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छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर पाए बलोटींग से राहत - Acidity

पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं जैसे एसिडिटी या गैस होना काफी हद तक हमारी जीवन शैली की देन माने जाते है। ऐसी ही एक समस्या है पेट फूलना या बलोटींग। इस समस्या में पेट का आकार बढ़ने लगता है। इसे पेट की सूजन भी कहते हैं। जानते है आयुर्वेद के नजरिए से क्यों होती है बलोटींग और साधारण नूस्खों से कैसे इस समस्या से राहत पाई जा सकती है।

Bloating
Acidity
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Published : Jul 16, 2021, 1:57 PM IST

पेट फूलने वैसे तो एक आम समस्या है लेकिन यदि शुरुआत में ही इस पर ध्यान न दिया जाय तो यह गंभीर भी हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार कैसे छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रख कर और कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर कैसे इस समस्या में राहत पाई जा सकती है, तथा इस समस्या के आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में ज्यादा जानने के लिए ETV भारत सुखीभवा ने वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ.पी.वी रंगनायकूलु से बात की।

पेट फूलने का कारण

हमारे पेट की अंदरूनी परत, जिसे म्यूकोसा कहा जाता है पर कई छोटी-छोटी ग्रन्थियां होती हैं। जो भोजन को हजम करने के लिए एसिड और पेप्सिन नामक एंजाइम का निर्माण करती हैं। उनमें जहां एसिड भोजन को पचाता है, वहीं पेप्सिन प्रोटीन को हजम करता है। विभिन्न कारणों के चलते अगर म्यूकोसा में सूजन आ जाती है, तो पेट में गैस की समस्या होने लगती है और ऐसिड और पेप्सिन का उत्पादन कम होने लगता है । इसी के चलते पेट के फूलने यानी ब्लोटिंग की समस्या होने लगती है।

डा पी वी रंगनायकूलु बताते है की आयुर्वेद के अनुसार वात की विकृति के कारण पेट फूलता है।

पेट फूलने के लक्षण

पेट फूलने के कुछ विशेष और प्रचलित लक्षण इस प्रकार है।

घबराहट

बेचैनी

पेट में दर्द

कब्ज या दस्त

वजन घटना

थकान

तेज सिरदर्द या कमजोरी

बार-बार गैस बनना

गैस निकलने पर बदबू आना

पेट फूलना और खट्टी डकारे आना

उल्टी जैसा महसूस होना

भूख कम लगना

लगातार हिचकी आना

पेट में ऐंठन होना

इन लक्षणों के अतिरिक्त यदि पीड़ित को कब्ज तथा मल का रंग बदलने या फिर उसके साथ खून आना जैसी समस्याएं होने लगे तो स्तिथि गंभीर हो सकती है।

पेट फूलने के कारण

डा पी वी रंगनायकूलु बताते है की इस समस्या को बहुत से कारक प्रभावित करते है जैसे बेमेल आहार, खाने के साथ पानी पीना, रात का खाना देर से खाना, खाने के बाद तुरन्त लेट जाना, व्यायाम का अभाव आदि। इसके अतिरिक्त सुबह नाश्ता नही करना और दोपहर और रात का खाना काफी भारी करना, रात में फल, दही, सत्तू, मूली व बैंगन खाना , ज्यादा मात्रा में अचार और सिरके से बनी चीजें खाना, ज्यादा चटपटा, तैलीय, मसालेदार भोजन करना तथा ज्यादा मात्रा में चाय या काफी का सेवन करने से भी पेट फूलने की समस्या होती है।

कुछ विशेष बीमारियों जैसे इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम, क्रोहन रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस, सीलिएक रोग, लीवर की समस्या, आंत की समस्या, पेट, अग्नाशय व गर्भाशय का कैंसर, पेट का ट्यूमर तथा हर्निया जैसे रोगों में भी यह समस्या हो सकती है।

बलोटींग में फायदा पहुँचा सकते है ये घरेलू नूस्खें

डॉ.पी.वी रंगनायकूलु बताते है की सामान्य रूप से पेट फूलने की समस्या के लिए आयुर्वेद में बताए गए कुछ घरेलू नुस्खे काफी फायदा पहुँचा सकते है, जिनमें से कुछ इस प्रकार है।

• ५०० मिलीग्राम लंबी काली मिर्च का चूर्ण शहद के साथ १० दिन तक लें।

• 500mg सोया के बीज (शतपुष्पा) को एक कप गर्म पानी में 5 मिनट के लिए भिगो दें और पी लें।

• हींग का एक छोटा टुकड़ा लें और इसे अच्छी महक आने तक भूनें और खाएं।

• नियमित रूप से थोड़ी मात्रा में दालचीनी पाउडर का सेवन करें।

• हरड़ का बारीक चूर्ण लेकर उसमें सेंधा नमक सुबह-सुबह खाने से पहले मिला लें।

पढ़े: इन योग आसनों से पाएं एसिडिटी और पेट फूलने से राहत

आयुर्वेदिक उपचार:

• लवण भास्कर चूर्ण 1-3 ग्राम भोजन से पहले गर्म पानी के साथ दिन में दो बार लें ।

• हिंगअष्टक चूर्ण 1-3 ग्राम नीबू के रस के साथ भोजन से पहले दिन में दो बार लें।

• अजमोद चूर्ण 1-3 ग्राम नीबू के रस के साथ भोजन के बाद दिन में दो बार लें।

• चित्रकोडी वटी : 1-2 गोली दिन में दो बार गर्म पानी के साथ

• अग्निटुंडी वटी: 1-2 गोली दिन में दो बार गर्म पानी के साथ

डॉ.पी.वी रंगनायकूलु बताते है की यह सभी उपचार आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श के उपरांत ही लेने चाहियें ।

पेट फूलने वैसे तो एक आम समस्या है लेकिन यदि शुरुआत में ही इस पर ध्यान न दिया जाय तो यह गंभीर भी हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार कैसे छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रख कर और कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर कैसे इस समस्या में राहत पाई जा सकती है, तथा इस समस्या के आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में ज्यादा जानने के लिए ETV भारत सुखीभवा ने वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ.पी.वी रंगनायकूलु से बात की।

पेट फूलने का कारण

हमारे पेट की अंदरूनी परत, जिसे म्यूकोसा कहा जाता है पर कई छोटी-छोटी ग्रन्थियां होती हैं। जो भोजन को हजम करने के लिए एसिड और पेप्सिन नामक एंजाइम का निर्माण करती हैं। उनमें जहां एसिड भोजन को पचाता है, वहीं पेप्सिन प्रोटीन को हजम करता है। विभिन्न कारणों के चलते अगर म्यूकोसा में सूजन आ जाती है, तो पेट में गैस की समस्या होने लगती है और ऐसिड और पेप्सिन का उत्पादन कम होने लगता है । इसी के चलते पेट के फूलने यानी ब्लोटिंग की समस्या होने लगती है।

डा पी वी रंगनायकूलु बताते है की आयुर्वेद के अनुसार वात की विकृति के कारण पेट फूलता है।

पेट फूलने के लक्षण

पेट फूलने के कुछ विशेष और प्रचलित लक्षण इस प्रकार है।

घबराहट

बेचैनी

पेट में दर्द

कब्ज या दस्त

वजन घटना

थकान

तेज सिरदर्द या कमजोरी

बार-बार गैस बनना

गैस निकलने पर बदबू आना

पेट फूलना और खट्टी डकारे आना

उल्टी जैसा महसूस होना

भूख कम लगना

लगातार हिचकी आना

पेट में ऐंठन होना

इन लक्षणों के अतिरिक्त यदि पीड़ित को कब्ज तथा मल का रंग बदलने या फिर उसके साथ खून आना जैसी समस्याएं होने लगे तो स्तिथि गंभीर हो सकती है।

पेट फूलने के कारण

डा पी वी रंगनायकूलु बताते है की इस समस्या को बहुत से कारक प्रभावित करते है जैसे बेमेल आहार, खाने के साथ पानी पीना, रात का खाना देर से खाना, खाने के बाद तुरन्त लेट जाना, व्यायाम का अभाव आदि। इसके अतिरिक्त सुबह नाश्ता नही करना और दोपहर और रात का खाना काफी भारी करना, रात में फल, दही, सत्तू, मूली व बैंगन खाना , ज्यादा मात्रा में अचार और सिरके से बनी चीजें खाना, ज्यादा चटपटा, तैलीय, मसालेदार भोजन करना तथा ज्यादा मात्रा में चाय या काफी का सेवन करने से भी पेट फूलने की समस्या होती है।

कुछ विशेष बीमारियों जैसे इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम, क्रोहन रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस, सीलिएक रोग, लीवर की समस्या, आंत की समस्या, पेट, अग्नाशय व गर्भाशय का कैंसर, पेट का ट्यूमर तथा हर्निया जैसे रोगों में भी यह समस्या हो सकती है।

बलोटींग में फायदा पहुँचा सकते है ये घरेलू नूस्खें

डॉ.पी.वी रंगनायकूलु बताते है की सामान्य रूप से पेट फूलने की समस्या के लिए आयुर्वेद में बताए गए कुछ घरेलू नुस्खे काफी फायदा पहुँचा सकते है, जिनमें से कुछ इस प्रकार है।

• ५०० मिलीग्राम लंबी काली मिर्च का चूर्ण शहद के साथ १० दिन तक लें।

• 500mg सोया के बीज (शतपुष्पा) को एक कप गर्म पानी में 5 मिनट के लिए भिगो दें और पी लें।

• हींग का एक छोटा टुकड़ा लें और इसे अच्छी महक आने तक भूनें और खाएं।

• नियमित रूप से थोड़ी मात्रा में दालचीनी पाउडर का सेवन करें।

• हरड़ का बारीक चूर्ण लेकर उसमें सेंधा नमक सुबह-सुबह खाने से पहले मिला लें।

पढ़े: इन योग आसनों से पाएं एसिडिटी और पेट फूलने से राहत

आयुर्वेदिक उपचार:

• लवण भास्कर चूर्ण 1-3 ग्राम भोजन से पहले गर्म पानी के साथ दिन में दो बार लें ।

• हिंगअष्टक चूर्ण 1-3 ग्राम नीबू के रस के साथ भोजन से पहले दिन में दो बार लें।

• अजमोद चूर्ण 1-3 ग्राम नीबू के रस के साथ भोजन के बाद दिन में दो बार लें।

• चित्रकोडी वटी : 1-2 गोली दिन में दो बार गर्म पानी के साथ

• अग्निटुंडी वटी: 1-2 गोली दिन में दो बार गर्म पानी के साथ

डॉ.पी.वी रंगनायकूलु बताते है की यह सभी उपचार आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श के उपरांत ही लेने चाहियें ।

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