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इस कॉफी को लेकर लोगों में है रुझान, रिसर्च में सामने आए फायदे और नुकसान

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Published : Aug 31, 2022, 5:37 AM IST

Updated : Aug 31, 2022, 2:07 PM IST

Green tea की तरह आजकल Green Coffee को लेकर भी लोगों में रुझान (Green coffee is new trend) काफी ज्यादा बढ़ने लगा है. जानकार मानते हैं और कई शोधों में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है कि कॉफी के हरे बीजों से बनी इस कॉफी में (green coffee benefits) कई तरह के गुण पाए जाते हैं जो सौंदर्य के साथ-साथ सेहत को भी कई तरह से फायदे पहुंचा सकते हैं. Green coffee benefits disadvantages of green coffee .

green coffee
ग्रीन कॉफी के फायदे

आम कॉफी के फायदों और नुकसान के बारे में तो हम आमतौर पर पढ़ते और सुनते रहते ही हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कॉफी सिर्फ भूरे रंग की ही नहीं होती है! ग्रीन कॉफी यानी कॉफी के हरे बीजों से तैयार होने वाली कॉफी भी आजकल देश विदेश में लोगों द्वारा काफी पसंद की जा रही है. जानकार मानते हैं तथा कुछ शोधों में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि ग्रीन कॉफी में सेहत को लाभ पहुंचाने वाले कुछ ऐसे तत्व मिलते हैं जो ना सिर्फ मोटापे को कम करने में मददगार होते हैं बल्कि डायबिटीज, हाई ब्लड-प्रेशर, अल्जाइमर व तंत्रिका तंत्र संबंधी अवस्थाओं और अन्य समस्याओं से बचाव व उनके निदान में मदद कर सकते हैं. Green coffee benefits disadvantages of green coffee . Green coffee is new trend .

क्या है ग्रीन कॉफी : ग्रीन कॉफी के फ़ायदों के बारें में जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि ग्रीन कॉफी होती क्या है. दरअसल बाजार में मिलने वाली भूरे रंग कि कॉफी को तैयार करने करने लिए कॉफी के बीजों को काफी भूना जाता है. जिसके बाद उनका रंग भूरा होते है. लेकिन कॉफी के बीजों का मूल रंग हरा ही होता है. ग्रीन कॉफी दरअसल बिना भुने हुए कॉफी के बीजों से तैयार की जाती है. हालांकि चिकित्सकों का यह भी मानना है कि भले ही कम मात्रा में सही लेकिन इसमें कैफीन की मौजूदगी के चलते इसके ज्यादा सेवन से कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं.

क्या कहते हैं शोध: ग्रीन कॉफी के फ़ायदों को लेकर देश विदेश में कुछ अध्ययन तथा प्रयोग भी किए गए हैं. जिनमें से ज्यादातर में इसमें सेहत के लाभकारी गुणों के होने कि बात कही गई है. इसी श्रृंखला में रिसर्चगेट. नेट पर आहार विज्ञान व पोषण से जुड़े एक शोध में कहा गया है कि ग्रीन कॉफी में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और स्वस्थ वसा पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं. वहीं इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर द्वारा जारी एक सूचना में भी ग्रीन कॉफी को नॉन कार्सिनोजेनिक यानी अकैंसरकारी गुणों वाला बताया गया है.

इसके अलावा नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की वेबसाइट (National Center for Biotechnology Information) पर प्रकाशित एक रिसर्च में ग्रीन कॉफी के गुणों के बारें में विस्तार से बताया गया है.इस शोध के अनुसार ग्रीन कॉफी में एंटी ओबेसिटी गुण पाए जाते हैं. इस शोध में चूहों पर की गई एक रिसर्च का उल्लेख भी किया गया है जिसके निष्कर्षों में इस बात को माना गया है कि ग्रीन कॉफी वजन कम करने के साथ ही वसा कोशिकाओं और लिपिड चयापचय को नियंत्रित करने का कार्य भी करती है. शोध में यह भी बताया गया है कि ग्रीन कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है, जिसमें हाइपोग्लाइसेमिक और एंटी डायबिटिक प्रभाव पाए जाते हैं. इस शोध में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि इसमें न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं जो अल्जाइमर व पार्किंसन जैसे रोगों में मदद करने के साथ ही एकाग्रता को बेहतर करने तथा मूड को बेहतर करने में भी मददगार हो सकते हैं। .

क्या कहते हैं चिकित्सक : दिल्ली की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि ग्रीन कॉफी, कॉफी का मूल व प्राकृतिक स्वरूप है इसलिए इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण अपेक्षाकृत ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं. वह बताती हैं कि दरअसल बाजार में मिलने वाली आम कॉफी को तैयार करने के लिए पहले कॉफी के दानों को अच्छे से भूना जाता है. इसके अलावा भी कॉफी को तैयार करने के लिए कुछ और भी प्रक्रियाएं अपनाई जाती है. जिसके कारण कॉफी के बीजों में मिलने वाले प्राकृतिक तत्वों की मात्रा अपेक्षाकृत कम या बिल्कुल खत्म हो जाती है. कॉफी के हरे बीजों में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है जिसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. एंटी ऑक्सीडेंट गुण हमारी त्वचा व बालों की सेहत को स्वस्थ व दुरुस्त रखने, सौन्दर्य को बढ़ाने से लेकर सेहत को स्वस्थ रखने तथा कई प्रकार के रोगों व अवस्थाओं से बचाने में मदद करते हैं. इसके अलावा इसमें ऐसे गुण तथा तत्व भी पाए जाते हैं जो मधुमेह, हाई कोलेस्ट्रॉल व हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं से बचाए रखने में मदद करते हैं. इसके अलावा क्लोरोजेनिक एसिड हमारे मेटाबोलिक स्वास्थ्य को भी दुरुस्त रखने में लाभकारी होता है.

नुकसान : वह बताती हैं कि हालांकि इसमें कैफीन सामान्य कॉफी के मुकाबले काफी कम मात्रा में होता है लेकिन फिर भी बहुत जरूरी है कि इसका बहुत ही नियंत्रित व संतुलित मात्रा में सेवन किया जाए. ज्यादा मात्रा में इसका सेवन शरीर पर कई बार विपरीत प्रभाव भी दे सकता है जैसे पेट में खराबी, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम या कैफीन के प्रभावों के कारण होने वाली अन्य समस्याएं. इसके अलावा इसमें कम मात्रा में ही सही लेकिन कैफीन की मौजूदगी के चलते स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन से परहेज करना चाहिए.

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आम कॉफी के फायदों और नुकसान के बारे में तो हम आमतौर पर पढ़ते और सुनते रहते ही हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कॉफी सिर्फ भूरे रंग की ही नहीं होती है! ग्रीन कॉफी यानी कॉफी के हरे बीजों से तैयार होने वाली कॉफी भी आजकल देश विदेश में लोगों द्वारा काफी पसंद की जा रही है. जानकार मानते हैं तथा कुछ शोधों में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि ग्रीन कॉफी में सेहत को लाभ पहुंचाने वाले कुछ ऐसे तत्व मिलते हैं जो ना सिर्फ मोटापे को कम करने में मददगार होते हैं बल्कि डायबिटीज, हाई ब्लड-प्रेशर, अल्जाइमर व तंत्रिका तंत्र संबंधी अवस्थाओं और अन्य समस्याओं से बचाव व उनके निदान में मदद कर सकते हैं. Green coffee benefits disadvantages of green coffee . Green coffee is new trend .

क्या है ग्रीन कॉफी : ग्रीन कॉफी के फ़ायदों के बारें में जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि ग्रीन कॉफी होती क्या है. दरअसल बाजार में मिलने वाली भूरे रंग कि कॉफी को तैयार करने करने लिए कॉफी के बीजों को काफी भूना जाता है. जिसके बाद उनका रंग भूरा होते है. लेकिन कॉफी के बीजों का मूल रंग हरा ही होता है. ग्रीन कॉफी दरअसल बिना भुने हुए कॉफी के बीजों से तैयार की जाती है. हालांकि चिकित्सकों का यह भी मानना है कि भले ही कम मात्रा में सही लेकिन इसमें कैफीन की मौजूदगी के चलते इसके ज्यादा सेवन से कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं.

क्या कहते हैं शोध: ग्रीन कॉफी के फ़ायदों को लेकर देश विदेश में कुछ अध्ययन तथा प्रयोग भी किए गए हैं. जिनमें से ज्यादातर में इसमें सेहत के लाभकारी गुणों के होने कि बात कही गई है. इसी श्रृंखला में रिसर्चगेट. नेट पर आहार विज्ञान व पोषण से जुड़े एक शोध में कहा गया है कि ग्रीन कॉफी में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और स्वस्थ वसा पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं. वहीं इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर द्वारा जारी एक सूचना में भी ग्रीन कॉफी को नॉन कार्सिनोजेनिक यानी अकैंसरकारी गुणों वाला बताया गया है.

इसके अलावा नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की वेबसाइट (National Center for Biotechnology Information) पर प्रकाशित एक रिसर्च में ग्रीन कॉफी के गुणों के बारें में विस्तार से बताया गया है.इस शोध के अनुसार ग्रीन कॉफी में एंटी ओबेसिटी गुण पाए जाते हैं. इस शोध में चूहों पर की गई एक रिसर्च का उल्लेख भी किया गया है जिसके निष्कर्षों में इस बात को माना गया है कि ग्रीन कॉफी वजन कम करने के साथ ही वसा कोशिकाओं और लिपिड चयापचय को नियंत्रित करने का कार्य भी करती है. शोध में यह भी बताया गया है कि ग्रीन कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है, जिसमें हाइपोग्लाइसेमिक और एंटी डायबिटिक प्रभाव पाए जाते हैं. इस शोध में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि इसमें न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं जो अल्जाइमर व पार्किंसन जैसे रोगों में मदद करने के साथ ही एकाग्रता को बेहतर करने तथा मूड को बेहतर करने में भी मददगार हो सकते हैं। .

क्या कहते हैं चिकित्सक : दिल्ली की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि ग्रीन कॉफी, कॉफी का मूल व प्राकृतिक स्वरूप है इसलिए इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण अपेक्षाकृत ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं. वह बताती हैं कि दरअसल बाजार में मिलने वाली आम कॉफी को तैयार करने के लिए पहले कॉफी के दानों को अच्छे से भूना जाता है. इसके अलावा भी कॉफी को तैयार करने के लिए कुछ और भी प्रक्रियाएं अपनाई जाती है. जिसके कारण कॉफी के बीजों में मिलने वाले प्राकृतिक तत्वों की मात्रा अपेक्षाकृत कम या बिल्कुल खत्म हो जाती है. कॉफी के हरे बीजों में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है जिसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. एंटी ऑक्सीडेंट गुण हमारी त्वचा व बालों की सेहत को स्वस्थ व दुरुस्त रखने, सौन्दर्य को बढ़ाने से लेकर सेहत को स्वस्थ रखने तथा कई प्रकार के रोगों व अवस्थाओं से बचाने में मदद करते हैं. इसके अलावा इसमें ऐसे गुण तथा तत्व भी पाए जाते हैं जो मधुमेह, हाई कोलेस्ट्रॉल व हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं से बचाए रखने में मदद करते हैं. इसके अलावा क्लोरोजेनिक एसिड हमारे मेटाबोलिक स्वास्थ्य को भी दुरुस्त रखने में लाभकारी होता है.

नुकसान : वह बताती हैं कि हालांकि इसमें कैफीन सामान्य कॉफी के मुकाबले काफी कम मात्रा में होता है लेकिन फिर भी बहुत जरूरी है कि इसका बहुत ही नियंत्रित व संतुलित मात्रा में सेवन किया जाए. ज्यादा मात्रा में इसका सेवन शरीर पर कई बार विपरीत प्रभाव भी दे सकता है जैसे पेट में खराबी, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम या कैफीन के प्रभावों के कारण होने वाली अन्य समस्याएं. इसके अलावा इसमें कम मात्रा में ही सही लेकिन कैफीन की मौजूदगी के चलते स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन से परहेज करना चाहिए.

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Last Updated : Aug 31, 2022, 2:07 PM IST
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