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बच्चों के पोषण और नियमित टीकाकरण के लिए हेल्पलाइन

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Published : Sep 16, 2020, 12:27 PM IST

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आंगनवाड़ी बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए हेल्पलाइन शुरू की गई हैं . इसका उद्देश्य 6 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के लिए पोषण आहार और टीकाकरण मुहैया करा कर कुपोषण कम करने का प्रयास करना है.

Health & Nutrition Partner Helpline
सेहत एवं पोषण साथी हेल्पलाइन

दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मंगलवार को सेहत एवं पोषण साथी नामक हेल्पलाइन शुरू की. इस हेल्पलाइन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छह वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को पोषण वाला आहार मिलें और नियमित टीकाकरण हो. यह हेल्पलाइन बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के विषय में सूचना भी प्रदान करेगी.

दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने सचिवालय में हुए एक कार्यक्रम में सेहत एवं पोषण साथी नामक इस हेल्पलाइन नंबर का उद्घाटन किया. दिल्ली सरकार के मुताबिक बच्चों के पोषण हेतु प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत सभी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के खाते में सीधे पांच हजार रूपए की नकद राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जाती है. जबकि समेकित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत पर्याप्त पोषण आहार देने के साथ उचित देखभाल की जाती है.

इस अवसर पर गौतम ने कहा, 'वास्तविक चुनौती सही समय पर इन योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने की है. अगर हम इन बाधाओं को पार करके वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचने में सफल हो जाएं, तो समाज की असंख्य महिलाओं और बच्चों के जीवन को सदा के लिए रोगमुक्त करके स्वस्थ बनाया जा सकता है.'

उन्होंने दिल्ली में महिलाओं और बच्चों में व्याप्त कुपोषण को घटाने और वर्ष 2022 तक कुपोषण की मौजूदा दर को आधे से भी कम करने के लक्ष्य को तय करने की बात कही.

इस अवसर पर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने अपने आंगनवाड़ी क्षेत्र के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे बचपन से ही आंगनवाड़ियां परिवर्तनकारी हो सकती हैं. उन्होंने अफसोस जताया कि स्कूल स्तर पर आने वाली समस्याएं जैसे बच्चों के सीखने की धीमी समझ और बीच में पढ़ाई छोड़ने का असली कारण आरंभिक वर्षों में मस्तिष्क का विकास है, जो कि पोषणकारी आहार और सुखद अनुभवों से जुड़ा हुआ है.

उन्होंने इस हेल्पलाइन के काम करने के बारे में बताया कि सेवा का लाभ लेने वाले को 011-41193903 टेलीफोन नंबर पर एक मिस कॉल देनी होगी. उस मिस काल के बाद सलाहकार (काउंसलर) फोन करने वाले के नंबर पर दोबारा फोन करके, उसके और घर के विवरण को सत्यापित करने के उपरांत समस्या के समाधान के विषय में जानकारी देगा.

यह हेल्पलाइन (011-41193903) 'इंडस एक्शन' नामक एक गैर सरकारी संगठन के सहयोग से चौबीस घंटे उपलब्ध होगी. इस हेल्पलाइन नंबर पर एक बार मिस नंबर आने के दो दिनों के भीतर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टोली फोन करने वाले व्यक्ति से संपर्क करके शिकायत को दर्ज करने के बाद उसको सुलझाएंगी. यह देश में स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में जनसाधारण को फोन पर आवश्यक सूचना प्रदान करने वाली अपने तरह की पहली हेल्पलाइन है.

हेल्पलाइन के उद्घाटन के बाद 'शिशु जीवन के पहले दो हजार दिनों' के विषय पर एक परिचर्चा भी हुई. इस परिचर्चा में विभिन्न अल्पकालिक और और दीर्घकालिक लक्ष्यों की पहचान करते हुए आंगनवाड़ियों के लिए एक सशक्त निगरानी तंत्र विकसित करने और पंजीकृत लाभार्थियों के साथ प्रभावी रूप से संबंध स्थापित करने की आवश्यकता बताई गई.

दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मंगलवार को सेहत एवं पोषण साथी नामक हेल्पलाइन शुरू की. इस हेल्पलाइन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छह वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को पोषण वाला आहार मिलें और नियमित टीकाकरण हो. यह हेल्पलाइन बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के विषय में सूचना भी प्रदान करेगी.

दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने सचिवालय में हुए एक कार्यक्रम में सेहत एवं पोषण साथी नामक इस हेल्पलाइन नंबर का उद्घाटन किया. दिल्ली सरकार के मुताबिक बच्चों के पोषण हेतु प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत सभी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के खाते में सीधे पांच हजार रूपए की नकद राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जाती है. जबकि समेकित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत पर्याप्त पोषण आहार देने के साथ उचित देखभाल की जाती है.

इस अवसर पर गौतम ने कहा, 'वास्तविक चुनौती सही समय पर इन योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने की है. अगर हम इन बाधाओं को पार करके वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचने में सफल हो जाएं, तो समाज की असंख्य महिलाओं और बच्चों के जीवन को सदा के लिए रोगमुक्त करके स्वस्थ बनाया जा सकता है.'

उन्होंने दिल्ली में महिलाओं और बच्चों में व्याप्त कुपोषण को घटाने और वर्ष 2022 तक कुपोषण की मौजूदा दर को आधे से भी कम करने के लक्ष्य को तय करने की बात कही.

इस अवसर पर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने अपने आंगनवाड़ी क्षेत्र के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे बचपन से ही आंगनवाड़ियां परिवर्तनकारी हो सकती हैं. उन्होंने अफसोस जताया कि स्कूल स्तर पर आने वाली समस्याएं जैसे बच्चों के सीखने की धीमी समझ और बीच में पढ़ाई छोड़ने का असली कारण आरंभिक वर्षों में मस्तिष्क का विकास है, जो कि पोषणकारी आहार और सुखद अनुभवों से जुड़ा हुआ है.

उन्होंने इस हेल्पलाइन के काम करने के बारे में बताया कि सेवा का लाभ लेने वाले को 011-41193903 टेलीफोन नंबर पर एक मिस कॉल देनी होगी. उस मिस काल के बाद सलाहकार (काउंसलर) फोन करने वाले के नंबर पर दोबारा फोन करके, उसके और घर के विवरण को सत्यापित करने के उपरांत समस्या के समाधान के विषय में जानकारी देगा.

यह हेल्पलाइन (011-41193903) 'इंडस एक्शन' नामक एक गैर सरकारी संगठन के सहयोग से चौबीस घंटे उपलब्ध होगी. इस हेल्पलाइन नंबर पर एक बार मिस नंबर आने के दो दिनों के भीतर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टोली फोन करने वाले व्यक्ति से संपर्क करके शिकायत को दर्ज करने के बाद उसको सुलझाएंगी. यह देश में स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में जनसाधारण को फोन पर आवश्यक सूचना प्रदान करने वाली अपने तरह की पहली हेल्पलाइन है.

हेल्पलाइन के उद्घाटन के बाद 'शिशु जीवन के पहले दो हजार दिनों' के विषय पर एक परिचर्चा भी हुई. इस परिचर्चा में विभिन्न अल्पकालिक और और दीर्घकालिक लक्ष्यों की पहचान करते हुए आंगनवाड़ियों के लिए एक सशक्त निगरानी तंत्र विकसित करने और पंजीकृत लाभार्थियों के साथ प्रभावी रूप से संबंध स्थापित करने की आवश्यकता बताई गई.

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