हैदराबाद : मिर्गी मस्तिष्क की एक बीमारी है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार मस्तिष्क की दीर्घकालिक गैर-संचारी ( Neurological Disorder ) बीमारी है. जिसमे रोगी को बार-बार दौरे पड़ते हैं, दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है. मिर्गी के दौरे आने से मरीज लड़खड़ा कर गिर जाता है व बेहोश रहता है. शरीर भी अकड़ जाता है. एम्स के एक रिसर्च में पाया गया कि योग Epilepsy पीड़ितों के लिए फायदेमंद है. इस अध्ययन से पता चला है कि यह न केवल दौरे पड़ने को कम करता है बल्कि चिंता व अपराध बोध को भी कम करता है.
यह अध्ययन उन लोगों का चयन करके किया गया था जो कम से कम दो प्रकार की दौरा रोधी दवाओं ( anti-seizure drugs ) का उपयोग करते थे, जिन्हें सप्ताह में औसतन एक बार Epilepsy के दौरे पड़ते थे और जो अपराध बोध से ग्रस्त थे. उन्हें मांसपेशियों को आराम देने के लिए योगासन, ध्यान, सकारात्मक दृष्टिकोण और सांस लेने पर ध्यान के साथ सोचने सहित योगाभ्यास की तकनीक सिखाई गई.
रिसर्च में पाया गया कि छह महीने के बाद, Epilepsy पीड़ितों के दौरे की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी आई थी. चिंता भी काफी कम हो जाती है. जिन लोगों ने अधिक बार योगाभ्यास किया उन्हें अधिक लाभ देखने को मिला. मिर्गी का अपराधबोध जीवन को कई तरह से प्रभावित करता है. बीमारी पर खराब नियंत्रण, आपातकालीन उपचार के लिए बार-बार जाना, दवा का अनुचित उपयोग और मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट मिर्गी पीड़ितों में देखी जा रही है. यदि अपराध बोध कम हो जाए तो Epilepsy से पीड़ित व्यक्ति आराम से जीवन का बिता सकता है. योगाभ्यास मिर्गी पीड़ितों के लिए के लिए उपयोगी है. AIIMS रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि अपराधबोध से मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए वैकल्पिक उपचार की जरूरत है. Yoga beneficial for Epilepsy patient . AIIMS Epilepsy research . Epilepsy treatment .