ज्यादातर सभी प्रकार की बीमारियों या समस्याओं में चिकित्सक अनार के सेवन की सलाह देते हैं. जिसका कारण है इसमें मौजूद रोगों से लड़ने वाले गुण तथा पौष्टिक तत्व. अनार के जूस या दानों का सेवन सेहत और सौन्दर्य दोनों को बढ़ाता है. दिल्ली की पोषण विशेषज्ञ डॉ. दिव्या शर्मा बताती हैं कि प्रतिदिन एक अनार का सेवन ना सिर्फ हमारे शरीर में रक्त की कमी होने से बचा सकता है, बल्कि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर कई सामान्य व गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है. अनार का सेवन हर उम्र के लोग आसानी से कर सकते हैं.
अनार में पाए जाने वाल पोषक तत्व
डॉ. दिव्या बताती हैं कि अनार में विटामिन ए, बी, सी, ई, के, डी, आयरन, फोलेट, मैग्नीशियम, कॉर्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, प्रोटीन, तथा पोटैशियम सहित अन्य पोषक तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं. इसके साथ ही इसमें रफेज़ भी होता है, जो पेट में होने वाली समस्याओं को दूर कर देता है. एक अनार में लगभग 234 कैलोरी होती है तथा हमारी रोजाना जरूरत का लगभग 40 फीसदी विटामिन सी मौजूद होता है. अनार में एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.
अनार के औषधीय गुण में एंटीऑक्सीडेटिव, एंटीएथीरियोजेनिक, एंटीहाइपरटेंसिव, एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीप्लाक, एंटीपैरासिटिक, एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटीप्रोलीफरेटिव, एंटीट्यूमर और एंटीकैंसर गुण पाए जाते हैं.
अनार के फायदे
- अनार के दानों या जूस का नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर उपलब्ध एक शोध में बताया गया है कि अनार के दानों में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल व एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो न सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करते हैं बल्कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के कारण होने वाली अन्य बीमारियों से बचाने में भी मदद कर सकते हैं.
- अनार में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं में राहत दिलाते हैं तथा आंतों में होने वाली जलन में आराम दिलाते हैं. इसमें मौजूद रफेज़ तथा अन्य पोषक तत्वों से पाचन में भी सुधार आता है. अनार में एंटी-हेलिकोबैक्टर पाइलोरी प्रभाव भी पाया जाता है, दरअसल हेलिकोबैक्टर पाइलोरी एक प्रकार का बैक्टीरिया है, जो पेट में पाया जाता है और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है.
- अर्थराइटिस के रोगियों को अनार का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि अनार के जूस से ऑस्टियोपोरोसिस, रुमेटॉइड अर्थराइटिस और अन्य तरह के अर्थराइटिस के अलावा जोड़ों में सूजन में भी आराम मिलता है.
- अनार में एंटीकैंसर गुण भी पाए जाते हैं. इसमें मौजूद एलेगिटैनिंस और गैलोटैनिंस नामक पॉलीफिनोल्स(एंटीऑक्सीडेंट्स) कैंसर पैदा करने वाले ट्यूमर के विकास को कम कर सकते हैं.
- शोध के अनुसार, अनार में एंटीहाइपरटेंसिव यानी रक्तचाप को कम करने वाला तथा एंटीएथीरियोजेनिक यानी धमनियों में वसा के जमाव को रोकने वाले गुण भी पाये जाते हैं.
- इस शोध में यह भी बताया गया है कि अनार में एलेजिक, गैलिक व ओलियानोलिक एसिड होते हैं, जो रक्त में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं.
- अनार का जूस पीने से शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है और ये रक्त वाहिनियों को मोटा और कड़क होने से बचाते हैं. इसके सेवन से आर्टरीज़ में कोलेस्ट्रॉल बनने और उसके जमने की गति भी काफी धीमी हो जाती है.
- रोजाना एक अनार खाने से तनाव अवसाद तथा अन्य व्यवहारिक व मानसिक परेशानियों में भी राहत मिलती है. इसके अलावा ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाली समस्याओं में भी अनार का सेवन फायदा पहुंचाता है. शोध के मुताबिक, अनार के जूस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर अल्जाइमर के जोखिम को कम करने में कारगर साबित हो सकते हैं.
- गर्भावस्था के दौरान अनार का सेवन करना गर्भवती महिला के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. अनार में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं ,जो गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा की रक्षा करते हैं. इसमें फोलेट भी पाया जाता है जो गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है.
- अनार शरीर में फंगस को खत्म करने तथा अच्छे बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है . इसलिए महिलाओं में विशेषकर योनि में संक्रमण जैसी समस्या में अनार का सेवन काफी फायदेमंद होता है.
- अनार के सेवन से वजन घटाने में भी मदद मिलती है. एनसीबीआई के शोध में बताया गया है कि अनार और उसका अर्क वजन को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकता है.
- अनार का सेवन त्वचा तथा बालों की सेहत तथा सौन्दर्य दोनों को बढ़ाता है.