ETV Bharat / sukhibhava

सही तरीके से होगी बच्चों की तेल मालिश, तभी मिलेंगे उसके पूरे फायदे

छोटे बच्चों के सही विकास के लिए उनके शरीर की सही तरीके से मालिश को जरूरी बताया जाता है. लेकिन मालिश का बच्चों को पूरा फायदा मिले इसके लिए बहुत जरूरी है कि मालिश सही तेल से, सही तकनीक से तथा जरूरी सावधानियों को बरतते हुए की जाए.

बच्चों की तेल मालिश, Oil massage for children, मालिश के फायदे, benefits of massage, Use of the right oil for massage, why is massage important for babies, benefits of massage in babies, baby health tips
सही तरीके से होगी बच्चों की तेल मालिश , तभी मिलेंगे उसके पूरे फायदे
author img

By

Published : May 12, 2022, 10:37 PM IST

जन्म के बाद से ही बच्चों के सही शारीरिक व मानसिक विकास के लिए तेल से उसके शरीर की मालिश की सलाह दी जाती है. माना जाता है कि रोजाना या सप्ताह में कुछ दिन तेल से सही तरह से मालिश करने से ना सिर्फ बच्चों की हड्डियों को मजबूती मिलती है, उनका पाचन बेहतर होता है, वजन बढ़ता है तथा बल्कि उन्हें नींद भी अच्छी आती है. यही नहीं सही तेल से तथा सही तरह से मालिश बच्चे के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को और भी कई तरह से फायदे पहुंचाती है.

लेकिन बहुत जरूरी है कि मालिश हमेशा सही तरह से तथा सही तेल से हो, अन्यथा यह कई बार कुछ परेशानियों का कारण भी बन सकती है. इनके अलावा और भी बहुत सी सावधानियां होती हैं जिनका मालिश के दौरान ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. आइए जानते हैं कि विशेषज्ञों की राय में बच्चों के लिए मालिश का सही तरीका, मालिश के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां तथा आदर्श तेल कौन से हैं.

तेल मालिश के फायदे
तेल मालिश के बारे में जानने से पहले यह जानना भी जरूरी है कि यह किस तरह से बच्चों को फायदा पहुंचाती है. गाजियाबाद की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशा राठौर बताती हैं कि जन्म के कुछ समय बाद से ही बच्चों की सही तरह से तेल मालिश उन्हें काफी फायदे पहुंचाती है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • नियमित तौर पर तेल की मालिश बच्चों की मांसपेशियों एवं हड्डियों को ताकत देने में मदद करती हैं, जिससे उनकी बढ़त तेज होती है.
  • पेट के दर्द और गैस में राहत दिलाती है.
  • अच्छी मालिश के बाद बच्चों को नींद भी काफी अच्छी आती है. जो उनके वजन बढ़ने तथा शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी होती है.
  • तेल की मालिश से बच्चों की त्वचा में नमीं बनी रहती है.
  • त्वचा से संबंधित समस्यायों में राहत मिलती है.
  • सिर का आकार ठीक रहता है तथा बालों को पोषण मिलता है.
  • मालिश से क्रैडल कैप तथा डायपर रैशेज सहित कई त्वचा संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है.

मालिश का सही तरीका
डॉ आशा बताती हैं कि बच्चों का शरीर बहुत कोमल होता है इसलिए बहुत जरूरी है कि मालिश सही तरीके से तथा सही दबाव के साथ की जाए. बेंगलुरु के एक आयुर्वेदिक सेंटर में नर्स श्रीकांता बताती हैं कि बच्चों की तेल मालिश की शुरुआत पैरों से करनी चाहिए. इसके बाद छाती,पेट, हाथ, पीठ व फिर चेहरे व सर की मालिश करनी चाहिए. मालिश कभी भी तेज हाथ या ज्यादा दबाव के साथ नही करनी चाहिए. हल्के दबाब के साथ मालिश हमेशा ऊपर से नीचे की ओर करनी चाहिए. पैरों के तलवों और हाथों व पैरों की उंगलियों के बीच में भी तेल लगाकर मालिश करनी चाहिए. विशेषतौर पर पेट तथा छाती की मालिश करते समय ध्यान रखें कि दबाव ज्यादा ना हो तथा नाभि में तेल की कुछ बुँदे डालकर उनके आसपास गोलाई में घूमाते हुए मालिश करें.

पीठ की मालिश के लिए जब बच्चे को उल्टा लिटाया जाता है तो ध्यान रहे कि उसकी नाक और नीचे की सतह के बीच स्थान हो , जिससे उसे सांस लेने में परेशानी ना हो. बच्चों की पीठ की मालिश के लिए उन्हे अपने पैरों की लिटाकर मालिश करना आदर्श माना जाता है. इस अवस्था में वे मालिश के दौरान ज्यादा आराम से रहते हैं. इसके अलावा सिर की मालिश करते समय भी गोलाई में घूमते हुए सिर की मालिश करनी चाहिए. जिससे सिर का आकार सही रहे. सिर की मालिश करते समय दबाव डालने की जरूरत नहीं होती है. वह बताती हैं कि कानों के बाहरी हिस्से और उनके पीछे की त्वचा पर भी मालिश करनी चाहिए.

मालिश के दौरान सावधानियां
डॉ. आशा बताती हैं कि बच्चों की मालिश के दौरान कुछ बातों तथा सावधानियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. जैसे-

  • बच्चे की दूध पिलाने या कुछ खिलाने के बाद कम से कम 45 मिनट तक मालिश नही करनी चाहिए.
  • बच्चे की मालिश वाला स्थान , उसके नीचे बिछाए जाने वाला कपड़ा तथा मालिश करने वाले व्यक्ति के हाथ साफ और स्वच्छ होने चाहिए.इसके अलावा मालिश करने वाले व्यक्ति के नाखून भी कटे हुए होने चाहिए.
  • जहां तक संभव हो मालिश करने वाला स्थान शांत होना चाहिए.
  • मालिश करने वाला व्यक्ति अनुभवी होना चाहिए. या फिर किसी अनुभवी व्यक्ति से सही तरीका सीखने के बाद ही बच्चे की मालिश खुद करनी चाहिए.
  • मालिश के लिए तेल का इस्तेमाल करने पहले जांच लें की बच्चे को उक्त तेल से किसी प्रकार की एलर्जी तो नही है.
  • बच्चे के शरीर पर अतिरिक्त तेल न रहने दें. इससे त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं. इसलिए मालिश के बाद हमेशा सूती नैपकिन से अतिरिक्त तेल हटा दें.

शिशुओं की तेल मालिश के लिए आदर्श तेल
आमतौर पर लोगों में इस बार को लेकर संशय रहता की बच्चों की मालिश के लिए कौन सा तेल आदर्श रहेगा. ऑयल एंड एसेंस एक्सपर्ट तथा एमे ऑर्गेनिक की सीईओ नंदिता बताती हैं कि बच्चों की मालिश के लिए तेल का चयन करते समय मौसम, संभावित एलर्जी तथा तेल की तासीर का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. जैसे गर्मी के मौसम में कभी भी बच्चे की मालिश गर्म तासीर वाले तेल से नही करनी चाहिए. वह बताती हैं बाजार में मिलने वाला बेबी ऑइल वैसे तो हर मौसम में मालिश के लिए उपयुक्त माना जाता है. लेकिन अपने औषधीय गुणों के चलते जैतून का तेल तथा मीठे बादाम का तेल बच्चों की मालिश के लिए आदर्श होता है. दरअसल बादाम के तेल में विटामिन ई, विटामिन ए, बी2, बी6, डी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम तथा ओमेगा -3 फैटी एसिड फैटी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं तथा जैतून के तेल में विटामिन-ई, विटामिन के, आयरन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो बच्चों के शरीर को पोषण पहुँचाने में तो मदद करते ही हैं साथ ही उन्हे कई समस्याओं से भी बचाकर रखता है. साथ ही इनका इस्तेमाल हर मौसम में किया जा सकता है.

वह बताती हैं कि चूंकि आजकल गर्मी का मौसम हैं ऐसे में कुछ अन्य तेल भी हैं जिनका इस्तेमाल बच्चों की मालिश के लिए किया जा सकता है जैसे नारियल तेल. नारियल के तेल की तासीर ठंडी होती है, यह त्वचा में भी आसानी से समा जाता है साथ ही इसमें एंटी फंगल तथा एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो बच्चों की त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं. बच्चों की की मालिश के लिए कोकोनट वर्जिन ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा इस मौसम में ठंडी तासीर वाले कैमोमाइल ऑयल तथा चंदन के तेल से मालिश भी की जा सकती है.

पढ़ें: पहली बार गर्मी का सामना कर रहे शिशुओं की देखभाल में बरतें ज्यादा सावधानियां

जन्म के बाद से ही बच्चों के सही शारीरिक व मानसिक विकास के लिए तेल से उसके शरीर की मालिश की सलाह दी जाती है. माना जाता है कि रोजाना या सप्ताह में कुछ दिन तेल से सही तरह से मालिश करने से ना सिर्फ बच्चों की हड्डियों को मजबूती मिलती है, उनका पाचन बेहतर होता है, वजन बढ़ता है तथा बल्कि उन्हें नींद भी अच्छी आती है. यही नहीं सही तेल से तथा सही तरह से मालिश बच्चे के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को और भी कई तरह से फायदे पहुंचाती है.

लेकिन बहुत जरूरी है कि मालिश हमेशा सही तरह से तथा सही तेल से हो, अन्यथा यह कई बार कुछ परेशानियों का कारण भी बन सकती है. इनके अलावा और भी बहुत सी सावधानियां होती हैं जिनका मालिश के दौरान ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. आइए जानते हैं कि विशेषज्ञों की राय में बच्चों के लिए मालिश का सही तरीका, मालिश के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां तथा आदर्श तेल कौन से हैं.

तेल मालिश के फायदे
तेल मालिश के बारे में जानने से पहले यह जानना भी जरूरी है कि यह किस तरह से बच्चों को फायदा पहुंचाती है. गाजियाबाद की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशा राठौर बताती हैं कि जन्म के कुछ समय बाद से ही बच्चों की सही तरह से तेल मालिश उन्हें काफी फायदे पहुंचाती है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • नियमित तौर पर तेल की मालिश बच्चों की मांसपेशियों एवं हड्डियों को ताकत देने में मदद करती हैं, जिससे उनकी बढ़त तेज होती है.
  • पेट के दर्द और गैस में राहत दिलाती है.
  • अच्छी मालिश के बाद बच्चों को नींद भी काफी अच्छी आती है. जो उनके वजन बढ़ने तथा शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी होती है.
  • तेल की मालिश से बच्चों की त्वचा में नमीं बनी रहती है.
  • त्वचा से संबंधित समस्यायों में राहत मिलती है.
  • सिर का आकार ठीक रहता है तथा बालों को पोषण मिलता है.
  • मालिश से क्रैडल कैप तथा डायपर रैशेज सहित कई त्वचा संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है.

मालिश का सही तरीका
डॉ आशा बताती हैं कि बच्चों का शरीर बहुत कोमल होता है इसलिए बहुत जरूरी है कि मालिश सही तरीके से तथा सही दबाव के साथ की जाए. बेंगलुरु के एक आयुर्वेदिक सेंटर में नर्स श्रीकांता बताती हैं कि बच्चों की तेल मालिश की शुरुआत पैरों से करनी चाहिए. इसके बाद छाती,पेट, हाथ, पीठ व फिर चेहरे व सर की मालिश करनी चाहिए. मालिश कभी भी तेज हाथ या ज्यादा दबाव के साथ नही करनी चाहिए. हल्के दबाब के साथ मालिश हमेशा ऊपर से नीचे की ओर करनी चाहिए. पैरों के तलवों और हाथों व पैरों की उंगलियों के बीच में भी तेल लगाकर मालिश करनी चाहिए. विशेषतौर पर पेट तथा छाती की मालिश करते समय ध्यान रखें कि दबाव ज्यादा ना हो तथा नाभि में तेल की कुछ बुँदे डालकर उनके आसपास गोलाई में घूमाते हुए मालिश करें.

पीठ की मालिश के लिए जब बच्चे को उल्टा लिटाया जाता है तो ध्यान रहे कि उसकी नाक और नीचे की सतह के बीच स्थान हो , जिससे उसे सांस लेने में परेशानी ना हो. बच्चों की पीठ की मालिश के लिए उन्हे अपने पैरों की लिटाकर मालिश करना आदर्श माना जाता है. इस अवस्था में वे मालिश के दौरान ज्यादा आराम से रहते हैं. इसके अलावा सिर की मालिश करते समय भी गोलाई में घूमते हुए सिर की मालिश करनी चाहिए. जिससे सिर का आकार सही रहे. सिर की मालिश करते समय दबाव डालने की जरूरत नहीं होती है. वह बताती हैं कि कानों के बाहरी हिस्से और उनके पीछे की त्वचा पर भी मालिश करनी चाहिए.

मालिश के दौरान सावधानियां
डॉ. आशा बताती हैं कि बच्चों की मालिश के दौरान कुछ बातों तथा सावधानियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. जैसे-

  • बच्चे की दूध पिलाने या कुछ खिलाने के बाद कम से कम 45 मिनट तक मालिश नही करनी चाहिए.
  • बच्चे की मालिश वाला स्थान , उसके नीचे बिछाए जाने वाला कपड़ा तथा मालिश करने वाले व्यक्ति के हाथ साफ और स्वच्छ होने चाहिए.इसके अलावा मालिश करने वाले व्यक्ति के नाखून भी कटे हुए होने चाहिए.
  • जहां तक संभव हो मालिश करने वाला स्थान शांत होना चाहिए.
  • मालिश करने वाला व्यक्ति अनुभवी होना चाहिए. या फिर किसी अनुभवी व्यक्ति से सही तरीका सीखने के बाद ही बच्चे की मालिश खुद करनी चाहिए.
  • मालिश के लिए तेल का इस्तेमाल करने पहले जांच लें की बच्चे को उक्त तेल से किसी प्रकार की एलर्जी तो नही है.
  • बच्चे के शरीर पर अतिरिक्त तेल न रहने दें. इससे त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं. इसलिए मालिश के बाद हमेशा सूती नैपकिन से अतिरिक्त तेल हटा दें.

शिशुओं की तेल मालिश के लिए आदर्श तेल
आमतौर पर लोगों में इस बार को लेकर संशय रहता की बच्चों की मालिश के लिए कौन सा तेल आदर्श रहेगा. ऑयल एंड एसेंस एक्सपर्ट तथा एमे ऑर्गेनिक की सीईओ नंदिता बताती हैं कि बच्चों की मालिश के लिए तेल का चयन करते समय मौसम, संभावित एलर्जी तथा तेल की तासीर का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. जैसे गर्मी के मौसम में कभी भी बच्चे की मालिश गर्म तासीर वाले तेल से नही करनी चाहिए. वह बताती हैं बाजार में मिलने वाला बेबी ऑइल वैसे तो हर मौसम में मालिश के लिए उपयुक्त माना जाता है. लेकिन अपने औषधीय गुणों के चलते जैतून का तेल तथा मीठे बादाम का तेल बच्चों की मालिश के लिए आदर्श होता है. दरअसल बादाम के तेल में विटामिन ई, विटामिन ए, बी2, बी6, डी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम तथा ओमेगा -3 फैटी एसिड फैटी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं तथा जैतून के तेल में विटामिन-ई, विटामिन के, आयरन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो बच्चों के शरीर को पोषण पहुँचाने में तो मदद करते ही हैं साथ ही उन्हे कई समस्याओं से भी बचाकर रखता है. साथ ही इनका इस्तेमाल हर मौसम में किया जा सकता है.

वह बताती हैं कि चूंकि आजकल गर्मी का मौसम हैं ऐसे में कुछ अन्य तेल भी हैं जिनका इस्तेमाल बच्चों की मालिश के लिए किया जा सकता है जैसे नारियल तेल. नारियल के तेल की तासीर ठंडी होती है, यह त्वचा में भी आसानी से समा जाता है साथ ही इसमें एंटी फंगल तथा एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो बच्चों की त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं. बच्चों की की मालिश के लिए कोकोनट वर्जिन ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा इस मौसम में ठंडी तासीर वाले कैमोमाइल ऑयल तथा चंदन के तेल से मालिश भी की जा सकती है.

पढ़ें: पहली बार गर्मी का सामना कर रहे शिशुओं की देखभाल में बरतें ज्यादा सावधानियां

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.