नई दिल्ली: द्वारका के फुटपाथ पर चलते चलते राहगीर कब दुर्घटना का शिकार हो जाएं, कहना मुश्किल है. देखभाल और मरम्मत के अभाव में द्वारका के ज्यादातर फुटपाथ की हालत बत्तर हो गई है. कहीं फुटपाथ के ढक्कन खुले हुए हैं, तो कहीं स्लैब टूटे पड़े है. द्वारका की ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान ईटीवी भारत की टीम को पता चला कि लोगों द्वारा कई बार शिकायत करने के बावजूद भी डीडीए ऐसी लापरवाही दिखा रही है. मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने द्वारका सेक्टर-12 के लोगों से बातचीत की.
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
डॉ बीबी विश्वास ने बताया कि ड्रेन का स्लैब पिछले 4 महीने से टूटा पड़ा है. जिसके लिए हमने कई बार डीडीए को लेटर भी लिखा और स्थानीय काउंसलर को भी बुलाकर दिखाया. लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इतनी शिकायतों के बाद भी न डीडीए का और न ही एमसीडी का कोई ऑफिसर आया है. सरकार हमसे टैक्स तो पूरा लेती है लेकिन हमें सुविधा नहीं दे पाती है. इसके खुले रहने से कोई भी किसी भी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो सकता है. किसी की भी जान जा सकती है. लेकिन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
'डीडीए और एमसीडी होगा जिम्मेदार'
वही त्रिमूर्ति अपार्टमेंट के प्रेसिडेंट लक्ष्मीनारायण ने बताया कि इस टूटे हुए ड्रेन के वारे में डीडीए और यहां की पार्षद निकिता को भी इसकी सूचना दे दी गई थी. लेकिन अभी किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है. इस ड्रेन की हालत काफी जर्जर है इसलिए इस ड्रेन को रिपेयर करना पड़ेगा नहीं तो किसी के साथ कोई दुर्घटना हो सकती है और उसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ डीडीए और एमसीडी प्रशासन ही होगा.