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गुर्दे के स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं : विश्व किडनी दिवस - पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज

दुनिया में लगातार बढ़ रही किडनी की बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से वर्ष 2006 से लगातार मार्च के दूसरे गुरुवार को 'विश्व किडनी दिवस' मनाया जा रहा है। इस वर्ष यह दिवस 11 मार्च को मनाया जा रहा है।

World Kidney Day
विश्व किडनी दिवस
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Published : Mar 11, 2021, 12:02 PM IST

Updated : Mar 11, 2021, 12:28 PM IST

किडनी संबंधी रोगों की जटिलताओं और रोगों के संबंध में दुनिया भर में जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ष 2006 में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन ने मिलकर 66 देशों में इस आयोजन की शुरुआत की थी। इस वर्ष यह विशेष दिवस 'किडनी रोग के साथ अच्छी तरह से रहना है' थीम पर आयोजित किया जा रहा है। विश्व किडनी दिवस का उद्देश्य दुनिया में गुर्दे की बीमारियों के बढ़ते प्रसार को रोकना और उसकी व्यापकता को कम करना है।

किडनी की खराबी से होने वाले रोग और उनके कारण

आमतौर पर अस्वस्थ जीवन शैली और असंयमित खानपान के चलते लोगों में किडनी की समस्या होती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, आनुवंशिकता और दर्द निवारक दवाइयों के अधिक मात्रा में सेवन से भी किडनी को नुकसान पहुंचता है। हृदय रोग के बाद भी किडनी से संबंधित बीमारियां लोगों में देखने में आती है। ज्यादातर लोग किडनी में खराबी के शुरुआती लक्षणों को कभी जानकारी, तो कभी लापरवाही के चलते नजरअंदाज कर देते हैं और जब इस समस्या का पता चलता है तो 65 से 70 फीसदी किडनी डैमेज हो चुकी होती है। किडनी में खराबी से होने वाले कुछ मुख्य रोग इस प्रकार है;

  • पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज यानी किडनी का फेल होना। इसमें किडनी में गांठ बनने लगती है, और धीरे-धीरे किडनी काम करना बंद कर देती है। यह समस्या ज्यादा मात्रा में अल्कोहल और सिगरेट के सेवन से हो सकती है। जिन लोगों को डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उनकी किडनी फेल होने की आशंका ज्यादा होती है।

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के लक्षण

  • सिर दर्द
  • पेशाब के साथ ब्लड आना
  • हाथ, पैर और आंखों पर सूजन
  • सांस फूलना और भूख ना लगना
  • पाचन संबंधी गड़बड़ी
  • खून की कमी से त्वचा की रंगत का पीला पड़ना
  • कमजोरी और थकान होना

रोग से बचाव

  1. इसके लिए डॉक्टर आरआरटी यानी रिनल रिप्लेसमेंट थेरेपी देते हैं।
  2. किडनी के एक बार खराब हो जाने पर डॉक्टर ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं।
  3. ट्रांसप्लांट नहीं हो पाने की अवस्था में डायलिसिस किया जाता है।
  4. अगर मरीज स्टेज 4 पर पहुंच गया है, लेकिन खानपान और दिनचर्या का खास ख्याल रख रहा है और समय पर डायलिसिस करवा रहा है, तो सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है।
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन

हमारे शरीर का यूरिनरी सिस्टम किडनी, यूरेटर, ब्लैडर और यूरेथ्रा से मिलकर बनता है। यदि इन चारों में से किसी एक में भी संक्रमण यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन कहलाता है।

इंफेक्शन के लक्षण

  • बार-बार पेशाब का आना
  • सुस्ती और शरीर में कंपन या बुखार होना
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द
  • पेशाब की रंगत में बदलाव
  • पेशाब करते समय दर्द होना

इंफेक्शन से बचाव

  1. व्यक्ति को अपनी सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए
  2. सार्वजनिक टॉयलेट का उपयोग करने से बचें
  3. इंफेक्शन होने पर सेक्स से दूर रहें

इन रोगों के साथ बताए गए लक्षणों के अतिरिक्त भी कुछ अन्य लक्षण किडनी में समस्या होने पर नजर आते हैं;

  • पैरों और आंखों के नीचे सूजन
  • किसी काम को करने या फिर चलने पर जल्दी थकान और सांस फूलना
  • भूख ना लगना
  • हाजमा खराब होना
  • खून की कमी
  • उल्टी आना
  • शरीर में सूजन
  • पीठ में दर्द
  • त्वचा खुरदरी होना

पढ़े : आयुर्वेद से पाएं पथरी रोग में राहत

किडनी की बीमारी से बचाव

जीवन शैली में बदलाव और स्वस्थ खानपान, नियमित रूप से कसरत और वजन पर नियंत्रण रख कर भी किडनी से संबंधित रोगों से काफी हद तक बचा जा सकता है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए कुछ साधारण उपायों की मदद ली जा सकती है।

  1. प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीयें।
  2. खाने में सोडियम यानी नमक का सेवन नियंत्रण में रखें।
  3. पैकेज्ड, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के साथ बाहर के खाने से भी परहेज करना चाहिए।
  4. स्वस्थ भोजन करें और अपना वजन नियंत्रित रखें।
  5. आहार से सैचुरेटेड फैट को खत्म करें और रोजाना बहुत सारे फल और सब्जियां खाने पर जोर दें।
  6. ब्लड शुगर के स्तर पर नियमित जांच रखना उचित है।
  7. रक्तचाप की निगरानी करें-अगर आपको डायबिटीज, हाइपरटेंशन या मोटापा है, या अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक है तो किडनी टेस्ट करवाएं और यूरिन की जांच करवाएं।

किडनी संबंधी रोगों की जटिलताओं और रोगों के संबंध में दुनिया भर में जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ष 2006 में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन ने मिलकर 66 देशों में इस आयोजन की शुरुआत की थी। इस वर्ष यह विशेष दिवस 'किडनी रोग के साथ अच्छी तरह से रहना है' थीम पर आयोजित किया जा रहा है। विश्व किडनी दिवस का उद्देश्य दुनिया में गुर्दे की बीमारियों के बढ़ते प्रसार को रोकना और उसकी व्यापकता को कम करना है।

किडनी की खराबी से होने वाले रोग और उनके कारण

आमतौर पर अस्वस्थ जीवन शैली और असंयमित खानपान के चलते लोगों में किडनी की समस्या होती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, आनुवंशिकता और दर्द निवारक दवाइयों के अधिक मात्रा में सेवन से भी किडनी को नुकसान पहुंचता है। हृदय रोग के बाद भी किडनी से संबंधित बीमारियां लोगों में देखने में आती है। ज्यादातर लोग किडनी में खराबी के शुरुआती लक्षणों को कभी जानकारी, तो कभी लापरवाही के चलते नजरअंदाज कर देते हैं और जब इस समस्या का पता चलता है तो 65 से 70 फीसदी किडनी डैमेज हो चुकी होती है। किडनी में खराबी से होने वाले कुछ मुख्य रोग इस प्रकार है;

  • पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज यानी किडनी का फेल होना। इसमें किडनी में गांठ बनने लगती है, और धीरे-धीरे किडनी काम करना बंद कर देती है। यह समस्या ज्यादा मात्रा में अल्कोहल और सिगरेट के सेवन से हो सकती है। जिन लोगों को डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उनकी किडनी फेल होने की आशंका ज्यादा होती है।

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के लक्षण

  • सिर दर्द
  • पेशाब के साथ ब्लड आना
  • हाथ, पैर और आंखों पर सूजन
  • सांस फूलना और भूख ना लगना
  • पाचन संबंधी गड़बड़ी
  • खून की कमी से त्वचा की रंगत का पीला पड़ना
  • कमजोरी और थकान होना

रोग से बचाव

  1. इसके लिए डॉक्टर आरआरटी यानी रिनल रिप्लेसमेंट थेरेपी देते हैं।
  2. किडनी के एक बार खराब हो जाने पर डॉक्टर ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं।
  3. ट्रांसप्लांट नहीं हो पाने की अवस्था में डायलिसिस किया जाता है।
  4. अगर मरीज स्टेज 4 पर पहुंच गया है, लेकिन खानपान और दिनचर्या का खास ख्याल रख रहा है और समय पर डायलिसिस करवा रहा है, तो सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है।
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन

हमारे शरीर का यूरिनरी सिस्टम किडनी, यूरेटर, ब्लैडर और यूरेथ्रा से मिलकर बनता है। यदि इन चारों में से किसी एक में भी संक्रमण यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन कहलाता है।

इंफेक्शन के लक्षण

  • बार-बार पेशाब का आना
  • सुस्ती और शरीर में कंपन या बुखार होना
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द
  • पेशाब की रंगत में बदलाव
  • पेशाब करते समय दर्द होना

इंफेक्शन से बचाव

  1. व्यक्ति को अपनी सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए
  2. सार्वजनिक टॉयलेट का उपयोग करने से बचें
  3. इंफेक्शन होने पर सेक्स से दूर रहें

इन रोगों के साथ बताए गए लक्षणों के अतिरिक्त भी कुछ अन्य लक्षण किडनी में समस्या होने पर नजर आते हैं;

  • पैरों और आंखों के नीचे सूजन
  • किसी काम को करने या फिर चलने पर जल्दी थकान और सांस फूलना
  • भूख ना लगना
  • हाजमा खराब होना
  • खून की कमी
  • उल्टी आना
  • शरीर में सूजन
  • पीठ में दर्द
  • त्वचा खुरदरी होना

पढ़े : आयुर्वेद से पाएं पथरी रोग में राहत

किडनी की बीमारी से बचाव

जीवन शैली में बदलाव और स्वस्थ खानपान, नियमित रूप से कसरत और वजन पर नियंत्रण रख कर भी किडनी से संबंधित रोगों से काफी हद तक बचा जा सकता है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए कुछ साधारण उपायों की मदद ली जा सकती है।

  1. प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीयें।
  2. खाने में सोडियम यानी नमक का सेवन नियंत्रण में रखें।
  3. पैकेज्ड, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के साथ बाहर के खाने से भी परहेज करना चाहिए।
  4. स्वस्थ भोजन करें और अपना वजन नियंत्रित रखें।
  5. आहार से सैचुरेटेड फैट को खत्म करें और रोजाना बहुत सारे फल और सब्जियां खाने पर जोर दें।
  6. ब्लड शुगर के स्तर पर नियमित जांच रखना उचित है।
  7. रक्तचाप की निगरानी करें-अगर आपको डायबिटीज, हाइपरटेंशन या मोटापा है, या अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक है तो किडनी टेस्ट करवाएं और यूरिन की जांच करवाएं।
Last Updated : Mar 11, 2021, 12:28 PM IST
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