आज के समय में सभी लोग जानते हैं कि योग आसनों या किसी भी प्रकार के व्यायाम का अभ्यास करना हमारी सेहत के लिए कितना जरूरी होता है. लेकिन कई बार रोजाना की भागदौड़ व समय के अभाव में या फिर कई अन्य कारणों से ज्यादातर लोगों के लिए नियमित तौर पर योग या व्यायाम करना संभव नहीं हो पाता है .वहीं कई लोग इस डर से या गलतफहमी के चलते योग आसन करने में झिझकते हैं उन्हे करना काफी कठिन होता है.
बैंगलुरु की योग गुरु व फिटनेस एक्सपर्ट मीनू वर्मा बताती हैं कि सिर्फ जटिल योग या व्यायाम ही सेहत को फायदा नहीं पहुंचाते हैं. खासतौर पर सिर्फ योग आसनों की बात करें तो जटिल हो या सरल सभी प्रकार के योग आसन ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचाते हैं, क्योंकि इन्हे करने से मांसपेशियों के लिए जरूरी स्ट्रेचिंग के साथ एकाग्रता व मानसिक शांति जैसे फायदे भी मिलते हैं. Yoga guru Meenu Verma बताती हैं कि रोजाना मात्र 20 से 30 मिनट तक ऐसे आसनों का अभ्यास करना जिनसे पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग हो जाए, सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी हो सकता है.
Fitness expert Meenu Verma बताती हैं कि योग में ऐसे कई सरल आसन मौजूद हैं जिनका अभ्यास बेहद सरल होता है और उनके अभ्यास में बहुत ज्यादा समय भी नहीं लगता है यानी हम उनका अभ्यास समय की उपलब्धता के अनुरूप कर सकते हैं. हमारी विशेषज्ञ के अनुसार जिन सरल योग आसनों का प्रतिदिन अभ्यास शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
त्रिकोणासन
- इस आसन को करने के लिए अपने पैरों के बीच लगभग 3 फुट की दूरी रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं.
- ध्यान रहे घुटने सीधे और पैर बाहर निकले हुए हैं.
- अब सामने की ओर देखते हुए अपनी दोनों बाजुओं को कंधे की सिधाई में ऊपर उठाते हुए उनके समतल ले जाएं.
- अब दाएं पैर को दाईं ओर घुमाएं.
- सांस छोड़ें और हाथों को उसी दशा में रखते हुए धीरे-धीरे अपने दाहिनी ओर झुकें.
- अब दाहिने हाथ की उंगलियों से दाहिने पैर के घुटने को छूते हुए जितना संभव हो हाथ को नीचे ले जाने का प्रयास करें.
- ध्यान रहें इस दौरान आपका बायां हाथ आपके दाहिने हाथ के साथ एक सीध में होना चाहिए, यानी बायां हाथ अपनी दिशा में हवा में होना चाहिए.
- इस मुद्रा में सामान्य रूप से सांस लेते हुए 10-30 सेकंड तक बने रहें.
- अब फिर पुरानी अवस्था में वापस आ जाएं और यह क्रिया बायीं ओर से करें.
ताड़ासन
- ताड़ासन के लिए सबसे पहले बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं.
- ध्यान रहे इस दौरान रीढ़ की हड्डी भी बिल्कुल सीधी होनी चाहिए.
- अब सांस अंदर लेते हुए अपनी दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और ऊपर ले जाकर हथेलियों को आपस में नमस्कार की मुद्रा में जोड़ लें.
- फिर एक बार सांस छोड़ें और दोबारा सांस अंदर लेते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचते हुए तथा पैरों की एड़ियों को जमीन से ऊपर उठाते हुए पंजे के बल खड़े होने का प्रयास करें.
- इस क्रिया को 10 से 15 बार दोहराएं, फिर सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं.
उत्तानासन
- उत्तानासन करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं.
- अब गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं.
- अब कूल्हे से आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैर को छूने की कोशिश करें.
- जहां तक संभव हो इस स्थिति में पैर और रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखने का प्रयास करें.
- लगभग 20 से 30 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहते हुए गहरी सांस लें . फिर सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं.
बालासन/ चाइल्ड पॉज
- सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में यानी फर्श पर घुटने टेककर अपनी एडी के बल योगा मैट या फिर बेड पर ही बैठ जाएं.
- ध्यान रहे कि दोनों पैरों के अंगूठे बिल्कुल नजदीक हो.
- अब अपने घुटनों को कूल्हों की चौडाई के अनुसार फैला लें.
- फिर एक गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथों को आगे की ओर स्ट्रेच करें.
- अब सांस छोड़ते हुए कमर से आगे की ओर झुकें .
- अब अपने धड़ को अपनी जांघों के बीच रखते हुए अपने हाथों को धीरे-धीरे जितना आगे तक ले जा सकते हैं , ले जाने का प्रयास करें.
- अब इस अवस्था में अपने कन्धों को फर्श पर आराम देते हुए कुछ क्षण रुके.
- ध्यान रहे इस दौरान आपकी रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी हो.
- इस स्थिति में कुछ सेकेंड के लिए रहे और फिर पुनः अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाते हुए पुरानी अवस्था में वापस आ जाएं.
मार्जरी आसन/कैट काऊ पोज
- सबसे पहले समतल जमीन या योग मैट पर वज्रासन में बैठ जाएं.
- दोनों पैरों में कंधे के बराबर दूरी रखते हुए घुटनों के बल खड़े हो जाएं.
- अब कमर को आगे की तरफ़ झुकाएं और हाथों को जमीन पर टिका दें.
- ध्यान रहे कि आपके दोनों हाथों के बीच कंधे के बराबर दूरी हो. ऐसे में आपकी मुद्रा टेबल की तरह दिखेगी.
- अब गहरी सांस लेते हुए अपनी कमर पर नीचे की ओर दबाव डालें, यह स्थिति अंग्रेजी के अक्षर सी की तरह होगी.
- फिर सांस छोड़ते हुए अपने मेरूदंड या रीढ़ की हड्डी को ऊपर यानी आसमान की ओर खिंचाव दें.
- इस प्रक्रिया को 30 से 35 बार तक किया जा सकता है.
सावधानी
Meenu Verma Yoga guru बताती हैं कि इन योग आसनों के नियमित अभ्यास से शरीर की मांसपेशियों को स्वास्थ्य रखने में तो मदद मिलती ही है साथ ही मांसपेशियों में अकड़न व खिचावट कम होती है, उनमें लचीलापन बढ़ता है, शरीर में ऊर्जा बढ़ती है जिससे आलस और सुस्ती में कमी आती हैं और शरीर में रक्त का संचार भी बेहतर होता है. इन आसनों को हर उम्र के लोग सरलता से कर सकते हैं. लेकिन बहुत जरूरी हैं कि आसन चाहे सरल हो या जटिल किसी प्रशिक्षित शिक्षक की निगरानी में या उनसे सीखने से बाद ही उनका अभ्यास करना चाहिए.
जिन लोगों को हड्डियों व मांसपेशियों से संबंधित रोग या समस्या हो या जो दुर्घटना या किसी अन्य कारण से किसी चोट का सामना कर चुके हों या चोट से उबर रहे हों तथा जिनकी किसी प्रकार की सर्जरी हुई हो, उन्हें सिर्फ इन आसनों के अभ्यास से पहले ही नहीं बल्कि किसी भी प्रकार के व्यायाम के अभ्यास से पहले अपने चिकित्सक या योग प्रशिक्षक से सलाह ले लेनी चाहिए. World yoga day 21 june . Yoga day 21 june .
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