नई दिल्ली: दिल्ली में शिक्षकों पर छात्र और अभिभावक द्वारा हुए हमले को लेकर शिक्षक संघ बेहद नाराज है. लोकतांत्रिक अध्यापक मंच इस मसले को लेकर उल्टा दिल्ली सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर रहा है. मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि माहौल बिल्कुल ऐसा हो गया है कि शिक्षक पूरी तरह से डरा हुआ है और डरे हुए माहौल में वह बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे सकता. शिक्षकों के जान के लाले पड़े हैं.
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लोकतांत्रिक अध्यापक मंच के अध्यक्ष कृष्ण कुमार फोगाट इस घटना की निंदा करते हुए कहते हैं कि यहां दिल्ली सरकार न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपने की बात करती है, लेकिन शिक्षक की चिंता कोई नहीं कर रहा. जब तक शिक्षक सुरक्षित नहीं होंगे आप दुनिया को क्या दिखाओगे, शिक्षा का मॉडल इतना बड़ा बना दिया लेकिन इस मसले पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
कृष्ण कुमार फोगाट का कहना है कि आज शिक्षा का पूरी तरह से राजनीतिकरण कर दिया गया है और यह उसी का परिणाम है. आज यहां नए-नए तरह के बस प्रयोग हो रहे हैं और जबरन टीचर्स के ऊपर थोपे जा रहे हैं उसे भी हटाए जाने की जरूरत है. साथ ही स्कूल के शिक्षकों पर एस एम सी (school management committee) और एनजीओ (non-governmental organization) का काफी दबाव है. उसे भी खत्म करने की जरूरत है तभी शिक्षक खुलकर बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पाएंगे.
उनका कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग जरूर बनी है, लेकिन शिक्षा का स्तर धरातल में पहुंच चुका है. उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द सरकार को टीचर सेफ्टी एक्ट लाने के साथ-साथ टीचर्स की भर्ती भी करें और जो काफी सारे फालतू के प्रोग्राम चला रखे हैं. उसे अविलंब बंद करना चाहिए तभी शिक्षा के स्तर को सुधारा जा सकता है.
पिछले दो महीने में दिल्ली के अलग-अलग इलाके में शिक्षकों पर हमले की 5 घटनाएं हुई. जबकि एक घटना में छात्र ने स्कूल के गार्ड पर हमला किया, जबकि एक स्कूल टीचर ने स्कूल के गार्ड की पिटाई की.
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