नई दिल्ली : हाल के दिनों में कुछ शोध में ये खुलासा हुआ है कि टीकों के कुछ लोगों में कम-ज्यादा दुष्प्रभाव हो सकते हैं. जिनमें दिल का दौरा पड़ना भी शामिल है. सीडर-स्मिड्ट सिनाई के कार्डिएक इंस्टीट्यूट ( Cardiac Institute at Cedars-Schmidt Sinai ) के शोधकर्ताओं ने हृदय की कमजोरी और कोविड-19 के बीच संबंध की पुष्टि की, साथ ही उसी स्थिति और Covid 19 vaccine के बीच एक नए संबंध की भी पुष्टि की. पीयर-रिव्यूड जर्नल नेचर कार्डियोवास्कुलर रिसर्च में प्रकाशित उनके निष्कर्ष बताते हैं कि कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाए गए रोगियों के एक छोटा प्रतिशत में पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया सिंड्रोम या POTS विकसित हो सकता सकता है. Covid side effect . vaccine side effects . cardiac arrest . heart attack risk increasing after vaccination . covid19 vaccine second dose side effect .
American College of Cardiology के जर्नल ने खुलासा किया है कि Covid 19 वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद ( Myocarditis, pericarditis, or myopericarditis ) मायोकार्डिटिस, पेरिकार्डिटिस या मायोपेरिकार्डिटिस का खतरा अधिक है. महामारी के तीन साल बाद अब कुछ टीकों और उनके कथित घातक दुष्प्रभावों को लेकर सवाल उठ रहे हैं, हालांकि इसका अभी तक कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है. अगर हम पत्रिकाओं में प्रकाशित हाल के वैश्विक अध्ययनों को देखें, तो दूसरी डोज के बाद पुरुषों में मायोपेरिकार्डिटिस (तीव्र हृदय सूजन) और मायोकार्डिटिस की घटनाएं अधिक पाई गई हैं.
23 अध्ययनों का एक मेटा-विश्लेषण, जिसमें 12 से 20 वर्ष की आयु के 854 मरीजों को शामिल किया गया, जो एमआरएनए वैक्सीन से जुड़े मायोपेरिकार्डिटिस के साथ थे, इस महीने पाया गया कि दूसरी डोज के बाद पुरुषों में मायोपेरिकार्डिटिस की घटनाएं अधिक थीं, हालांकि, समग्र मामले बहुत कम हैं. JAMA Network की एक पत्रिका, जेएएमए पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित निष्कर्ष, किशोरों और युवा वयस्कों में मोटे तौर पर कम घटना दर और जेएएमए वैक्सीन से जुड़े मायोपेरिकार्डिटिस के अनुकूल परिणामों का सुझाव देते हैं.
वैक्सीन की दूसरी डोज
पिछले महीने, अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के जर्नल में एक अध्ययन में पाया गया कि फाइजर बायोएनटेक कोविड-19 की तुलना में मॉडर्ना स्पाइकवैक्स कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद मायोकार्डिटिस, पेरिकार्डिटिस या मायोपेरिकार्डिटिस की घटना दो से तीन गुना अधिक है. चूंकि वैक्सीन का इमरजेंसी इस्तेमाल था, इसलिए दुनिया भर में मायोपेरिकार्डिटिस के साथ एमआरएनए आधारित कोविड-19 वैक्सीन के जुड़ाव की सूचना मिली, जो एक दुर्लभ लेकिन गंभीर प्रतिकूल घटना है, विशेष रूप से किशोरों और युवा वयस्कों में.
अमेरिकन एसोसिएशन फॉर क्लिनिकल केमिस्ट्री के क्लिनिकल लेबोरेटरी न्यूज में हाल के एक लेख के अनुसार, कोविड-19 के टीके लगवाने वाले लोगों में खास कर मॉडर्ना की दूसरी खुराक लेने वालों ने अधिक दुष्प्रभावों की रिपोर्ट दी है, जिसके कारण मध्यम और गंभीर सीमाएं हो सकती हैं. सर्वे में फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन कोविड-19 टीकों के दुष्प्रभावों की तुलना की गई. शोधकर्ताओं के अनुसार, मॉडर्न वैक्सीन में उच्च एमआरएनए एकाग्रता द्वारा स्व-रिपोर्ट किए गए डेटा से इन टिप्पणियों को समझाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इन समूहों में बढ़े हुए दुष्प्रभाव अतिरिक्त सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा और कम सफल संक्रमणों से जुड़े हो सकते हैं, जैसा कि अन्य अध्ययनों से पता चला है. लंदन की Queen Mary University द्वारा हृदय और हृदय संबंधी बीमारियों पर कोविड के बाद के प्रभावों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि मरीजों में खून के थक्कों का जोखिम 2.7 गुना और मृत्यु का 10 गुना अधिक जोखिम होता है.
Heart Failure के मामलों में वृद्धि
यूके बायोबैंक अध्ययन में भाग लेने वालों से पहली दो कोविड लहरों के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर, जर्नल हार्ट में प्रकाशित शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के मामले में मौतों की संख्या में 118 गुना वृद्धि हुई है. इसके अलावा, अध्ययन से पता चला है कि खून के थक्कों की घटनाओं में 27.6 गुना वृद्धि हुई है, हृदय की विफलता के मामलों में 21.6 गुना वृद्धि हुई है, स्ट्रोक के मामलों में 17.5 गुना वृद्धि हुई है. अनियमित दिल की धड़कन के मामलों में 10 गुना वृद्धि हुई है जो लोग कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती थे. अध्ययन में कहा गया है कि संक्रमण के बाद पहले 30 दिनों में संबंधित जोखिम सबसे अधिक थे, लेकिन इस अवधि के बाद भी नियंत्रण से अधिक बने रहे.
टीकाकृत लोगों में जोखिम आधा
दूसरी ओर, फ्रंटियर्स इन मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक नवीनतम विश्लेषण में पाया गया कि जो लोग कोरोनावायरस संक्रमण से उबर चुके हैं, उनमें टीकाकृत लोगों में दूसरी बार संक्रमित होने या गंभीर लक्षणों के साथ फिर से कोविड-19 से संक्रमित होने का जोखिम आधा हो गया, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ था. दो मुख्य परिणाम सामने आए. एक से पता चलता है कि टीकाकरण वायरस से रिकवरी के साथ प्राप्त प्राकृतिक प्रतिरक्षा की तुलना में कोविड-19 पुन: संक्रमण की संभावना को आधा कर देता है. इसके अलावा, आंकड़े बताते हैं कि यदि दूसरा संक्रमण होता है, तो टीकाकृत लोगों में गंभीर लक्षण विकसित होने की संभावना आधी हो जाती है. वैक्सीन के किसी भी खतरनाक साइड-इफेक्ट्स पर अभी अंतिम शब्द आना बाकी है, लेकिन अधिकांश वैश्विक अध्ययनों से पता चलता है कि वैक्सीन के लाभ कोविड और लॉन्ग कोविड से जुड़े जोखिम से कहीं अधिक हैं.--आईएएनएस
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