नई दिल्ली: कोरोना वायरस से बचने का अब एकमात्र सहारा एहतियात है. लेकिन आम लोगों को कोरोना से बचना तो कई हद तक आ गया है. लेकिन दिल्ली के अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है.
दरअसल, पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल में काम करने वाला एक कर्मचारी कोरोना से संक्रमित था. वही हैरानी की बात यह है कि अस्पताल प्रशासन ने पूरी बात को दबा के रखा. घटना के बारे में मंगलवार रात को पता चला. जब कर्मचारी की रिपोर्ट आई. रिपोर्ट के बाद फौरन मामले की सूचना एसडीएम को दी गई और आनन-फानन में पीड़ित को नजदीकी हॉस्पिटल में भेजा गया.
परिवार का हॉस्पिटल प्रशासन पर आरोप
मामले में पीड़ित के परिवार ने हॉस्पिटल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिवार के मुताबिक 51 वर्षीय पीड़ित परिवार के साथ मादीपुर में रहता है. पीड़ित महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल में वार्ड बॉय का काम करता है. पीड़ित जिस मकान में रहता है, वह चार मंजिला बना हुआ है. उक्त मकान में 4 बच्चों समेत 15 लोग रहते हैं.
रिपोर्ट से कोरोना का हुआ खुलासा
पीड़ित के परिवार ने बताया कि मंगलवार शाम पीड़ित की रिपोर्ट आने के बाद परिवार को बताया गया. परिवार के अनुसार कुछ समय पहले अस्पताल में एक कोरोना मरीज की मौत हो गई थी.
सूत्रों की मानें तो कोरोना मरीज के शव को रखते समय पीड़ित उसकी चपेट में आ गया. जिससे वह भी कोरोना से संक्रमित हो गया था. पीड़ित के परिवार की मानें तो परिवार के अन्य सदस्यों का अभी कोई टेस्ट नहीं हुआ हैं. वहीं 15 लोगों के परिवार को होम क्वारेंटाइन के में रखा गया हैं और पूरी गली को सील कर दिया गया है.
83 लोगों की हुई थी चेकिंग
वहीं सूत्रों की माने तो महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल के 83 स्टाफ की जब चेकिंग की गई तो उनमें से 6 कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इनको आइसोलेशन के लिए अलग-अलग जगहों पर भेज दिया गया हैं. और बचे हुए 77 लोगों को क्वॉरेंटाइन के लिए भेज दिया गया हैं. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.