कोविड-19 महामारी विश्व भर में फैल रही है. विभिन्न देशों ने टीकाकरण की योजना बनायी है. नये साल में अनेक देशों ने चीनी कंपनियों के साथ कोविड-19 का वैक्सीन खरीदने का सौदा संपन्न किया है, जिसने चीनी वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता पर विश्वास जताया है. स्थानीय समयानुसार 7 जनवरी को मशहूर ब्राजीली चिकित्सक अध्ययन संस्थान बटान टान संस्थान ने ब्राजीली स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समझौता संपन्न किया है. इस समझौते के अनुसार, ब्राजीली स्वास्थ्य मंत्रालय चीन के कोविड-19 वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक खरीदेगा, जिनमें से 4 करोड़ 60 लाख खुराक साओ पोलो राज्य को प्रदान की जाएगी और बाकी 5 करोड़ 40 लाख खुराक संघीय सरकार को दी जाएगी.
ब्राजीली स्वास्थ्य मंत्री एदुआडरे पाजुएलो ने प्रेस वार्ता में कहा कि 30 अप्रैल से पहले चीन से कोविड-19 के वैक्सीन की 4 करोड़ 60 लाख खुराकें मिलेंगी और इस साल के अंत में बाकी खुराकें आएंगी.
ब्राजील की साओ पोलो राज्य सरकार और बुटान टान अध्ययन संस्थान ने उस दिन यह भी घोषणा की कि चीन का वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है. साओ पोलो राज्य ब्राजील के संबंधित विभाग से चीनी वैक्सीन के आपात प्रयोग अधिकार की प्रार्थना करेगा.
6 जनवरी को पेरू के राष्ट्रपति फ्रानसिस्को राफेल सागास्टी होचहोस्लर ने घोषणा की कि पेरू ने चीनी कंपनी साइनो फार्म के साथ वैक्सीन खरीदने का समझौता संपन्न किया है. चीन की पहली खेप की 10 लाख खुराक इस महीने पेरू पहुंचेंगी. उन्होंने बताया कि साइनो फार्म द्वारा पेरू में चलाये गये तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण से उस के वैक्सीन की प्रभावकारिता साबित की गयी है.
उधर 3 जनवरी को इंडोनिशिया ने उस दिन से 34 प्रांतों में चीन के कोविड-19 के वैक्सीन वितरित करने की घोषणा की. इंडोनिशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रवक्ता सीटी नाडिया टार्मिजी ने क्लिनिकल परीक्षण में चीनी वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता का उच्च मूल्यांकन किया.
उन्होंने बताया, चीनी साइनोवाक कंपनी के वैक्सीन के तुर्की और ब्राजील में परीक्षण में अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं, जो इंडोनिशिया में चल रहे तीसरे चरण के परीक्षण के परिणाम के बराबर है.
उधर 2 जनवरी को मिश्री स्वास्थ्य व आबादी मंत्री हाला जायेड ने साइनो फार्म के कोविड-19 वैक्सीन के आपात प्रयोग की मंजूरी दी. उन्होंने बताया कि चीनी वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता वैज्ञानिक तरीके से साबित की गयी है.
उन्होंने बताया, मिश्र और चीन ने कोविड-19 महामारी के दौरान एक दूसरे का समर्थन किया. मिश्र में चीनी वैक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण सुचारू रहा. उस की सुरक्षा और प्रभावकारिता विज्ञान से साबित की गयी है.
सूत्रों के अनुसार यूएई, थाईलैंड, तुर्की और उक्रेन ने चीनी कंपनियों के साथ वैक्सीन खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर भी किये हैं.
महामारी पैदा होने के बाद चीन वैक्सीन के अनुसंधान और विकास में हमेशा अग्रसर रहता है. चीन शुरू से वैक्सीन के अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर खुला रूख अपनाता आया है.
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ छुनइंग ने 4 जनवरी को प्रेस वार्ता में बल दिया कि चीन सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता को प्राथमिकता दी है. संबंधित चीनी उद्यमों ने वैज्ञानिक नियम और निगरानी की मांग का सख्त पालन किया है.
उन्होंने बताया, 30 दिसंबर को चीनी राजकीय औषधि निगरानी ब्यूरो ने सशर्त के साथ साइनो फार्म के वैक्सीन के बाजार में उतरने के आवेदन की मंजूरी दी. इस ने चीनी वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता साबित की है. चीन विभिन्न पक्षों के साथ विश्व में टीकों का न्यायपूर्ण वितरण बढ़ाएगा और मिलकर महामारी का वैश्विक मुकाबला करेगा ताकि विभिन्न देशों की जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सुरक्षा मिल सके.