नई दिल्ली: जहांगीरपुरी हिंसा के बाद से ही पुलिस अमन-चैन और धार्मिक सौहार्द बनाने की लगातार कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में मायापुरी पुलिस ने एक पहल की, जिसमें मायापुरी थाना के SHO और अमन कमेटी के लोगों ने एक साथ रोजा इफ्तार किया.
कुछ दिन पहले अमन और शांति के लिए एक मीटिंग हुई थी. मीटिंग के बाद रमजान के पाक महीने में मस्जिद में जब रोजा इफ्तार रखा गया तो उसमें मायापुरी थाने के SHO समेत कई पुलिसवाले भी शामिल हुए और समाज को एक संदेश देने की कोशिश की. रोजा इफ्तार पार्टी का ऐसा आयोजन समाज के सौहार्द्र को बनाने का संदेश है. इस दौरान एसएचओ ने लोगों को बताया कि "मोबाइल धार्मिक उन्माद बढ़ाने में कैसे और कितना नकारात्मक रोल अदा कर रहा है. इसलिए इसका इस्तेमाल संभलकर करें साथ ही सोशल मीडिया के मैसेज पर आंख मूंदकर भरोसा मत करें."
दरअसल इस तरह के आयोजन से लोगों में एक सद्भावना का संदेश जाता है और कहीं न कहीं इसी वजह से दिल्ली पुलिस ने इस रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल होकर सामाजिक एकता का संदेश देने की कोशिश की. इस इफ्तार में हिंदू समाज के लोग भी शामिल थे क्योंकि थाने में जो अमन कमेटी बनाई गई थी. उसमें हर धर्म के लोगों को शामिल किया जाता है. इस रोजा इफ्तार पार्टी में उन लोगों ने भी हिस्सा लिया. इससे कहीं न कहीं साफ है दिल्ली में लोग किसी भी तरह आपसी भाईचारे को खत्म नहीं करना चाहते.
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