कोरोना संक्रमण की शुरुआत के समय से ही ऐसे लोगों को जो धूम्रपान या किसी भी प्रकार के नशे के आदी रहें हो, संक्रमण से लिहाज से ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी गई थी। इसी विषय से जुड़े एक नए अध्ययन में भी इस बात का दावा किया गया है कि कैनबिस यानी भांग के नशे के आदी लोगों में कोरोना संक्रमण के गंभीर परिणाम नजर आ सकते है।
सेंट लुइस के वाशिंगटन विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इस शोध में भांग का नशा करने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण की गंभीरता को जाँचने के लिये “आनुवंशिक महामारी विज्ञान मॉडल” का उपयोग किया गया था। जिसमें यह भी जानने का प्रयास किया गया की क्या सीयूडी के लिए आनुवंशिक प्रवृत्ति कोविड -19 की गंभीर प्रतिक्रिया के जोखिम से संबंधित है!
इस अध्धयन में सीयूडी पीड़ितों और सामान्य स्वास्थ्य वाले लोगों के कोविड परिणामों की संक्रमण के वेरिएंट के आधार पर तुलना की गई थी , जिसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि सीयूडी पीड़ित लोगों में गंभीर कोविड -19 प्रस्तुति पाई गई।
जर्नल बायोलॉजिकल साइकियाट्री: ग्लोबल ओपन एक्सेस में शोधकर्ताओं ने समझाया है और सुझाव दिया है की भारी और समस्याग्रस्त भांग का उपयोग गंभीर कोविड -19 प्रस्तुतियों को कम करने के लिए एक संशोधित मार्ग का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
विश्वविद्यालय के एक पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता अलेक्जेंडर एस. हाटौम बताते हैं की इस अध्ययन में दो बातें सामने आई हैं , पहली सीयूडी पीड़ितों में गंभीर कोविड -19 की प्रवृत्ति एक सामान्य जैविक तंत्र के कारण विकसित होती है , जिसमें विभिन्न तन्त्रों में सूजन जैसी समस्या के चलते पीड़ित के शरीर में संक्रमण के लक्षण गंभीर रूप में नजर आते हैं तथा दूसरी हैं और भांग के नशे की आदत के कारण होने वाली सामान्य समस्याओं के कारण संक्रमण के दौरान जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
शोधकर्ता हाटौम बताते हैं की " हम उन जीन की पहचान कर, जो भांग का उपयोग करने से होने वाले विकारों को प्रभावित करते हैं! पता लगा सकते हैं की व्यक्ति में इस प्रकार के नशे की आदत, कोविड -19 संक्रमण पीड़ितों में गंभीरता को बढ़ा सकती है जिससे उसके अस्पताल में भर्ती होने की आशंका भी काफी बढ़ जाती है।
वा बताते हैं की शोध में पाया गया है की, " किसी व्यक्ति में कैनबिस उपयोग विकार यानी सीयूडी के लिए आनुवंशिक जोखिम कोविड-19 के लिए उनके जोखिम के साथ सहसंबंधित होते है।
इस शोध में कला और विज्ञान में मनोवैज्ञानिक और मस्तिष्क विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर रयान बोगडान बताते हैं की " कोविड 19 के प्रसार के मद्देनजर भांग के उपयोग को लेकर हमारे सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टिकोण तथा भांग के नशे से जुड़े कानून पर नजर रखने की जरूरत है, साथ ही इस बात को भी बेहतर ढंग से समझने की आवश्यकता है कि भांग का नशा कोविड19 के परिणामों को गंभीरता को जटिल रूप में प्रभावित करता है।
शोधकर्ता हाटौम बताते हैं की "सीयूडी और कोविड-19 के बीच के आनुवांशिक संबंध, इन तथ्य की आशंका बढ़ाते हैं की भांग का हद से ज्यादा नशा करने की आदत कोविड-19 के गंभीर लक्षणों को नियंत्रित कर सकती है। उदारहण के लिये यदि भांग के नशे के आदि लोगों में भांग के उपयोग को समाप्त करने या कम करने पर उनमे कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है, ”।
गौरतलब है की इस अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं की टीम ने मौजूदा डेटासेट को यह परीक्षण करने के लिए संयोजित किया था , कि क्या भांग के उपयोग विकार(सीयूडी) के लिए उच्च आनुवंशिक जोखिम ,कोविड अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम से संबंधित था।
डेटा के एक सेट में 357,806 लोगों को शामिल किया गया था , जिनमें सीयूडी से पीड़ित 14,080 लोग शामिल थे। अन्य 1,206,629 लोग में से 9,373 वे लोग थे, जिन्हें कोविड संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शोध में सीयूडी और गंभीर कोविड के बीच संबंध का आंकलन करने के लिए 7 मिलियन आनुवंशिक रूपों को भी जांचा गया था।