ETV Bharat / sukhibhava

ई-सिगरेट पर प्रतिबंध से लाखों लोग फिर से धूम्रपान के लिए मजबूर होंगे : सीएपीएचआरए

एक अध्ययन के अनुसार ई-सिगरेट और अन्य धूम्ररहित उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने से लोग धूम्रपान करने के लिए मजबूर होंगे। डब्ल्यूएचओ की तंबाकू नियामक समिति द्वारा धुआं रहित सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है। एशिया पैसिफिक टोबैको हार्म रिडक्शन एडवोकेट्स (CAPHRA) का कहना है कि, 'किसी भी उत्पाद पर प्रतिबंध लगाना या सभी उभरते उत्पादों पर सिगरेट के नियम लागू करना कोई जवाब नहीं है। प्रतिबंध काला बाजारी को प्रोत्साहित करते हैं।

Ban on e-cigarettes
ई-सिगरेट पर प्रतिबंध
author img

By

Published : Mar 6, 2021, 12:50 PM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ई-सिगरेट और अन्य धूम्ररहित उत्पादों पर सांसदों द्वारा एक प्रस्ताव पारित किए जाने पर एशिया भर में लाखों लोग धूम्रपान करने के लिए मजबूर हो सकते हैं। कोअलिशन ऑफ एशिया पैसिफिक टोबैको हार्म रिडक्शन एडवोकेट्स (सीएपीएचआरए) ने शुक्रवार को यह बात कही। डब्ल्यूएचओ की तंबाकू नियामक समिति द्वारा प्रकाशित एक नई रिपोर्ट में लगभग सभी वाष्प या भांप के साथ उपयोग में लाई जाने वाले धुआं रहित सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है, विशेष रूप से तथाकथित ओपन सिस्टम पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है।

ओपन सिस्टम (खुली प्रणाली) एशिया भर में कई लोगों के लिए वैपिंग का पसंदीदा तरीका है और उपभोक्ता मैन्युअल तरीके से तरल को वाष्पीकृत होने के लिए रिफिल करता है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह प्रणाली उन पदार्थों को जोड़ने की अनुमति देती है, जो उत्पाद को अधिक हानिकारक बना सकते हैं।

सीएपीएचआरए की कार्यकारी समन्वयक नैन्सी लुकास ने एक बयान में कहा, 'डब्ल्यूएचओ की नवीनतम सिफारिश सभी तर्क को धता बताती है।'

उन्होंने कहा, 'अगर विभिन्न देश खुली-प्रणाली के वाष्प पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश को अपनाते हैं, तो पूर्व-धूम्रपान करने वालों के साथ-साथ अच्छी सार्वजनिक नीति की वर्षों की मेहनत बेकार हो जाएगी।'

नैन्सी ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि वैपर्स फिर से सिगरेट शुरू कर देंगे, जिसके सबसे खराब परिणाम हो सकते हैं।'

उन्होंने कहा, 'किसी भी उत्पाद पर प्रतिबंध लगाना या सभी उभरते उत्पादों पर सिगरेट के नियम लागू करना कोई जवाब नहीं है। प्रतिबंध काला बाजारी को प्रोत्साहित करते हैं। बैन उचित उपभोक्ता संरक्षण की अनुमति नहीं देता है।'

सीएपीएचआरए सरकारों से सभी वाष्पशील उत्पादों के लिए साक्ष्य-आधारित, सामान्य ज्ञान नियमों (कॉमन सेंस रेगुलेशन) को अपनाने का आह्वान कर रहा है।

नैन्सी ने कहा, 'पिछले हफ्ते ब्रिटेन की प्रमुख स्वास्थ्य एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने निष्कर्ष निकाला कि निकोटीन वैपिंग उत्पाद धूम्रपान करने वालों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सबसे लोकप्रिय साधन है।'

उन्होंने कहा, 'एक तरफ तो आपके पास एक स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी है, जो सबूतों और तरीकों पर गौर कर रही है, जिसमें धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान और वैप छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है, वहीं दूसरी तरफ आपके पास एक वैश्विक एजेंसी है, जो हर चीज के जवाब के लिए निषेध करने के अपने पुराने तरीकों पर विश्वास कर रही है।'

पढ़े : धूम्रपान से दूर रहने वालों में 5 गुना तक बढ़ी लंग कैंसर की समस्या

नैन्सी ने ई-सिगरेट को लेकर डब्ल्यूएचओ का रवैया दुनिया भर में सिगरेट पीने वाले लाखों लोगों के लिए विनाशकारी करार दिया।

सीएपीएचआरए ने यह भी कहा कि केवल उत्पादों को विनियमित करने के माध्यम से चीजें ठीक हो सकती हैं और धूम्रपान को रोकने के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित किया जा सकता है और इसके परिणामस्वरूप अच्छे सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ई-सिगरेट और अन्य धूम्ररहित उत्पादों पर सांसदों द्वारा एक प्रस्ताव पारित किए जाने पर एशिया भर में लाखों लोग धूम्रपान करने के लिए मजबूर हो सकते हैं। कोअलिशन ऑफ एशिया पैसिफिक टोबैको हार्म रिडक्शन एडवोकेट्स (सीएपीएचआरए) ने शुक्रवार को यह बात कही। डब्ल्यूएचओ की तंबाकू नियामक समिति द्वारा प्रकाशित एक नई रिपोर्ट में लगभग सभी वाष्प या भांप के साथ उपयोग में लाई जाने वाले धुआं रहित सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है, विशेष रूप से तथाकथित ओपन सिस्टम पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है।

ओपन सिस्टम (खुली प्रणाली) एशिया भर में कई लोगों के लिए वैपिंग का पसंदीदा तरीका है और उपभोक्ता मैन्युअल तरीके से तरल को वाष्पीकृत होने के लिए रिफिल करता है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह प्रणाली उन पदार्थों को जोड़ने की अनुमति देती है, जो उत्पाद को अधिक हानिकारक बना सकते हैं।

सीएपीएचआरए की कार्यकारी समन्वयक नैन्सी लुकास ने एक बयान में कहा, 'डब्ल्यूएचओ की नवीनतम सिफारिश सभी तर्क को धता बताती है।'

उन्होंने कहा, 'अगर विभिन्न देश खुली-प्रणाली के वाष्प पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश को अपनाते हैं, तो पूर्व-धूम्रपान करने वालों के साथ-साथ अच्छी सार्वजनिक नीति की वर्षों की मेहनत बेकार हो जाएगी।'

नैन्सी ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि वैपर्स फिर से सिगरेट शुरू कर देंगे, जिसके सबसे खराब परिणाम हो सकते हैं।'

उन्होंने कहा, 'किसी भी उत्पाद पर प्रतिबंध लगाना या सभी उभरते उत्पादों पर सिगरेट के नियम लागू करना कोई जवाब नहीं है। प्रतिबंध काला बाजारी को प्रोत्साहित करते हैं। बैन उचित उपभोक्ता संरक्षण की अनुमति नहीं देता है।'

सीएपीएचआरए सरकारों से सभी वाष्पशील उत्पादों के लिए साक्ष्य-आधारित, सामान्य ज्ञान नियमों (कॉमन सेंस रेगुलेशन) को अपनाने का आह्वान कर रहा है।

नैन्सी ने कहा, 'पिछले हफ्ते ब्रिटेन की प्रमुख स्वास्थ्य एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने निष्कर्ष निकाला कि निकोटीन वैपिंग उत्पाद धूम्रपान करने वालों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सबसे लोकप्रिय साधन है।'

उन्होंने कहा, 'एक तरफ तो आपके पास एक स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी है, जो सबूतों और तरीकों पर गौर कर रही है, जिसमें धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान और वैप छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है, वहीं दूसरी तरफ आपके पास एक वैश्विक एजेंसी है, जो हर चीज के जवाब के लिए निषेध करने के अपने पुराने तरीकों पर विश्वास कर रही है।'

पढ़े : धूम्रपान से दूर रहने वालों में 5 गुना तक बढ़ी लंग कैंसर की समस्या

नैन्सी ने ई-सिगरेट को लेकर डब्ल्यूएचओ का रवैया दुनिया भर में सिगरेट पीने वाले लाखों लोगों के लिए विनाशकारी करार दिया।

सीएपीएचआरए ने यह भी कहा कि केवल उत्पादों को विनियमित करने के माध्यम से चीजें ठीक हो सकती हैं और धूम्रपान को रोकने के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित किया जा सकता है और इसके परिणामस्वरूप अच्छे सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.