नई दिल्ली: सदर बाजार सीलिंग के विरोध में फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा, अध्यक्ष राकेश यादव, कार्यवाहक अध्यक्ष चौधरी योगेंद्र सिंह, महासचिव कमल कुमार साथ पीड़ित व्यापारियों ने उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने सदर बाजार में किसी भी तरह की सीलिंग रोकने और पहले से सील की गई दुकानों को तत्काल डी-सील करने की मांग की है. इसके बाद पूर्व मेयर जयप्रकाश के साथ एक प्रतिनिधि मंडल दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर श्री ज्ञानेश भारती जी से मिला और पीड़ित दुकानदारों का पक्ष रखा. उन्होंने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि व्यापारियों के हर पहलू को देखा जाएगा. जय प्रकाश ने कहा कि व्यापारियों के हित के लिए वह हर लड़ाई लड़ेंगे और व्यापारियों को इंसाफ दिला कर रहेंगे. सदर बाजार के लोग मेरे परिवार की तरह हैं, उनके हक की लड़ाई लड़ना मेरा कर्तव्य है. इस मुश्किल की घड़ी में इनको अकेला नहीं छोड़ सकता.
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पूर्व मेयर जयप्रकाश ने बताया अत्यंत सम्मान के साथ आपका ध्यान आकर्षित करना है कि दिल्ली नगर निगम ने 12 जनवरी 2023 को जटवारा, सदर बाजार में स्थित 17 इमारतों में 25 दुकानों को सील कर दिया है, जो एशिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े थोक बाजार में से एक है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में हम यह बताना चाहते हैं कि सदर बाजार एक प्राचीन बाजार है. मुगलों और अंग्रेजों के समय से अस्तित्व में है और इसलिए यह आवासीय क्षेत्र नहीं है. परमजीत सिंह पम्मा व राकेश यादव ने बताया कि यहां अधिकांश दुकानें यहाँ पंजीकृत हैं और स्वतंत्रता-पूर्व काल से व्यापार कर रही हैं. मास्टर प्लान 2021 के एक खंड के अनुसार 70 फीसदी से अधिक गतिविधि वाले किसी भी क्षेत्र को व्यावसायिक क्षेत्र माना जाएगा.
बता दें कि एमसीडी के तत्कालीन उपायुक्त द्वारा डीडीए को प्रस्तुत एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार सदर बाजार क्षेत्र का 95% से अधिक व्यवसायीकरण किया गया है, इसलिए इसे आवासीय क्षेत्र नहीं माना जा सकता. 2004 में भी जब पूरी दिल्ली में बड़े पैमाने पर सीलिंग हुई थी, सदर बाजार इलाके में एक भी प्रतिष्ठान सील नहीं किया गया था. चूंकि पुरानी दिल्ली के बाजार विशेष क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, इसलिए उन्हें किसी भी प्रकार के रूपांतरण शुल्क का भुगतान करने से छूट है.
व्यापारियों का कहना है कि कि सीलिंग अभियान बिना किसी पूर्व सूचना के चलाया गया था यहां अधिकांश दुकानें खाली थीं. लेकिन कुछ पीड़ितों की शिकायत है कि उन्हें अपने कंप्यूटर/मोबाइल हटाने का समय भी नहीं दिया गया. दुकान के मजदूर जो ऊपरी मंजिलों का उपयोग आवासीय उद्देश्य के लिए कर रहे थे, उन्हें अपना निजी सामान जैसे कपड़े तक नहीं उतारने दिया गया. इस भीषण ठंड के मौसम में अपने मजदूरों को रहने की वैकल्पिक व्यवस्था करने को विवश दुकानदारों के लिए एक नई समस्या खड़ी कर दी है.
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