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Iodine Deficiency Prevention Day : गर्भपात व बच्चों के दिमागी विकास में कमी का कारण बन सकती है आयोडीन की कमी - hypothyroidism

World Iodine Deficiency Disorders Prevention Day : आहार में जरूरी मात्रा में आयोडीन के सेवन के फायदों तथा उसकी कमी के कारण होने वाली समस्याओं व विकारों के बारें में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 21 अक्टूबर को दुनिया भर में विश्व आयोडीन अल्पता दिवस/वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस मनाया जाता है. 21 October . Iodine Deficiency Prevention Day 21 October 2023 . Iodine rich diet

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वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस ; आयोडीन दिवस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 21, 2023, 10:55 AM IST

Iodine Deficiency Prevention Day : क्या आप जानते हैं कि शरीर में आयोडीन की कमी थायरॉइड फ़ंक्शन व मेटाबोलिज़्म में समस्या के साथ कई रोगों व विकारों का कारण बन सकती है! यहीं नहीं यह बच्चों में मानसिक विकलांगता या गर्भवती महिलाओं में गर्भपात या बच्चे के मृत जन्म का कारण भी बन सकती है. Iodine आहार से मिलने वाले महत्वपूर्ण खनिजों में से है जिसकी कमी शरीर में कई विकारों व समस्याओं का कारण बन सकती है. हालांकि भारत सहित दुनिया भर में Iodine Deficiency के कारण होने वाली समस्याओं को लेकर जागरूकता फैलाने तथा लोगों को जरूरी मात्रा में आयोडीन युक्त आहार के सेवन के लिए प्रेरित करने के लिए कई अभियान चलाए जाते रहे हैं, लेकिन अभी भी वैश्विक स्तर इस दिशा में ज्यादा जागरूकता फैलाने के लिए लगातार प्रयासों की जरूरत है.

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घेंघा - कांसेप्ट इमेज

हर साल 21 अक्टूबर को मनाए जाने वाला वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस या विश्व आयोडीन अल्पता दिवस एक ऐसा ही प्रयास जब कई देशों की विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाएं विभिन्न आयोजनों के माध्यम से Iodine Deficiency के कारण होने वाली समस्याओं को लेकर जागरूकता फैलाने तथा स्वस्थ शरीर के लिए आयोडीन युक्त पोषण को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करती हैं. World Iodine Deficiency Disorders Prevention Day .

क्या है और क्यों जरूरी आयोडीन
आयोडीन एक डायटरी खनिज है जो थायरॉयड ग्रंथि में बनने वाले हार्मोन के निर्माण तथा ग्रंथि के कार्यों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. थायरॉयड ग्रंथि दरअसल हमारे शरीर में तापमान, भूख, विकास तथा और ऊर्जा के स्तर को नियंत्रित रखने सहित कई अन्य क्रियाओं को संचालित व नियंत्रित करने के लिए जरूरी हार्मोन का निर्माण करती है. इनमें थायरॉयड हार्मोन थायरोक्सिन (टी4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (टी3) का निर्माण आहार के जरिए प्राप्त होने वाले Iodine से होता है. ऐसे में जब शरीर को जरूरी मात्रा में आयोडीन प्राप्त नहीं होता है तो थायरॉयड हार्मोन का निर्माण तथा उनके कार्य बाधित होने लगते हैं . जिसके चलते पीड़ित में कई स्वास्थ्य संबंधी या शरीर के विकास संबंधी विकार या समस्याओं के होने का खतरा बढ़ जाता है.

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कांसेप्ट इमेज

विशेषतौर पर प्रारंभिक बचपन के दौरान Iodine Deficiency बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास को बाधित कर सकती हैं और उनमें सीखने की क्षमता में कमी या मानसिक मंदता जैसी समस्याओं के विकसित होने का कारण बन सकती हैं. वहीं आयोडीन की कमी गर्भवती माताओं में भी गंभीर प्रभाव दिखा सकती है और कई बार मृत बच्चे का जन्म या गर्भपात का कारण भी बन सकती है. इनके अलावा आयोडीन की कमी घेंघा रोग, हाइपोथायरायडिज्म ( goiter, hypothyroidism ) या वजन बढ़ने सहित कई अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है.

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नमक

क्या कहते हैं आँकड़े
WHO के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में लगभग 200 करोड़ लोग जरूरी मात्रा में आयोडीन का सेवन नहीं कर पाते हैं. जिसके चलते आयोडीन की कमी 130 देशों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्याओं और विकारों का कारण बनती हैं. आंकड़ों की माने तो विश्व की लगभग एक-तिहाई आबादी यानी लगभग 33% लोग आयोडीन अल्पता विकार (आईडीडी) के जोखिम से ग्रस्त है. वहीं भारत में लगभग 6.1 करोड़ से ज्यादा लोग Iodine Deficiency के कारण होने वाले स्थानिक घेंघा रोग से तथा लगभग 88 लाख लोग मानसिक/शारीरिक विकलांगता से पीड़ित हैं.

उद्देश्य तथा इतिहास
World Iodine Deficiency Disorders Prevention Day के मुख्य उद्देश्यों की बात करें तो समग्र स्वास्थ्य के लिए आयोडीन के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करना, आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों को लेकर जागरूकता फैलाना तथा उनके निवारण के लिए प्रयासों को बढ़ावा देना और पीड़ितों के समग्र कल्याण के लिए प्रयास करना आदि इसके मुख्य उद्देश्यों में से शामिल हैं.

इनके अलावा बेहतर पोषण के लिए सार्वभौमिक नमक आयोडीकरण यानी आयोडीन युक्त नमक के इस्तेमाल को बढ़ावा देना, आयोडीन की कमी के कारण होने वाली संज्ञानात्मक और विकासात्मक समस्याओं को रोकने के लिए प्रयास करना तथा Iodine rich diet और अनुपूरण का समर्थन करने वाली नीतियों की वकालत करना भी विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस के आयोजन के उद्देश्यों में शामिल हैं. गौरतलब है कि इस दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन- WHO और संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष- UNICEF सहित कई स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन आयोडीन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम, अभियान, शैक्षिक कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करते हैं.

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घेंघा - कांसेप्ट इमेज

ये भी पढ़ें-

विशेषज्ञों से जानिए स्वस्थ जीवनशैली का सबसे अच्छा नुस्खा

गौरतलब है कि सबसे पहले वर्ष 1990 में बच्चों के विश्व शिखर सम्मेलन में कई संगठन आयोडीन के महत्व को मानने और आयोडीन की कमी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए प्रयासों को लेकर चर्चा करने के लिए एक साथ मंच पर आए थे. जिसके बाद आईसीसीआईडीडी द्वारा दुनिया भर में Iodine Deficiency से होने वाले विकारों से निपटने के लिए तथा इस विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए 21 अक्टूबर 1992 को विशेष जागरूकता दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरुआत की गई थी. World Iodine Deficiency Disorders Prevention Day 21 October 2023 .

Iodine Deficiency Prevention Day : क्या आप जानते हैं कि शरीर में आयोडीन की कमी थायरॉइड फ़ंक्शन व मेटाबोलिज़्म में समस्या के साथ कई रोगों व विकारों का कारण बन सकती है! यहीं नहीं यह बच्चों में मानसिक विकलांगता या गर्भवती महिलाओं में गर्भपात या बच्चे के मृत जन्म का कारण भी बन सकती है. Iodine आहार से मिलने वाले महत्वपूर्ण खनिजों में से है जिसकी कमी शरीर में कई विकारों व समस्याओं का कारण बन सकती है. हालांकि भारत सहित दुनिया भर में Iodine Deficiency के कारण होने वाली समस्याओं को लेकर जागरूकता फैलाने तथा लोगों को जरूरी मात्रा में आयोडीन युक्त आहार के सेवन के लिए प्रेरित करने के लिए कई अभियान चलाए जाते रहे हैं, लेकिन अभी भी वैश्विक स्तर इस दिशा में ज्यादा जागरूकता फैलाने के लिए लगातार प्रयासों की जरूरत है.

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हर साल 21 अक्टूबर को मनाए जाने वाला वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस या विश्व आयोडीन अल्पता दिवस एक ऐसा ही प्रयास जब कई देशों की विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाएं विभिन्न आयोजनों के माध्यम से Iodine Deficiency के कारण होने वाली समस्याओं को लेकर जागरूकता फैलाने तथा स्वस्थ शरीर के लिए आयोडीन युक्त पोषण को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करती हैं. World Iodine Deficiency Disorders Prevention Day .

क्या है और क्यों जरूरी आयोडीन
आयोडीन एक डायटरी खनिज है जो थायरॉयड ग्रंथि में बनने वाले हार्मोन के निर्माण तथा ग्रंथि के कार्यों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. थायरॉयड ग्रंथि दरअसल हमारे शरीर में तापमान, भूख, विकास तथा और ऊर्जा के स्तर को नियंत्रित रखने सहित कई अन्य क्रियाओं को संचालित व नियंत्रित करने के लिए जरूरी हार्मोन का निर्माण करती है. इनमें थायरॉयड हार्मोन थायरोक्सिन (टी4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (टी3) का निर्माण आहार के जरिए प्राप्त होने वाले Iodine से होता है. ऐसे में जब शरीर को जरूरी मात्रा में आयोडीन प्राप्त नहीं होता है तो थायरॉयड हार्मोन का निर्माण तथा उनके कार्य बाधित होने लगते हैं . जिसके चलते पीड़ित में कई स्वास्थ्य संबंधी या शरीर के विकास संबंधी विकार या समस्याओं के होने का खतरा बढ़ जाता है.

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विशेषतौर पर प्रारंभिक बचपन के दौरान Iodine Deficiency बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास को बाधित कर सकती हैं और उनमें सीखने की क्षमता में कमी या मानसिक मंदता जैसी समस्याओं के विकसित होने का कारण बन सकती हैं. वहीं आयोडीन की कमी गर्भवती माताओं में भी गंभीर प्रभाव दिखा सकती है और कई बार मृत बच्चे का जन्म या गर्भपात का कारण भी बन सकती है. इनके अलावा आयोडीन की कमी घेंघा रोग, हाइपोथायरायडिज्म ( goiter, hypothyroidism ) या वजन बढ़ने सहित कई अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है.

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नमक

क्या कहते हैं आँकड़े
WHO के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में लगभग 200 करोड़ लोग जरूरी मात्रा में आयोडीन का सेवन नहीं कर पाते हैं. जिसके चलते आयोडीन की कमी 130 देशों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्याओं और विकारों का कारण बनती हैं. आंकड़ों की माने तो विश्व की लगभग एक-तिहाई आबादी यानी लगभग 33% लोग आयोडीन अल्पता विकार (आईडीडी) के जोखिम से ग्रस्त है. वहीं भारत में लगभग 6.1 करोड़ से ज्यादा लोग Iodine Deficiency के कारण होने वाले स्थानिक घेंघा रोग से तथा लगभग 88 लाख लोग मानसिक/शारीरिक विकलांगता से पीड़ित हैं.

उद्देश्य तथा इतिहास
World Iodine Deficiency Disorders Prevention Day के मुख्य उद्देश्यों की बात करें तो समग्र स्वास्थ्य के लिए आयोडीन के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करना, आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों को लेकर जागरूकता फैलाना तथा उनके निवारण के लिए प्रयासों को बढ़ावा देना और पीड़ितों के समग्र कल्याण के लिए प्रयास करना आदि इसके मुख्य उद्देश्यों में से शामिल हैं.

इनके अलावा बेहतर पोषण के लिए सार्वभौमिक नमक आयोडीकरण यानी आयोडीन युक्त नमक के इस्तेमाल को बढ़ावा देना, आयोडीन की कमी के कारण होने वाली संज्ञानात्मक और विकासात्मक समस्याओं को रोकने के लिए प्रयास करना तथा Iodine rich diet और अनुपूरण का समर्थन करने वाली नीतियों की वकालत करना भी विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस के आयोजन के उद्देश्यों में शामिल हैं. गौरतलब है कि इस दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन- WHO और संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष- UNICEF सहित कई स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन आयोडीन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम, अभियान, शैक्षिक कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करते हैं.

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विशेषज्ञों से जानिए स्वस्थ जीवनशैली का सबसे अच्छा नुस्खा

गौरतलब है कि सबसे पहले वर्ष 1990 में बच्चों के विश्व शिखर सम्मेलन में कई संगठन आयोडीन के महत्व को मानने और आयोडीन की कमी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए प्रयासों को लेकर चर्चा करने के लिए एक साथ मंच पर आए थे. जिसके बाद आईसीसीआईडीडी द्वारा दुनिया भर में Iodine Deficiency से होने वाले विकारों से निपटने के लिए तथा इस विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए 21 अक्टूबर 1992 को विशेष जागरूकता दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरुआत की गई थी. World Iodine Deficiency Disorders Prevention Day 21 October 2023 .

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