बढ़ती उम्र और भागती दौड़ती तनाव से भरी जीवन शैली के चलते हमारे शरीर में एक साथ कई ऐसी बीमारियां पनपने लगती है, जो हमारे जीवन को और जीवन जीने के तरीके को प्रभावित करती है. इन समस्याओं का सीधा-सीधा असर हमारे यौन जीवन पर भी पड़ता है. जानकारों और चिकित्सकों का मानना है की एक ही समय में शरीर में एक से ज्यादा समस्याएं जिन्हें कोमोरबिड समायाएं भी कहा जाता है, अलग-अलग कारणों के चलते पुरुषों और महिलाओं में उनकी यौन रूचि को समाप्त करने लगती है.
क्या होती है कोमोरबिड समस्याएं और ये किस तरह से यौन जीवन या सेक्स संबंधों को प्रभावित करती हैं. इस बारे में ETV भारत सुखीभवा टीम ने एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. राहुल रेड्डी से बात की.
क्या है कोमोरबिड समस्याएं
डॉ. रेड्डी बताते हैं की मनुष्य के शरीर में एक ही समय में होने वाली एक से ज्यादा बीमारियां कोमोरबिड समस्याएं कहलाती हैं. ये बीमारियां शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की हो सकती हैं. कोमोरबिड समस्याओं को इस तरह समझा जा सकता है की एक ही समय में व्यक्ति के शरीर में मधुमेह, हाई बीपी और तनाव जैसी समस्याओं का होना.
डॉ. रेड्डी बताते है की इन बीमारियों तथा कई बार उनकी दवाइयों के चलते भी हमारे शरीर के तंत्रों, नसों, और मन से जुड़ी इच्छों पर खासा असर पड़ता है. जिसके कारण कई लोगों की यौन गतिविधियां लगभग समाप्त हो जाती है और वह अपनी सेक्स लाइफ से संतुष्ट नहीं होते हैं.
कोमोरबिड समस्याएं और उनका यौन जीवन पर असर
डायबिटीज: डायबिटीज यानि मधुमेह एक गंभीर समस्या है, जिसका हमारे स्वास्थ्य पर खासा असर पड़ता है. मधुमेह के कारण पनपने वाली शारीरिक व मानसिक समस्याएं यौन संबंधों पर बुरा असर डालती हैं. उदारहण के लिए यदि संभोग के दौरान महिला या पुरुष के शुगर के स्तर में उतार चढ़ाव आता है, तो पुरुषों में इरेक्शन तथा महिलाओं में कामोत्तेजना में कमी आ जाती है. यहीं नहीं कई बार मधुमेह के चलते पुरुषों में डायबिटीज के कारण नपुंसकता, संबंध बनाने में असमर्थता तथा बांझपन जैसी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है.
हाइपरटेंशन: उच्च रक्तचाप के कारण भी लोगों में सेक्स की इच्छा कम होने लगती है. शरीर में रक्त के अतिरिक्त दबाव के चलते हमारे शरीर के अधिकांश तंत्रों पर असर पड़ता है. जिससे कई बार शरीर में संभोग के लिए जरूरी उत्तेजना में कमी आने लगती है. हाई ब्लड प्रेशर का असर महिलाओं और पुरुषों के जनन अंगों पर भी पड़ता है. जहां पुरुषों में इरेक्शन में समस्या आती है, वहीं महिलाओं की निजी अंग में ड्रायनेस की समस्या बढ़ने लगती है. इसके अलावा संभोग के लिये इच्छा भी समाप्त होने लगती है.
ओबेसिटी या मोटापा: मोटापे का सीधा असर कामोत्तेजना पर पड़ता है. जिससे व्यक्ति की यौन गतिविधि भी प्रभावित होती है. मोटापे के चलते शरीर का भारीपन साथी को असहज महसूस करा सकता है. इसके अलावा मोटोपे के कारण शरीर में थकान और स्टेमिना में कमी आने की समस्या भी पैदा हो सकती है.
अवसाद: कहा जाता है की सेक्स तनाव के लिए एक दवाई की तरह काम करता है, जो मन को तो आनंदित करता ही है. साथ ही शरीर में ऐसे हार्मोन का भी निर्माण करता है, जो तनाव को दूर करने में मदद करते है. लेकिन यह भी सत्य है की कामेच्छा में कमी का एक कारण अवसाद या मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी हो सकती हैं. इन परिस्थतियों में पीड़ित का शारीरिक संबंधों से मोह भंग तक हो जाता है और यदि वह चाहे भी तो उससे इरेक्शन और कामोत्तेजना में समस्या होती है.
वैस्कुलर डिजीज: हमारी रक्तवाहिकाओं या नसों में समस्या यानि वैस्कुलर डिजीज के चलते हमारे सेक्स संबंधों पर खास असर पड़ता है. इस अवस्था में जननांगों में ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाता है. और वह संभोग के लिए जरूरी तनाव और उत्तेजना महसूस नहीं कर पाते है. साथ ही इस अवस्था में रक्तचाप जैसी समस्याएं भी उत्पन्न होने लगती है.
मेनोपॉज: महिलाओं में मेनोपॉज के कारण होने वाले हॉर्मोनल बदलावों के चलते उनके शरीर में काफी परिवर्तन आते है. जिसके कारण कई बार महिलाओं में शारीरिक संबंधों को लेकर रुचि घटने लगती है.
डॉ. रेड्डी बताते हैं की इन बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति यदि अपने चिकित्सक के दिशा निर्देशों को मानते हुए सही जीवन शैली अपनाए, अपनी दवाइयों का नियमित और सही समय पर सेवन करें, खान पान पर ध्यान रखें, तो वह अपनी बीमारियों पर नियंत्रण रख सकता है. इससे उसके यौन जीवन के बेहतर होने की संभावनाएं बढ़ सकती है.