कोविड-19 महामारी के बीच सर्दियों का मौसम बहुत चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन अगले साल की शुरूआत में फरवरी या मार्च तक वैक्सीन आ जाएगी और इसके बाद कुछ हद तक सामान्य स्थिति हो जाएगी. एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में यह बात कही.
हालांकि उन्होंने संक्रमण प्रसार से निपटने में आक्रामक कोविड-उपयुक्त व्यवहार के महत्व को रेखांकित किया.
पेश है साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश :
प्रश्न : कुछ शहरों को छोड़कर, जहां मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, देश में एक दिन में 90 हजार मामलों से घटकर संख्या 45 हजार पर आ गई है. क्या आपको लगता है कि भारत इस साल के अंत तक शिखर (पीक) को पार कर जाएगा और पूरे देश में मामले कम होने लगेंगे?
उत्तर : अगले तीन महीने तक सर्दियों के महीनों में चुनौतीपूर्ण समय रहेगा. एक बार जब हम इसे पार कर लेंगे तो हमारे पास दो चीजें होंगी. एक तो हमारे पास बड़ी संख्या में ऐसे लोग होंगे, जो ठीक हो चुके होंगे और उनमें संक्रमण फैलने की संभावना कम हो जाएगी. इसलिए मामलों की संख्या कम होनी चाहिए. दूसरी बात यह है कि हमारे पास एक वैक्सीन भी आ जानी चाहिए, जो उस समय तक उपलब्ध होगी, इसलिए अगले साल की शुरूआत में हमें कुछ हद तक सामान्य हो जाना चाहिए, मुझे उम्मीद है कि फरवरी-मार्च तक स्थिति कुछ सामान्य होगी.
प्रश्न : क्या इस वायरल संक्रमण से जुड़े पीक को लेकर कोई विशिष्ट संख्या है? उदाहरण के लिए चौथे पीक के बाद, मामलों में अंतत: गिरावट शुरू हो जाएगी और मामलों में कोई असाधारण वृद्धि नहीं होगी?
उत्तर : भारत के संदर्भ में देखें तो इसमें विभिन्न चीजें हैं, अगर हम देश को एक पूरे या अलग क्षेत्र के रूप में देखते हैं. भारत में अलग-अलग क्षेत्रों ने अलग-अलग व्यवहार किया है, क्योंकि जैसे-जैसे महामारी आगे बढ़ी है, तो विभिन्न मामलों में वृद्धि अलग-अलग समय पर हुई है.