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वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में अमेरिकी पत्रकार का दौरा - निदेशक फौची ने जताई असहमति

विश्व की सबसे खतरनाक कोरोना महामारी के गंभीर आरोपों के बाद अमेरिकी पत्रकार ने वुहान वायरस अनुसंधानशाला का दौरा किया. अनुसंधानशाला के सहकर्मियों ने इन अफवाहों को गलत बताया है, वहीं चीन-अमेरीका के बीच तनाव ना देखने की बात कही है.

American journalist visit to Wuhan
अमेरिकी पत्रकार का वुहान दौरा
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Published : Aug 13, 2020, 5:56 PM IST

Updated : Aug 14, 2020, 9:39 AM IST

अमेरिका के एनबीसी संवाददाता ने 7 अगस्त को चीन के वुहान वायरस अनुसंधानशाला और वहां बीएसएल 4 प्रयोगशाला का दौरा किया. वुहान वायरस अनुसंधानशाला विश्व में सबसे अधिक खतरनाक संक्रामक रोग वायरस का अध्ययन करने में सक्षम है. इसी वजह से इस संस्था को महामारी से संबंधित आरोपों में उलझाया गया. लेकिन उधर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने किसी भी सबूत के बिना नये कोरोना वायरस फैलने का दोष चीन के सिर मढ़ दिया. वुहान वायरस अनुसंधानशाला की निदेशक वांग यैन ई और उनके सहकर्मियों ने अमेरिकी एनबीसी संवाददाता को दिये इंटरव्यू में ऐसी अफवाहों का खंडन किया है.

उधर, अमेरिकी संक्रामक रोग संस्थान के निदेशक फौची ने भी वायरस के किसी प्रयोगशाला से निकलने के कथन पर असहमति जताई है. मार्च महीने में इंग्लैंड की पत्रिका ह्लनेचरह्व में प्रकाशित एक अनुसंधान रिपोर्ट में कहा गया कि नया कोरोना वायरस किसी प्रयोगशाला से निकलना असंभव है. इसके साथ 9 देशों के 27 वैज्ञानिकों ने चिकित्सा पत्रिका लैंसेट में एक वक्तव्य जारी कर चीनी समकक्षों का समर्थन किया और नये कोरोना वायरस महामारी के बारे में गलत सूचनाओं का विरोध किया.

उधर, वुहान वायरस अनुसंधानशाला के अनुसंधानकर्ता युआन ची मींग ने एनबीसी संवाददाता को इंटरव्यू देते हुए कहा कि हम चीन-अमेरिका तनाव नहीं देखना चाहते हैं, जो विश्व की स्थिरता और प्रगति के लिए हानिकारक है. हमने अमेरिकी वैज्ञानिकों से बहुत तकनीक और अनुभव सीखे हैं. महामारी फैलने की स्थिति में हम विज्ञान और वैज्ञानिकों का विश्वास करते हैं.

सौजन्य: आईएएनएस

अमेरिका के एनबीसी संवाददाता ने 7 अगस्त को चीन के वुहान वायरस अनुसंधानशाला और वहां बीएसएल 4 प्रयोगशाला का दौरा किया. वुहान वायरस अनुसंधानशाला विश्व में सबसे अधिक खतरनाक संक्रामक रोग वायरस का अध्ययन करने में सक्षम है. इसी वजह से इस संस्था को महामारी से संबंधित आरोपों में उलझाया गया. लेकिन उधर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने किसी भी सबूत के बिना नये कोरोना वायरस फैलने का दोष चीन के सिर मढ़ दिया. वुहान वायरस अनुसंधानशाला की निदेशक वांग यैन ई और उनके सहकर्मियों ने अमेरिकी एनबीसी संवाददाता को दिये इंटरव्यू में ऐसी अफवाहों का खंडन किया है.

उधर, अमेरिकी संक्रामक रोग संस्थान के निदेशक फौची ने भी वायरस के किसी प्रयोगशाला से निकलने के कथन पर असहमति जताई है. मार्च महीने में इंग्लैंड की पत्रिका ह्लनेचरह्व में प्रकाशित एक अनुसंधान रिपोर्ट में कहा गया कि नया कोरोना वायरस किसी प्रयोगशाला से निकलना असंभव है. इसके साथ 9 देशों के 27 वैज्ञानिकों ने चिकित्सा पत्रिका लैंसेट में एक वक्तव्य जारी कर चीनी समकक्षों का समर्थन किया और नये कोरोना वायरस महामारी के बारे में गलत सूचनाओं का विरोध किया.

उधर, वुहान वायरस अनुसंधानशाला के अनुसंधानकर्ता युआन ची मींग ने एनबीसी संवाददाता को इंटरव्यू देते हुए कहा कि हम चीन-अमेरिका तनाव नहीं देखना चाहते हैं, जो विश्व की स्थिरता और प्रगति के लिए हानिकारक है. हमने अमेरिकी वैज्ञानिकों से बहुत तकनीक और अनुभव सीखे हैं. महामारी फैलने की स्थिति में हम विज्ञान और वैज्ञानिकों का विश्वास करते हैं.

सौजन्य: आईएएनएस

Last Updated : Aug 14, 2020, 9:39 AM IST
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