हमारे शरीर के सबसे नाजुक अंग माने जाने वाले प्राइवेट पार्ट्स संक्रमणों और अन्य कई प्रकार की समस्याओं को लेकर ज्यादा संवेदनशील होते हैं. सिर्फ इसलिए नहीं कि वे बहुत नाजुक होते हैं, बल्कि इसलिए भी क्योंकि वे ऐसे अंग है, जहां से हमारे शरीर के टॉक्सिन तथा अपशिष्ट बाहर निकलते हैं. इसलिए इन जगह पर संक्रमण या गंभीर रोग का खतरा अधिक होता है.
डाक्टर्स महिलाओं और पुरुषों को अपने गुप्तांगों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के लिए सलाह देते हैं. लेकिन कई बार महिला तथा पुरुष जानकारी के आभाव में तो कभी सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा करके निजी अंगों की सफाई के लिए गलत तरीकों को अपना लेते हैं. विशेषकर महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है.
योनि की सफाई
उत्तराखंड की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय लक्ष्मी बताती है कि महिलाओं के प्राइवेट पार्ट को प्रचलित तौर पर योनि नाम से संबोधित किया जाता है. दरअसल योनि महिलाओं के जननांग का आंतरिक हिस्सा होता है. महिलाओं के निजी अंग के बाहरी हिस्से को वल्वा कहा जाता है.
वह बताती हैं कि सामान्य परिस्थितियों में योनि को साफ रखने के लिए उसे किसी भी साबुन या अन्य रसायन वाले उत्पादों से धोने से बचना चाहिए, क्योंकि हमारे शरीर की प्राकृतिक संरचना ऐसी है कि हमारी योनि में बैक्टीरिया तथा योनि से निकलने वाला द्रव्य खुद ही योनि को साफ व स्वस्थ रखने का कार्य करता है.
यदि योनि से होने वाल स्राव का रंग सामान्य है तथा उसकी गंध भी सामान्य है तो इसका मतलब है कि योनि का स्वास्थ्य दुरुस्त है. सामान्यतः योनि को साफ रखने के लिए उसे हल्के गरम पानी या सामान्य तापमान वाले पानी से धोना चाहिए.
कैमिकल प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से बचें
वह बताती है कि आजकल बाजार में कई प्रकार के वजाइना/योनि को धोने वाले (Intimate Wash) प्रोडक्ट की भरमार है, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनसे नियमित रूप से योनि को धोने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है.
लेकिन, इन कैमिकल प्रोडक्ट का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल खतरे का संकेत हो सकता है. ऐसे में इंटिमेट वॉश के लिए ऐसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ली जानी चाहिए.
इसके अलावा किसी की कही सुनी बातों में आकर योनि की सफाई के लिए अलग-अलग प्रकार के उत्पादों के इस्तेमाल से बचना चाहिए.
डॉ विजय लक्ष्मी बताती हैं कि गर्मी के मौसम में योनि के आसपास मौजूद बालों में पसीनों के चलते कई बार गंदगी का ढेर लग जाता है, जो सीधा-सीधी संक्रमण होने का संकेत देते हैं.
ऐसे में जरूरी है कि अपने गुप्तांगों को हल्के गर्म पानी या सामान्य तापमान वाले पानी से नियमित रूप से धोएं. यदि बाल वाली जगह पसीना ज्यादा आता है, तो हर्बल यानि रसायनरहित तथा सुगंधरहित साबुन से निजी अंगो को धोया जा सकता है.
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि गर्मी के मौसम में उस क्षेत्र को ड्राई रखें और हो सके तो उस जगह को ट्रीम कर दें. इसके अलावा भी कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखा जा सकता है.
- योनि के आसपास के बालों को ट्रिम करके रखें. योनि के आसपास के बाल साफ करने के लिए कैमिकल युक्त हेयर रिमूवल क्रीम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- जहां तक संभव हो कॉटन के कपड़ा का इस्तेमाल करें. क्योंकि इनमें पसीना सोखने की क्षमता होती है.
- यदि मौसम का तापमान बहुत ज्यादा है और पसीने की समस्या बहुत ज्यादा हो ऐसे में दिन में दो बार अपने अंडर गार्मेंट को बदला भी जा सकता है.
- पीरियड्स के दौरान टैंपोन तथा पैड को नियमित समय पर बदलें.
- योनि से होने वाले स्राव में हल्की गंध आना स्वाभाविक है. ऐसे में इस स्थान की दुर्गंध को दूर करने के लिए ज्यादा सुगंध युक्त टेलकम पाउडर या किसी प्रकार के स्प्रे के इस्तेमाल से बचें.
- योनि को हल्के गर्म पानी से धोएं. इस जगह को कभी भी कैमिकल और ज्यादा खुशबुदार साबुन से नहीं धोना चाहिए.
- शरीर को हाइड्रेट रखें और आहार का विशेष रूप से ध्यान रखें.
- शारीरिक संबंध बनाने के बाद अपने जननांग को पानी से अच्छी तरह धोए.
डॉ विजय लक्ष्मी बताती है कि हैं कि तमाम सावधानियों के बावजूद यदि योनि की त्वचा में खुजली, जलन या अन्य तरह की समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
पढ़ें: 50 फीसदी महिलाएं मासिक धर्म के दौरान करती हैं दर्द का सामना