नई दिल्लीः दिल्ली के सिनेमाघरों में हर सप्ताह नई फिल्में रिलीज होती हैं, जिसे देखने दर्शक सिनेमाघरों तक पहुंचते हैं. सामान्यतः दिल्ली में हिंदी और अंग्रेजी भाषा की फिल्मों को देखने दर्शक सिनेमाघरों में जाते हैं, लेकिन दिल्ली के जनकपुरी स्थित सिनेपोलिस थियेटर में इस सप्ताह रिलीज हुई फिल्म 'वरदान' जो कि एक सामाजिक और पारिवारिक फिल्म है. उसे देखने के लिए सिंधी समाज के लोगों में खासा उत्साह है, क्योंकि ना केवल इस फिल्म के कलाकार और निर्माता-निर्देशक इस समाज से आते हैं, बल्कि ये फिल्म ही सिंधी भाषा मे बनी है. पहली बार सिंधी भाषा की फिल्म दिल्ली के सिनेमाघर में प्रदर्शित की जा रही है, जिसे देखने भारी संख्या में सिंधी दर्शक जनकपुरी के सिनेपोलिस थियेटर पहुंचे.
इस फिल्म को देखने ना केवल जनकपुरी बल्कि दिल्ली के कोने-कोने से सिंधी समाज के दर्शक थियेटर तक पहुंचे, जहां उन्होंने ना केवल फिल्म का आनंद उठाया, बल्कि अपनी भाषा, अपने समाज के कलाकारों को बड़े पर्दे पर देखकर गर्व का भी अनुभव किया. इस दौरान फिल्म की मुख्य अभिनेत्री-अभिनेता समेत अन्य कलाकार और निर्माता-निर्देशक भी मौजूद रहे, जो फिल्म को प्रमोट करने के साथ अपने समाज के लोगों के साथ उनके लिए गौरवपूर्ण पलों के साक्षी बने.
![फिल्म देखने के लिए जुटे सिंधी समाज के लोग](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/del-swd-01-vis-vardansindhifilm-dlc10001_17032023190935_1703f_1679060375_770.jpg)
फिल्म को देखने पहुंचे रूप कुमार गिरधारी ने कहा कि उनके समाज के नौजवान नेतृत्वकर्ता ललित बिजलानी और हरीश खिलवानी समेत उनके सहयोगियों ने इस फिल्म को दिल्ली के थियेटर में प्रदर्शित करावने के लिए अथक और अतुलनीय प्रयास किए हैं. दर्शकों ने भी इस फिल्म को देखने के लिए काफी उत्साह जाहिर किया, जिसके परिणामस्वरूप थियेटर हाउसफुल चल रही है. वहीं, इस मौके पर फिल्म की अभिनेत्री सुमन चेलानी और निर्देशक नरेश उड़ानी ने भी सिंधी फिल्म के दिल्ली के सिनेमाघर में प्रदर्शित किए जाने पर प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि आज सिंधी भाषा और उनके संस्कृति को बढ़ाए जाने की जरूरत है और ऐसे में उनकी फिल्म का दिल्ली के सिनेमाघर में प्रदर्शन अभूतपूर्व है.
उन्होंने कहा कि ये एक सामाजिक और पारिवारिक सिनेमा है, जो एक साल से ज्यादा की मेहनत के बाद आज बड़े पर्दे पर प्रदर्शित हुई. उन्हें उम्मीद है कि दर्शकों का प्यार उन्हें मिलेगा और आगे भी उनकी भाषा की फिल्में दिल्ली में प्रदर्शित की जाएंगी. बता दें कि 'वरदान' सिंधी भाषा में बनी एक पारिवारिक और सामाजिक फिल्म है, जो महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है. इसमें समाज के लिए एक संदेश भी देने की कोशिश की गई है.
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