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Benefit Of Coffee : कैफीन की मात्रा से परे भी कॉफी मस्तिष्क को 'विशेष' ताजगी देती है, अध्ययन से हुआ खुलासा - कॉफ़ी मस्तिष्क को विशेष शक्ति देती है

हालिया शोध से पता चला है कि एक कप कॉफी पीने से व्यक्तियों में स्फूर्तिदायक प्रभाव महसूस होता है. यह प्रभाव केवल सादे कैफीन के सेवन से नहीं दोहराया जा सकता है. पढ़ें पूरी खबर..

Benefit Of Coffee
कॉफी के फायदे
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Published : Jul 10, 2023, 9:00 AM IST

Updated : Jul 10, 2023, 9:16 AM IST

सैन फ्रांसिस्को : एक नए अध्ययन से पता चला है कि एक कप कॉफी पीने से व्यक्तियों को जो स्फूर्तिदायक प्रभाव महसूस होता है, उसे केवल सादे कैफीन के सेवन से दोहराया नहीं जा सकता है. द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रंटियर्स इन बिहेवियरल न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, सादा कैफीन केवल एक कप कॉफी पीने के प्रभाव को आंशिक रूप से पुन: उत्पन्न करता है.

मस्तिष्क में सतर्कता बढ़ाने के अलावा, कॉफी मस्तिष्क में कार्यशील स्मृति और लक्ष्य-निर्देशित व्यवहार को भी प्रभावित करती है. अध्ययन के सह-लेखक नूनो सूसा के अनुसार 'एक आम उम्मीद है कि कॉफी सतर्कता और साइकोमोटर कार्यप्रणाली को बढ़ाती है. जब आप किसी जैविक घटना के अंतर्निहित तंत्र को बेहतर ढंग से समझ जाते हैं, तो आप उन कारकों की खोज के लिए रास्ते खोलते हैं जो इसे नियंत्रित कर सकते हैं और यहां तक कि उस तंत्र के संभावित लाभों को भी.'

अध्ययन से पहले, प्रति दिन कम से कम एक कप कॉफी पीने वाले प्रतिभागियों को तीन घंटे तक कैफीनयुक्त पेय पदार्थ खाने या पीने से परहेज करने के लिए कहा गया था. सामाजिक और जनसांख्यिकीय डेटा एकत्र करने के लिए प्रतिभागियों को दो संक्षिप्त एमआरआई मस्तिष्क स्कैन से गुजरना पड़ा - एक कैफीन या एक मानकीकृत कप कॉफी पीने से पहले और एक बाद.

शोधकर्ताओं के अनुसार, कॉफी और कैफीन दोनों पीने से मस्तिष्क के डिफ़ॉल्ट मोड नेटवर्क में न्यूरोनल कनेक्शन कम हो जाता है, जो आत्मनिरीक्षण और आत्म-प्रतिबिंब प्रक्रियाओं में शामिल होता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि यह बदलाव यह संकेत दे सकता है कि लोग आराम करने से लेकर कार्यों पर काम करने के लिए अधिक तैयार हैं.

हालांकि, उन्होंने उल्लेख किया कि कॉफी पीने से मस्तिष्क के अधिक उन्नत तंत्रिका नेटवर्क में कनेक्टिविटी में सुधार हो सकता है जो दृष्टि को नियंत्रित करता है, साथ ही कामकाजी स्मृति, संज्ञानात्मक नियंत्रण और लक्ष्य-निर्देशित व्यवहार में शामिल अन्य क्षेत्रों में भी. हालांकि, अध्ययन से पता चला कि जब प्रतिभागियों ने केवल कैफीन लिया तो ऐसे प्रभाव नहीं पाए गए.

अध्ययन के सह-लेखक मारिया पिको-पेरेज ने कहा, 'तीव्र कॉफी की खपत ने डिफॉल्ट मोड नेटवर्क के मस्तिष्क क्षेत्रों के बीच कार्यात्मक कनेक्टिविटी को कम कर दिया, एक नेटवर्क जो प्रतिभागियों के आराम करने पर स्व-संदर्भित प्रक्रियाओं से जुड़ा होता है.' उन्होंने कहा, 'कॉफी पीने के बाद विषय कार्रवाई के लिए अधिक तैयार थे और बाहरी उत्तेजनाओं के प्रति सतर्क थे.'

इसके अतिरिक्त, नए निष्कर्षों से पता चला है कि भले ही कैफीन युक्त पेय कॉफी के समान प्रभाव साझा करते हैं, फिर भी कॉफी पीने से जुड़े कुछ लाभ हैं, जिसमें उस पेय की गंध और स्वाद, साथ ही उस पेय को पीने से जुड़ी मनोवैज्ञानिक अपेक्षाएं भी शामिल हैं.(आईएएनएस)

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सैन फ्रांसिस्को : एक नए अध्ययन से पता चला है कि एक कप कॉफी पीने से व्यक्तियों को जो स्फूर्तिदायक प्रभाव महसूस होता है, उसे केवल सादे कैफीन के सेवन से दोहराया नहीं जा सकता है. द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रंटियर्स इन बिहेवियरल न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, सादा कैफीन केवल एक कप कॉफी पीने के प्रभाव को आंशिक रूप से पुन: उत्पन्न करता है.

मस्तिष्क में सतर्कता बढ़ाने के अलावा, कॉफी मस्तिष्क में कार्यशील स्मृति और लक्ष्य-निर्देशित व्यवहार को भी प्रभावित करती है. अध्ययन के सह-लेखक नूनो सूसा के अनुसार 'एक आम उम्मीद है कि कॉफी सतर्कता और साइकोमोटर कार्यप्रणाली को बढ़ाती है. जब आप किसी जैविक घटना के अंतर्निहित तंत्र को बेहतर ढंग से समझ जाते हैं, तो आप उन कारकों की खोज के लिए रास्ते खोलते हैं जो इसे नियंत्रित कर सकते हैं और यहां तक कि उस तंत्र के संभावित लाभों को भी.'

अध्ययन से पहले, प्रति दिन कम से कम एक कप कॉफी पीने वाले प्रतिभागियों को तीन घंटे तक कैफीनयुक्त पेय पदार्थ खाने या पीने से परहेज करने के लिए कहा गया था. सामाजिक और जनसांख्यिकीय डेटा एकत्र करने के लिए प्रतिभागियों को दो संक्षिप्त एमआरआई मस्तिष्क स्कैन से गुजरना पड़ा - एक कैफीन या एक मानकीकृत कप कॉफी पीने से पहले और एक बाद.

शोधकर्ताओं के अनुसार, कॉफी और कैफीन दोनों पीने से मस्तिष्क के डिफ़ॉल्ट मोड नेटवर्क में न्यूरोनल कनेक्शन कम हो जाता है, जो आत्मनिरीक्षण और आत्म-प्रतिबिंब प्रक्रियाओं में शामिल होता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि यह बदलाव यह संकेत दे सकता है कि लोग आराम करने से लेकर कार्यों पर काम करने के लिए अधिक तैयार हैं.

हालांकि, उन्होंने उल्लेख किया कि कॉफी पीने से मस्तिष्क के अधिक उन्नत तंत्रिका नेटवर्क में कनेक्टिविटी में सुधार हो सकता है जो दृष्टि को नियंत्रित करता है, साथ ही कामकाजी स्मृति, संज्ञानात्मक नियंत्रण और लक्ष्य-निर्देशित व्यवहार में शामिल अन्य क्षेत्रों में भी. हालांकि, अध्ययन से पता चला कि जब प्रतिभागियों ने केवल कैफीन लिया तो ऐसे प्रभाव नहीं पाए गए.

अध्ययन के सह-लेखक मारिया पिको-पेरेज ने कहा, 'तीव्र कॉफी की खपत ने डिफॉल्ट मोड नेटवर्क के मस्तिष्क क्षेत्रों के बीच कार्यात्मक कनेक्टिविटी को कम कर दिया, एक नेटवर्क जो प्रतिभागियों के आराम करने पर स्व-संदर्भित प्रक्रियाओं से जुड़ा होता है.' उन्होंने कहा, 'कॉफी पीने के बाद विषय कार्रवाई के लिए अधिक तैयार थे और बाहरी उत्तेजनाओं के प्रति सतर्क थे.'

इसके अतिरिक्त, नए निष्कर्षों से पता चला है कि भले ही कैफीन युक्त पेय कॉफी के समान प्रभाव साझा करते हैं, फिर भी कॉफी पीने से जुड़े कुछ लाभ हैं, जिसमें उस पेय की गंध और स्वाद, साथ ही उस पेय को पीने से जुड़ी मनोवैज्ञानिक अपेक्षाएं भी शामिल हैं.(आईएएनएस)

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Last Updated : Jul 10, 2023, 9:16 AM IST
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