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Breast Cancer : वैज्ञानिकों ने की ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े चार नए जीन की पहचान

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Published : Aug 23, 2023, 6:08 AM IST

Updated : Aug 23, 2023, 9:03 AM IST

Breast cancer : कैंसर महिलाओं में होने वाली मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है ब्रेस्ट कैंसर तथा उसके इलाज को लेकर लगातार नई रिसर्च की जा रही है. अब वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े चार नए जीनों की पहचान की है.

breast cancer
स्तन कैंसर

टोरंटो: कनाडा और यूके के वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े चार नए जीनों की पहचान की है, जिन्‍हें बढ़ते जोखिम वाली महिलाओं की पहचान करने के लिए परीक्षणों में शामिल किया जा सकता है. विश्व स्तर पर 2.3 मिलियन से अधिक महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं. महिलाओं में होने वाली मृत्यु का कैंसर दूसरा प्रमुख कारण है. स्तन कैंसर के लिए वर्तमान परीक्षण में केवल कुछ जीनों पर विचार किया गया, जिसमें बीआरसीए1, बीआरसीए2 और पीएएलबी2 शामिल हैं.

हालांकि ये केवल ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने के लिए काफी नहीं हैं. इसके लिए अभी भी अधिक जीनों की पहचान की जानी बाकी है. नेचर जेनेटिक्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कम से कम चार नए ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम वाले जीनों के साक्ष्य मिले, जिनमें कई संकेत देने वाले साक्ष्य भी शामिल हैं. इन नए जीनों की पहचान स्तन कैंसर के आनुवंशिक जोखिम के बारे में हमारी समझ में योगदान देगी. यह शोध उन महिलाओं को इसेे पहचानने में मदद करेगा, जिन्‍हें इस बीमारी का खतरा अधिक है. यह जीन ब्रेस्ट जांच और जोखिम में कमी को उजागर करेंगे.

breast cancer
कांसेप्ट इमेज

शोध का उद्देश्य: इन नवीन जीनों की खोज से कैंसर के विकास पर महत्वपूर्ण जानकारी भी मिलती है, जिससे संभावित रूप से नए उपचारों की पहचान करने का रास्ता खुल जाता है. इस शोध का उद्देश्य है कि इस जानकारी को वर्तमान में दुनियाभर में स्वास्थ्य पेशेवर इस्‍तेमाल में लाए, जिससे स्तन कैंसर के खतरे को भांपा जा सके. कनाडा के क्यूबेक में यूनिवर्सिटी लावल के प्रोफेसर जैक्स सिमर्ड ने कहा कि इस शोध से उच्च जोखिम वाली महिलाओं के लिए जोखिम कम करने की रणनीतियों, स्क्रीनिंग और उपचार विकल्पों के निर्धारण के संबंध में साझा निर्णय लेने को बढ़ावा मिलेगा.

सीएचयू डी क्यूबेक-यूनिवर्सिटी लावल रिसर्च सेंटर के जीनोमिक्स सेंटर के शोधकर्ता सिमर्ड ने कहा कि नए जीनों में पहचाने गए अधिकांश दुर्लभ हैं, लेकिन उन महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण हो सकते हैं, जिनमें यह पाए जाते हैं. उदाहरण के लिए नए जीनों में से एक एमएपी3के1 में परिवर्तन ब्रेस्ट कैंसर को जन्म देता है. टीम ने ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित 26,000 महिलाओं और बिना ब्रेस्ट कैंसर वाली 217000 महिलाओं के सभी जीनों में परिवर्तनों का अध्ययन किया. इनमें यूरोप और एशिया के आठ देशों की महिलाएं शामिल थीं. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के कैंसर जेनेटिक महामारी विज्ञान केंद्र के निदेशक प्रो. डगलस ईस्टन ने कहा कि हमें इन जीनों में वेरिएंट से जुड़े कैंसर के खतरों को अधिक सटीक रूप से निर्धारित करने, ट्यूमर का अध्ययन करने और यह समझने के लिए अतिरिक्त डेटा की आवश्यकता है कि ये स्तन कैंसर के खतरों को प्रभावित करने वाले अन्य जीवनशैली कारकों के साथ कैसे जुड़ते हैं."

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ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण : Breast cancer Symptoms : ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते, लेकिन गांठ होने पर या किसी अन्य प्रकार के लक्षण होने पर मैमोग्राफी जांच करवाकर इसका पता लगाया जा सकता है . इंडियन कैंसर सोसायटी के अनुसार अलग-अलग महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण भी अलग-हो सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं. (1) स्तन में या बाहों के नीचे गांठ होना. (2) स्तन में दर्द या सूजन. (3) स्तन के निप्पल के आकार या स्किन में बदलाव. (4) ब्रेस्ट का सख्त होना. (5) निप्पल पर खुजली. (6) निप्पल से रक्त या लिक्विड आना . Breast cancer test . Breast cancer treatment .

(एक्स्ट्रा इनपुट एजेंसी)

टोरंटो: कनाडा और यूके के वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े चार नए जीनों की पहचान की है, जिन्‍हें बढ़ते जोखिम वाली महिलाओं की पहचान करने के लिए परीक्षणों में शामिल किया जा सकता है. विश्व स्तर पर 2.3 मिलियन से अधिक महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं. महिलाओं में होने वाली मृत्यु का कैंसर दूसरा प्रमुख कारण है. स्तन कैंसर के लिए वर्तमान परीक्षण में केवल कुछ जीनों पर विचार किया गया, जिसमें बीआरसीए1, बीआरसीए2 और पीएएलबी2 शामिल हैं.

हालांकि ये केवल ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने के लिए काफी नहीं हैं. इसके लिए अभी भी अधिक जीनों की पहचान की जानी बाकी है. नेचर जेनेटिक्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कम से कम चार नए ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम वाले जीनों के साक्ष्य मिले, जिनमें कई संकेत देने वाले साक्ष्य भी शामिल हैं. इन नए जीनों की पहचान स्तन कैंसर के आनुवंशिक जोखिम के बारे में हमारी समझ में योगदान देगी. यह शोध उन महिलाओं को इसेे पहचानने में मदद करेगा, जिन्‍हें इस बीमारी का खतरा अधिक है. यह जीन ब्रेस्ट जांच और जोखिम में कमी को उजागर करेंगे.

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शोध का उद्देश्य: इन नवीन जीनों की खोज से कैंसर के विकास पर महत्वपूर्ण जानकारी भी मिलती है, जिससे संभावित रूप से नए उपचारों की पहचान करने का रास्ता खुल जाता है. इस शोध का उद्देश्य है कि इस जानकारी को वर्तमान में दुनियाभर में स्वास्थ्य पेशेवर इस्‍तेमाल में लाए, जिससे स्तन कैंसर के खतरे को भांपा जा सके. कनाडा के क्यूबेक में यूनिवर्सिटी लावल के प्रोफेसर जैक्स सिमर्ड ने कहा कि इस शोध से उच्च जोखिम वाली महिलाओं के लिए जोखिम कम करने की रणनीतियों, स्क्रीनिंग और उपचार विकल्पों के निर्धारण के संबंध में साझा निर्णय लेने को बढ़ावा मिलेगा.

सीएचयू डी क्यूबेक-यूनिवर्सिटी लावल रिसर्च सेंटर के जीनोमिक्स सेंटर के शोधकर्ता सिमर्ड ने कहा कि नए जीनों में पहचाने गए अधिकांश दुर्लभ हैं, लेकिन उन महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण हो सकते हैं, जिनमें यह पाए जाते हैं. उदाहरण के लिए नए जीनों में से एक एमएपी3के1 में परिवर्तन ब्रेस्ट कैंसर को जन्म देता है. टीम ने ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित 26,000 महिलाओं और बिना ब्रेस्ट कैंसर वाली 217000 महिलाओं के सभी जीनों में परिवर्तनों का अध्ययन किया. इनमें यूरोप और एशिया के आठ देशों की महिलाएं शामिल थीं. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के कैंसर जेनेटिक महामारी विज्ञान केंद्र के निदेशक प्रो. डगलस ईस्टन ने कहा कि हमें इन जीनों में वेरिएंट से जुड़े कैंसर के खतरों को अधिक सटीक रूप से निर्धारित करने, ट्यूमर का अध्ययन करने और यह समझने के लिए अतिरिक्त डेटा की आवश्यकता है कि ये स्तन कैंसर के खतरों को प्रभावित करने वाले अन्य जीवनशैली कारकों के साथ कैसे जुड़ते हैं."

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(एक्स्ट्रा इनपुट एजेंसी)

Last Updated : Aug 23, 2023, 9:03 AM IST
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