार डॉ. सतीश पाठक से जानते है कि किस तरह माता-पिता योग के माध्यम से अपने बच्चों की आंखों को सुरक्षित रख सकते है.

yoga for eyes
आंखों के लिए योग
author img

By

Published : Aug 8, 2020, 4:10 PM IST

वर्तमान समय में बढ़ती ऑनलाइन पढ़ाई और अन्य कारणों से बच्चों के बढ़ते स्क्रीन टाइम का उनकी आंखों पर खासा असर पड़ रहा है. चिकित्सकों का मानना है कि पिछले कुछ महीनों में बच्चों में नजर दोष, तनाव तथा सर दर्द जैसी कई समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही है. इस परिस्थिति में योग एक ऐसा विकल्प है, जो न सिर्फ आंखों व मस्तिष्क की नसों को शांति प्रदान कर नई उर्जा दे सकता है, बल्कि नजर दोष को दूर करने के साथ ही एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद कर सकता है. कौन-कौन से योग आसनों से बच्चों की आंखों की नसों को मजबूती मिलती है. इसके बारे में साइंटिफिक रिसर्च विभाग केवल्याधाम योग संस्थान लोनावला के योग सलाहकार तथा सर्जन डॉ. सतीश पाठक ने ETV भारत सुखीभवा की टीम को जानकारी दी.

डॉ. पाठक ने बताया कि ब्रह्म मुद्रा, व्याघ्र मुद्रा अथवा सिंहासन तथा त्राटक मुद्रा व आसनों का नियमित अभ्यास हमारी आंखों को मजबूती देता है. साथ ही स्मरण शक्ति एवं एकाग्रचित्ता बढ़ाता है.

1. ब्रह्म मुद्रा

Brahma mudra
ब्रह्म मुद्रा

ब्रह्म मुद्रा से गर्दन की मांसपेशियां लचीली होती हैं. आलस्य कम होता है और ध्यान लगाने में मदद मिलती है और दिमाग शांतचित्त होता है.

  • इसके लिए पद्मासन, सिद्वासन या वज्रासन में बैठकर कमर और गर्दन को सीधा रखते हुए गर्दन को धीरे-धीरे पहले बायी ओर ले जाएं. फिर कुछ देर रूक कर दायी ओर ले जाएं. फिर उपर ले जाएं और फिर नीचे.
  • इस चक्र को पहले घड़ी की सुई के चलने की दिशा में और फिर विपरीत दिशा में पूरा करें.

2. व्याघ्र मुद्रा या सिंह आसन

Vyaghra mudra
व्याघ्र मुद्रा

इस आसन के नियमित अभ्यास से आंखे स्वस्थ रहती है, शरीर में खून का संचार होता है, गले तथा पेट की बीमारी से राहत मिलती है.

  • सिंहासन करने के लिए फर्श पर दण्डासन की मुद्रा में दोनों पैरों को सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाएं.
  • अब अपने दाएं पैर को मोड़े और बाएं पैर की जांघ पर रख लें. वहीं बाएं पैर को मोड़े और दाएं पैर की जांघ पर रख लें. इसके अलावा आप पद्मासन में भी बैठ सकते है.
  • अब आगे की ओर झुक जायें और अपने दोनों हाथों को फर्श पर रख लें. अब अपने दोनों हाथों को सीधा रखते हुए शरीर के उपरी हिस्से को आगे उपर की तरफ खींचें, अपने मुंह को खोले और जीभ को मुंह से बाहर निकालें. नाक से सांस लें और आंखों को खुला रखें.
  • इस स्थिति में आप शेर के समान नजर आयेंगे. इस आसन को 20 से 30 सेकेंड के लिए 4 से 6 बार तक दोहराएं.

3. त्राटक मुद्रा

Tratak mudra
त्राटक मुद्रा

यह आंखों को शुद्ध करता है, आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, दृष्टि और स्मरण शक्ति बढ़ाता है तथा चित्त एकाग्र करता है.

  • इस मुद्रा में हमें अपनी आंखों को एक वस्तु पर केंद्रित करना होता है. जैसे एक मोमबत्ती को अपने से एक हाथ की दूरी पर रखें.
  • अब बगैर पलके झपकाएं मोमबत्ती की लौ को लगातार देखने की कोशिश करें. लौ के सबसे उपरी हिस्से पर दृष्टि को एकाग्र करें.
  • थोड़ी देर बाद आंखों को बंद करें. यदि लौ की प्रतिमा आंख बंद करने पर भी दिखाई देती है, तो बगैर किसी तनाव के आंख बंद रखते हुए उसी प्रतिमा पर अपना ध्यान तब तक केंद्रित करें, जब तक प्रतिमा आंखों से ओझल न हो जाये.
  • इस अभ्यास को कम से कम तीन बार दोहराएं.

डॉ. पाठक बताते हैं कि इसके अलावा सुबह सूर्योदय को देखने से भी आंखों की नसों को तनाव से मुक्ति तथा मजबूती मिलती है. इस साधारण योग आसनों और मुद्राओं के नियमित अभ्यास की बच्चों में आदत डालने से उनकी दृष्टि संबंधी अधिकांश समस्याओं का तो समाधान होगा ही, उनकी स्मरण शक्ति भी बढ़ेगी. साथ ही वे एकाग्रचित्त होकर पढ़ाई भी कर सकेंगे.

वर्तमान समय में बढ़ती ऑनलाइन पढ़ाई और अन्य कारणों से बच्चों के बढ़ते स्क्रीन टाइम का उनकी आंखों पर खासा असर पड़ रहा है. चिकित्सकों का मानना है कि पिछले कुछ महीनों में बच्चों में नजर दोष, तनाव तथा सर दर्द जैसी कई समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही है. इस परिस्थिति में योग एक ऐसा विकल्प है, जो न सिर्फ आंखों व मस्तिष्क की नसों को शांति प्रदान कर नई उर्जा दे सकता है, बल्कि नजर दोष को दूर करने के साथ ही एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद कर सकता है. कौन-कौन से योग आसनों से बच्चों की आंखों की नसों को मजबूती मिलती है. इसके बारे में साइंटिफिक रिसर्च विभाग केवल्याधाम योग संस्थान लोनावला के योग सलाहकार तथा सर्जन डॉ. सतीश पाठक ने ETV भारत सुखीभवा की टीम को जानकारी दी.

डॉ. पाठक ने बताया कि ब्रह्म मुद्रा, व्याघ्र मुद्रा अथवा सिंहासन तथा त्राटक मुद्रा व आसनों का नियमित अभ्यास हमारी आंखों को मजबूती देता है. साथ ही स्मरण शक्ति एवं एकाग्रचित्ता बढ़ाता है.

1. ब्रह्म मुद्रा

Brahma mudra
ब्रह्म मुद्रा

ब्रह्म मुद्रा से गर्दन की मांसपेशियां लचीली होती हैं. आलस्य कम होता है और ध्यान लगाने में मदद मिलती है और दिमाग शांतचित्त होता है.

  • इसके लिए पद्मासन, सिद्वासन या वज्रासन में बैठकर कमर और गर्दन को सीधा रखते हुए गर्दन को धीरे-धीरे पहले बायी ओर ले जाएं. फिर कुछ देर रूक कर दायी ओर ले जाएं. फिर उपर ले जाएं और फिर नीचे.
  • इस चक्र को पहले घड़ी की सुई के चलने की दिशा में और फिर विपरीत दिशा में पूरा करें.

2. व्याघ्र मुद्रा या सिंह आसन

Vyaghra mudra
व्याघ्र मुद्रा

इस आसन के नियमित अभ्यास से आंखे स्वस्थ रहती है, शरीर में खून का संचार होता है, गले तथा पेट की बीमारी से राहत मिलती है.

  • सिंहासन करने के लिए फर्श पर दण्डासन की मुद्रा में दोनों पैरों को सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाएं.
  • अब अपने दाएं पैर को मोड़े और बाएं पैर की जांघ पर रख लें. वहीं बाएं पैर को मोड़े और दाएं पैर की जांघ पर रख लें. इसके अलावा आप पद्मासन में भी बैठ सकते है.
  • अब आगे की ओर झुक जायें और अपने दोनों हाथों को फर्श पर रख लें. अब अपने दोनों हाथों को सीधा रखते हुए शरीर के उपरी हिस्से को आगे उपर की तरफ खींचें, अपने मुंह को खोले और जीभ को मुंह से बाहर निकालें. नाक से सांस लें और आंखों को खुला रखें.
  • इस स्थिति में आप शेर के समान नजर आयेंगे. इस आसन को 20 से 30 सेकेंड के लिए 4 से 6 बार तक दोहराएं.

3. त्राटक मुद्रा

Tratak mudra
त्राटक मुद्रा

यह आंखों को शुद्ध करता है, आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, दृष्टि और स्मरण शक्ति बढ़ाता है तथा चित्त एकाग्र करता है.

  • इस मुद्रा में हमें अपनी आंखों को एक वस्तु पर केंद्रित करना होता है. जैसे एक मोमबत्ती को अपने से एक हाथ की दूरी पर रखें.
  • अब बगैर पलके झपकाएं मोमबत्ती की लौ को लगातार देखने की कोशिश करें. लौ के सबसे उपरी हिस्से पर दृष्टि को एकाग्र करें.
  • थोड़ी देर बाद आंखों को बंद करें. यदि लौ की प्रतिमा आंख बंद करने पर भी दिखाई देती है, तो बगैर किसी तनाव के आंख बंद रखते हुए उसी प्रतिमा पर अपना ध्यान तब तक केंद्रित करें, जब तक प्रतिमा आंखों से ओझल न हो जाये.
  • इस अभ्यास को कम से कम तीन बार दोहराएं.

डॉ. पाठक बताते हैं कि इसके अलावा सुबह सूर्योदय को देखने से भी आंखों की नसों को तनाव से मुक्ति तथा मजबूती मिलती है. इस साधारण योग आसनों और मुद्राओं के नियमित अभ्यास की बच्चों में आदत डालने से उनकी दृष्टि संबंधी अधिकांश समस्याओं का तो समाधान होगा ही, उनकी स्मरण शक्ति भी बढ़ेगी. साथ ही वे एकाग्रचित्त होकर पढ़ाई भी कर सकेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.