कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस के खिलाफ लड़ाई ने अब नया मोड़ ले लिया है. जहां तेजी से इस वायरस के उत्परिवर्तन सामने आ रहे हैं. लोगों के टीकाकरण में समय लग रहा है, उससे विषाणु के ऐसे स्वरूप के उत्पन्न होने की आशंका है, जो मौजूदा परीक्षण के तरीकों में सामने ही नहीं आ पाएं और जिस पर वर्तमान इलाज और टीकों का भी असर ना हो.
कोरोना वायरस के विविध स्वरूप सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इसकी मुख्य वजह नये मामलों की उच्च दर है. हर नये संक्रमण में वायरस को अपना उत्परिवर्तन करने का अवसर मिलता है. इससे महामारी को नियंत्रित करने में हुई प्रगति के लाभ निष्फल होने का खतरा मंडराने लगता हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को नये स्वरूपों का पता लगाने के लिए प्रयास और भी तेज करने को कहा. अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने कहा कि ब्रिटेन में सबसे पहले सामने आया विषाणु का नया स्वरूप मार्च तक अमेरिका में भी प्रकोप फैला सकता है.
सीडीसी ने कहा कि वायरस के नये स्वरूप से अधिक गंभीर बीमारी की आशंका तो नहीं होती, लेकिन इसके आसानी से फैलने की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले और जान गंवाने वाले संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ सकती है.
अमेरिका सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंटनी फाउची ने रविवार को कहा, 'हम इसे वाकई बहुत गंभीरता से ले रहे हैं.'