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टैगोर गार्डन में छह महीने में ही खस्ताहाल टॉयलेट, MCD पर उठ रहे सवाल

राजा गार्डन वार्ड में एमसीडी की तरफ से दो साल पहले एनवायरमेंट फ्रेंडली टॉयलेट बनवाया गया था, लेकिन 6 महीने बाद ही टॉयलेट की हालत खस्ताहाल हो गई. इसे ठीक कराने की बजाय, टॉयलेट को ही, वहां से हटा दिया गया है. इसे लेकर लोग एमसीडी पर सवाल उठा रहे हैं.

खस्ताहाल टॉयलेट
खस्ताहाल टॉयलेट
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Published : Jul 29, 2021, 12:35 AM IST

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एमसीडी की तरफ से टॉयलेट बनाए गए थे. साउथ एमसीडी वेस्ट जोन की तरफ से राजा गार्डन वार्ड इलाके के टैगोर गार्डन में भी environment-friendly टॉयलेट बनाया गया था. यह टॉयलेट लेडीज और जेंट्स दोनों के लिए बनाया गया था. हैरानी की बात यह है कि इस टॉयलेट की हालत महज छह महीने में ही खराब हो गई.

टॉयलेट पूरी तरह से टूट फूट गया है. हैरानी की बात यह है कि टॉयलेट को फिर से ठीक कराने की बजाय, इसे हटा दिया गया है. इसे लेकर स्थानीय लोग एजेंसी पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सफाई अभियान को लेकर एमसीडी ने, इसे बनवाया था. इसका, तो उद्देश्य ही खत्म हो गया है. इसके साथ ही पैसे की बर्बादी भी हुई है.

खस्ताहाल टॉयलेट
वर्ष 2019 में साउथ एमसीडी वेस्ट जोन के द्वारा उत्साह के साथ इस environment-friendly टॉयलेट को बनाकर, लोगों के सामने अच्छी छवि पेश करने की कोशिश की गई थी, लेकिन इस टॉयलेट के खत्म होने के साथ ही एमसीडी की, छवि भी दागदार होती दिख रही है. इतना तय है कि दूसरी पार्टियां, इस मसले को आने वाले एमसीडी चुनाव में निश्चित तौर पर जोर-शोर से उठाएगी.

ये भी पढ़ेंःखबर का असरः टैगोर गार्डन फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्केट फिर से प्लास्टिक मुक्त

ये भी पढ़ेंःमानसून की बारिश के लिए तैयार नहीं टैगोर गार्डन

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एमसीडी की तरफ से टॉयलेट बनाए गए थे. साउथ एमसीडी वेस्ट जोन की तरफ से राजा गार्डन वार्ड इलाके के टैगोर गार्डन में भी environment-friendly टॉयलेट बनाया गया था. यह टॉयलेट लेडीज और जेंट्स दोनों के लिए बनाया गया था. हैरानी की बात यह है कि इस टॉयलेट की हालत महज छह महीने में ही खराब हो गई.

टॉयलेट पूरी तरह से टूट फूट गया है. हैरानी की बात यह है कि टॉयलेट को फिर से ठीक कराने की बजाय, इसे हटा दिया गया है. इसे लेकर स्थानीय लोग एजेंसी पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सफाई अभियान को लेकर एमसीडी ने, इसे बनवाया था. इसका, तो उद्देश्य ही खत्म हो गया है. इसके साथ ही पैसे की बर्बादी भी हुई है.

खस्ताहाल टॉयलेट
वर्ष 2019 में साउथ एमसीडी वेस्ट जोन के द्वारा उत्साह के साथ इस environment-friendly टॉयलेट को बनाकर, लोगों के सामने अच्छी छवि पेश करने की कोशिश की गई थी, लेकिन इस टॉयलेट के खत्म होने के साथ ही एमसीडी की, छवि भी दागदार होती दिख रही है. इतना तय है कि दूसरी पार्टियां, इस मसले को आने वाले एमसीडी चुनाव में निश्चित तौर पर जोर-शोर से उठाएगी.

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