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Smoking से छुटकारा : जापान जैसे दूसरे देशों को फॉलो कर स्मोकिंग की लत से छुटकारा पा सकते हैं

इजराइल के प्रोफेसर R Zimlichman ने ब्रिटेन, जापान और अमेरिका जैसे देशों में सफल उदाहरणों का उल्लेख किया, जहां व्यापक नीतियों और जागरूकता अभियानों के परिणामस्वरूप स्मोकिंग की दर में गिरावट आई है.

Prof Zimlichman says follow Japan Britain America to get rid of smoking addiction
स्मोकिंग धूम्रपान
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By IANS

Published : Sep 26, 2023, 7:53 AM IST

नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान- AIIMS नई दिल्ली में हाल ही में आयोजित एक सेमिनार में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने धूम्रपान ( Smoking ) से संबंधित हृदय रोगों (Heart disease ) की बढ़ती वैश्विक चिंता के बारे में चर्चा की. विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि स्मोकिंग से संबंधित हार्ट डिजीज से निपटने की तत्काल आवश्यकता है और इसके लिए नुकसान कम करने की नई नीतियां अपनाई जा सकती हैं.

इस कार्यक्रम में इज़राइल के तेल-अवीव विश्वविद्यालय में सैकलर फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के ब्रूनर इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर रिसर्च में निदेशक प्रोफेसर आर. ज़िमलिचमैन द्वारा गहन विचार-विमर्श किया गया. इज़राइली सोसायटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ अक्‍यूट मायोकार्डियल इनफ्रैक्‍शन के निदेशक मंडल के सदस्य प्रोफेसर R. Zimlichman ने एक अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हुए कहा, “स्मोकिंग हमारे वैश्विक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है, जिसमें एक अरब से अधिक लोग इससे पीडि़त हैं. स्पष्ट परिणामों के बावजूद, कई लोग स्वयं को इसकी लत ( Smoking addiction ) का गुलाम पाते हैं.''

get rid of smoking
स्मोकिंग की लत से छुटकारा

ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों की सफलता
नुकसान कम करने के बारे में प्रोफेसर R Zimlichman ने ब्रिटेन, जापान और अमेरिका जैसे देशों में सफल उदाहरणों का उल्लेख किया, जहां व्यापक नीतियों और जागरूकता अभियानों के परिणामस्वरूप स्मोकिंग की दर में गिरावट आई है. उन्‍होंने भारत में इसी तरह की रणनीतियों की आवश्यकता पर बल दिया. Professor R Zimlichman ने बताया, “आज के नए बदलावों का उद्देश्य सुरक्षित विकल्पों के माध्यम से जीवन बचाना है. ऐसे उपकरण जो तंबाकू को जलाने की बजाय सिर्फ गर्म करते हैं, उनसे नुकसान काफी कम हो जाता है. हालांकि निकोटिन नशे की लत है, पारंपरिक उपयोग में इसका कोई सीधा नुकसान नहीं है. नुकसान में कमी की दिशा में बदलाव सकारात्मक है, बशर्ते इसे दीर्घकालिक अनुसंधान और मूल्यांकन के आधार पर तैयार किया जाए.

Prof Zimlichman says follow Japan Britain America to get rid of smoking addiction
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान सेमिनार

जापान की सफलता
गैर-दहनशील तंबाकू उपकरणों ( Non-Combustible Tobacco Devices ) को अपनाने में जापान की सफलता का संकेत देते हुए, Professor Zimlichman ने कहा, “इन उपकरणों में बदलाव के परिणामस्वरूप स्मोकिंग दर में औसतन 5.2 प्रतिशत की गिरावट आई. साथ ही स्मोकिंग के कारण होने वाली बीमारी के बोझ में उल्लेखनीय कमी आई. ये आशाजनक परिणाम नुकसान कम करने की रणनीतियों की क्षमता का संकेत देते हैं.'' सेमिनार में, धूम्रपान और हार्ट डिजीज से संबंधित भारत की विशिष्ट स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई.

भारतीय संदर्भ के अनुरूप वैकल्पिक समाधानों में व्यापक शोध पर जोर देने के साथ-साथ तत्काल राष्ट्रव्यापी स्मोकिंग समाप्ति कार्यक्रमों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया. नुकसान में कमी लाने के लिए साक्ष्य-आधारित नीतियां विकसित करने में सरकारी सहयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया. सर गंगाराम अस्पताल के कार्डियोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. मोहसिन वली ने चर्चा को भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं की ओर मोड़ते हुए कहा, “धूम्रपान से संबंधित हार्ट डिजीज भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर चिंताजनक प्रभाव डालती हैं. अब समय आ गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक धूम्रपान निषेध कार्यक्रम तत्काल शुरू किया जाए.''

Dr. Mohsin Wali ने भारतीय परिप्रेक्ष्य से विकल्पों पर व्यापक शोध की आवश्यकता पर भी जोर दिया, उन्होंने कहा, "हमें नुकसान में कमी को बढ़ावा देने के लिए साक्ष्य-आधारित नीतियां बनाने के लिए सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की आवश्यकता है." Dr Mohsin Wali ने व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की भी वकालत करते हुए कहा, "हमारा दृढ़ विश्वास है कि इन सिफारिशों को तुरंत लागू करके भारत हृदय रोगों से जुड़े जोखिम कारकों को काफी हद तक कम कर सकता है, और देश को एक स्वस्थ भविष्य की ओर ले जा सकता है."

एम्‍स, नई दिल्‍ली में फिजियोलॉजीी विभाग में संज्ञानात्‍मक न्‍यूरोफिजियोलॉजी और पोषण लैब के प्रभारी तथा और सेमिनार के सह-अध्यक्ष प्रो. कंवल प्रीत कोचर ने भारत में स्वास्थ्य चुनौतियों के व्यापक संदर्भ में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की. उन्‍होंने कहा कि भारत में भी हम 30 और 35 वर्ष के युवाओं को अक्सर असंतुलित और अत्यधिक जीवनशैली के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करते हुए देखते हैं. Pro. Kanwal Preet Kochhar ने कहा, ''तंबाकू नियंत्रण के लिए वैश्विक युवा कार्यक्रम में तनाव प्रबंधन, लत, पर्यावरण, व्यायाम और आहार जैसे कई घटकों को संबोधित करने वाली पहल का विकास भारत में स्वास्थ्य चुनौतियों के अंतर्संबंध और समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता को दर्शाता है.''

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महिलाओं में कैंसर समेत कई रोगों के खतरे को बढ़ाता है धूम्रपान, विशेषज्ञों से जानें समाधान

सेमिनार ने स्मोकिंग से संबंधित हृदय रोगों की वैश्विक चिंता पर प्रकाश डाला और इस गंभीर स्वास्थ्य चुनौती से निपटने के लिए नवीन रणनीतियों का प्रदर्शन किया. विशेषज्ञों की सर्वसम्मति ने स्वस्थ, धूम्रपान मुक्त भविष्य बनाने के लिए साक्ष्य-आधारित नीतियों, सहयोगात्मक प्रयासों और मजबूत जागरूकता अभियानों के महत्व पर जोर दिया. इस संगोष्ठी का उद्देश्‍य विशेषज्ञों द्वारा सरकारी और सामाजिक हस्तक्षेप के लिए संयुक्त आह्वान स्मोकिंग और संबंधित हृदय रोगों से उत्पन्न वैश्विक और राष्ट्रीय स्वास्थ्य खतरे से निपटने की दिशा में एक स्पष्ट रोडमैप की रूपरेखा तैयार करना है.

नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान- AIIMS नई दिल्ली में हाल ही में आयोजित एक सेमिनार में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने धूम्रपान ( Smoking ) से संबंधित हृदय रोगों (Heart disease ) की बढ़ती वैश्विक चिंता के बारे में चर्चा की. विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि स्मोकिंग से संबंधित हार्ट डिजीज से निपटने की तत्काल आवश्यकता है और इसके लिए नुकसान कम करने की नई नीतियां अपनाई जा सकती हैं.

इस कार्यक्रम में इज़राइल के तेल-अवीव विश्वविद्यालय में सैकलर फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के ब्रूनर इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर रिसर्च में निदेशक प्रोफेसर आर. ज़िमलिचमैन द्वारा गहन विचार-विमर्श किया गया. इज़राइली सोसायटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ अक्‍यूट मायोकार्डियल इनफ्रैक्‍शन के निदेशक मंडल के सदस्य प्रोफेसर R. Zimlichman ने एक अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हुए कहा, “स्मोकिंग हमारे वैश्विक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है, जिसमें एक अरब से अधिक लोग इससे पीडि़त हैं. स्पष्ट परिणामों के बावजूद, कई लोग स्वयं को इसकी लत ( Smoking addiction ) का गुलाम पाते हैं.''

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स्मोकिंग की लत से छुटकारा

ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों की सफलता
नुकसान कम करने के बारे में प्रोफेसर R Zimlichman ने ब्रिटेन, जापान और अमेरिका जैसे देशों में सफल उदाहरणों का उल्लेख किया, जहां व्यापक नीतियों और जागरूकता अभियानों के परिणामस्वरूप स्मोकिंग की दर में गिरावट आई है. उन्‍होंने भारत में इसी तरह की रणनीतियों की आवश्यकता पर बल दिया. Professor R Zimlichman ने बताया, “आज के नए बदलावों का उद्देश्य सुरक्षित विकल्पों के माध्यम से जीवन बचाना है. ऐसे उपकरण जो तंबाकू को जलाने की बजाय सिर्फ गर्म करते हैं, उनसे नुकसान काफी कम हो जाता है. हालांकि निकोटिन नशे की लत है, पारंपरिक उपयोग में इसका कोई सीधा नुकसान नहीं है. नुकसान में कमी की दिशा में बदलाव सकारात्मक है, बशर्ते इसे दीर्घकालिक अनुसंधान और मूल्यांकन के आधार पर तैयार किया जाए.

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान सेमिनार

जापान की सफलता
गैर-दहनशील तंबाकू उपकरणों ( Non-Combustible Tobacco Devices ) को अपनाने में जापान की सफलता का संकेत देते हुए, Professor Zimlichman ने कहा, “इन उपकरणों में बदलाव के परिणामस्वरूप स्मोकिंग दर में औसतन 5.2 प्रतिशत की गिरावट आई. साथ ही स्मोकिंग के कारण होने वाली बीमारी के बोझ में उल्लेखनीय कमी आई. ये आशाजनक परिणाम नुकसान कम करने की रणनीतियों की क्षमता का संकेत देते हैं.'' सेमिनार में, धूम्रपान और हार्ट डिजीज से संबंधित भारत की विशिष्ट स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई.

भारतीय संदर्भ के अनुरूप वैकल्पिक समाधानों में व्यापक शोध पर जोर देने के साथ-साथ तत्काल राष्ट्रव्यापी स्मोकिंग समाप्ति कार्यक्रमों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया. नुकसान में कमी लाने के लिए साक्ष्य-आधारित नीतियां विकसित करने में सरकारी सहयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया. सर गंगाराम अस्पताल के कार्डियोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. मोहसिन वली ने चर्चा को भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं की ओर मोड़ते हुए कहा, “धूम्रपान से संबंधित हार्ट डिजीज भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर चिंताजनक प्रभाव डालती हैं. अब समय आ गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक धूम्रपान निषेध कार्यक्रम तत्काल शुरू किया जाए.''

Dr. Mohsin Wali ने भारतीय परिप्रेक्ष्य से विकल्पों पर व्यापक शोध की आवश्यकता पर भी जोर दिया, उन्होंने कहा, "हमें नुकसान में कमी को बढ़ावा देने के लिए साक्ष्य-आधारित नीतियां बनाने के लिए सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की आवश्यकता है." Dr Mohsin Wali ने व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की भी वकालत करते हुए कहा, "हमारा दृढ़ विश्वास है कि इन सिफारिशों को तुरंत लागू करके भारत हृदय रोगों से जुड़े जोखिम कारकों को काफी हद तक कम कर सकता है, और देश को एक स्वस्थ भविष्य की ओर ले जा सकता है."

एम्‍स, नई दिल्‍ली में फिजियोलॉजीी विभाग में संज्ञानात्‍मक न्‍यूरोफिजियोलॉजी और पोषण लैब के प्रभारी तथा और सेमिनार के सह-अध्यक्ष प्रो. कंवल प्रीत कोचर ने भारत में स्वास्थ्य चुनौतियों के व्यापक संदर्भ में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की. उन्‍होंने कहा कि भारत में भी हम 30 और 35 वर्ष के युवाओं को अक्सर असंतुलित और अत्यधिक जीवनशैली के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करते हुए देखते हैं. Pro. Kanwal Preet Kochhar ने कहा, ''तंबाकू नियंत्रण के लिए वैश्विक युवा कार्यक्रम में तनाव प्रबंधन, लत, पर्यावरण, व्यायाम और आहार जैसे कई घटकों को संबोधित करने वाली पहल का विकास भारत में स्वास्थ्य चुनौतियों के अंतर्संबंध और समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता को दर्शाता है.''

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सेमिनार ने स्मोकिंग से संबंधित हृदय रोगों की वैश्विक चिंता पर प्रकाश डाला और इस गंभीर स्वास्थ्य चुनौती से निपटने के लिए नवीन रणनीतियों का प्रदर्शन किया. विशेषज्ञों की सर्वसम्मति ने स्वस्थ, धूम्रपान मुक्त भविष्य बनाने के लिए साक्ष्य-आधारित नीतियों, सहयोगात्मक प्रयासों और मजबूत जागरूकता अभियानों के महत्व पर जोर दिया. इस संगोष्ठी का उद्देश्‍य विशेषज्ञों द्वारा सरकारी और सामाजिक हस्तक्षेप के लिए संयुक्त आह्वान स्मोकिंग और संबंधित हृदय रोगों से उत्पन्न वैश्विक और राष्ट्रीय स्वास्थ्य खतरे से निपटने की दिशा में एक स्पष्ट रोडमैप की रूपरेखा तैयार करना है.

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