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क्या सभी कार्ब्स नुकसानदायक होते है?

कार्बोहाइड्रेट को मोटापा और मधुमेह जैसे गंंभीर समस्या के लिए जिम्मेदार माना जाता है. वहीं अपने खानपान से कार्ब्स को पूर्ण रूप से हटाने की सलाह दी जाती है. लेकिन क्या कार्ब्स का परहेज सेहत के लिए फायदेमंद होता है? न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गुप्ता ने मधुमेह के मरीजों को कार्ब्स का सेवन कैसे करना चाहिए इसके बारे में बताया है.

carbs intake
कार्ब्स का सेवन
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Published : Jul 26, 2020, 9:06 AM IST

Updated : Jul 27, 2020, 9:58 AM IST

पैकेटबंद या प्रोसेस्ड खाना जैसे चिप्स, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक, रिफाइंड अनाज आदि में भारी मात्रा में कार्ब्स यानी कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. इसके सेवन से वजन का बढ़ना, मधुमेह आदि समस्या आती है. इसलिए कई लोग परहेज के तौर पर अपने खानपान से कार्ब्स को पूर्ण रूप से हटा देते है.

लेकिन क्या शरीर को वाकई कार्ब्स की जरूरत नहीं हैं. प्लेट से कार्ब्स की कटौती का सेहत पर क्या असर होता है. न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गुप्ता ने ETV भारत सुखीभवा से कार्ब्स से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी दी है.

कार्ब्स का सेहत पर असर

न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या का कहना है कि कार्ब्स हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाता है. इससे हमें उर्जा मिलती है, इसलिए कार्ब्स को अपनी डाइट से पूरी तरह हटाना गलत है. इसके लिए जरूरी होता है कैलोरी और कार्ब्स जैसे पोषक तत्वों का वितरण करना. खास तौर पर मधुमेह के मरीजों को कार्बोहाइड्रेट लेना वर्जित होता है, इसके लिए उन्हें कार्ब्स के वितरण के बारे में शिक्षित किया जाता है और उसके अनुसार आहार दिया जाता है.

माप कर ले कार्ब्स

किसी भी आहार में कार्ब्स की मात्रा उसके सेवन पर निर्भर करती है, जो उस खाद्य पदार्थ का भाग होता है, जिसे पोर्शन साइज भी कहा जाता है. न्यूट्रिशनिस्ट ने सलाह दी है कि आप खाद्य पदार्थों के पैकेट पर दिए गये न्यूट्रीशन लेबल के जरिए कार्ब्स की मात्रा की जानकारी ले सकते है. इसके साथ ही मरीजों को पोर्शन साइज के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए, जिसकी मदद से वे सभी खाद्य पदार्थों को चम्मच, कप या वेइंग स्केल से माप कर सेवन कर सकते है.

मधुमेह के मरीज ले सकते है कार्ब्स

मधुमेह में कार्बोहाइड्रेट एक अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि कार्ब्स सीधा खून में मौजूद चीनी के स्तर को प्रभावित करता है. मधुमेह के मरीजों को सलाह दी जाती है कि अपने आहार को बराबर हिस्सों में वितरित करें, जिससे शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व सही मात्रा में मिले. टाइप-1 मधुमेह मरीज को इंसुलिन की जरूरत होती है, ऐसे में उसके हिसाब से कार्ब्स को आहार में बांटा जाता है.

वजन कम करने के लिए आटा या ग्लूटन वाले खाद्य पदार्थ का सेवन वर्जित होता है. लेकिन मोटापा घटाने के लिए भी कार्बोहाइड्रेट के सेवन की मनाही नहीं होती, बल्कि उसकी मात्रा को कम किया जाता है. जिससे उर्जा बनी रहती है.

आहार में शामिल करें

आप जटिल या मिश्रित कार्बोहाइड्रेट को अपने आहार में शामिल कर सकते है. इसके सेवन से हमारा पेट अधिक समय तक के लिए भरा होता है. परिणाम स्वरूप हमें बार-बार भूख नहीं लगती.

अपने आहार में कार्ब्स शामिल करने के लिए खाएं :

  • रोटी
  • ओट्स
  • फल और सब्जियां
  • गेहूं का पास्ता
  • मुसली

न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या का कहना है कि किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा होना हानिकारक होता है. वैसे ही अगर इंसान उचित मात्रा में कार्ब्स का सेवन करे, तो वो कभी नुकसानदायक नहीं होगा. वहीं कुछ लोग बहुत जल्दी-जल्दी खाते है, जोकि गलत है. हमें हमेशा भोजन को अच्छे से चबा कर आराम से खाना चाहिए, जिससे उसका पोषण मस्तिष्क तक पहुंचे.

न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गुप्ता से अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें nutritionistdivyagupta@gmail.com

पैकेटबंद या प्रोसेस्ड खाना जैसे चिप्स, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक, रिफाइंड अनाज आदि में भारी मात्रा में कार्ब्स यानी कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. इसके सेवन से वजन का बढ़ना, मधुमेह आदि समस्या आती है. इसलिए कई लोग परहेज के तौर पर अपने खानपान से कार्ब्स को पूर्ण रूप से हटा देते है.

लेकिन क्या शरीर को वाकई कार्ब्स की जरूरत नहीं हैं. प्लेट से कार्ब्स की कटौती का सेहत पर क्या असर होता है. न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गुप्ता ने ETV भारत सुखीभवा से कार्ब्स से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी दी है.

कार्ब्स का सेहत पर असर

न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या का कहना है कि कार्ब्स हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाता है. इससे हमें उर्जा मिलती है, इसलिए कार्ब्स को अपनी डाइट से पूरी तरह हटाना गलत है. इसके लिए जरूरी होता है कैलोरी और कार्ब्स जैसे पोषक तत्वों का वितरण करना. खास तौर पर मधुमेह के मरीजों को कार्बोहाइड्रेट लेना वर्जित होता है, इसके लिए उन्हें कार्ब्स के वितरण के बारे में शिक्षित किया जाता है और उसके अनुसार आहार दिया जाता है.

माप कर ले कार्ब्स

किसी भी आहार में कार्ब्स की मात्रा उसके सेवन पर निर्भर करती है, जो उस खाद्य पदार्थ का भाग होता है, जिसे पोर्शन साइज भी कहा जाता है. न्यूट्रिशनिस्ट ने सलाह दी है कि आप खाद्य पदार्थों के पैकेट पर दिए गये न्यूट्रीशन लेबल के जरिए कार्ब्स की मात्रा की जानकारी ले सकते है. इसके साथ ही मरीजों को पोर्शन साइज के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए, जिसकी मदद से वे सभी खाद्य पदार्थों को चम्मच, कप या वेइंग स्केल से माप कर सेवन कर सकते है.

मधुमेह के मरीज ले सकते है कार्ब्स

मधुमेह में कार्बोहाइड्रेट एक अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि कार्ब्स सीधा खून में मौजूद चीनी के स्तर को प्रभावित करता है. मधुमेह के मरीजों को सलाह दी जाती है कि अपने आहार को बराबर हिस्सों में वितरित करें, जिससे शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व सही मात्रा में मिले. टाइप-1 मधुमेह मरीज को इंसुलिन की जरूरत होती है, ऐसे में उसके हिसाब से कार्ब्स को आहार में बांटा जाता है.

वजन कम करने के लिए आटा या ग्लूटन वाले खाद्य पदार्थ का सेवन वर्जित होता है. लेकिन मोटापा घटाने के लिए भी कार्बोहाइड्रेट के सेवन की मनाही नहीं होती, बल्कि उसकी मात्रा को कम किया जाता है. जिससे उर्जा बनी रहती है.

आहार में शामिल करें

आप जटिल या मिश्रित कार्बोहाइड्रेट को अपने आहार में शामिल कर सकते है. इसके सेवन से हमारा पेट अधिक समय तक के लिए भरा होता है. परिणाम स्वरूप हमें बार-बार भूख नहीं लगती.

अपने आहार में कार्ब्स शामिल करने के लिए खाएं :

  • रोटी
  • ओट्स
  • फल और सब्जियां
  • गेहूं का पास्ता
  • मुसली

न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या का कहना है कि किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा होना हानिकारक होता है. वैसे ही अगर इंसान उचित मात्रा में कार्ब्स का सेवन करे, तो वो कभी नुकसानदायक नहीं होगा. वहीं कुछ लोग बहुत जल्दी-जल्दी खाते है, जोकि गलत है. हमें हमेशा भोजन को अच्छे से चबा कर आराम से खाना चाहिए, जिससे उसका पोषण मस्तिष्क तक पहुंचे.

न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गुप्ता से अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें nutritionistdivyagupta@gmail.com

Last Updated : Jul 27, 2020, 9:58 AM IST
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