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सावन मास की शिवरात्रि: सात मंजिला मंदिर में पारद शिवलिंग पर जल चढ़ा रहे कांवड़िये - Shivratri of Sawan month

सावन मास की शिवरात्रि 15 जुलाई को मनाई जा रही है. कांवरिये तिलक नगर के सात मंजिला मंदिर में आज पारद के शिवलिंग पर जल चढ़ा रहे हैं. आज ऐसा करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है.

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Published : Jul 15, 2023, 1:14 PM IST

सावन मास की शिवरात्रि

नई दिल्ली: सावन मास में शिवरात्रि का विशेष महत्व है. इस महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. 15 जुलाई को देशभर में शिव रात्रि मनाई जा रही है. इस दिन विशेष तौर पर भगवान भोलेनाथ पर गंगा जल चढ़ाया जाता है. सावन मास की शुरुआत से कांवड़ यात्रा का शुभारंभ हो जाता है और सावन शिवरात्रि के दिन कांवड़िये लंबी यात्रा कर भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं.

तिलक नगर के सात मंजिला मंदिर में स्थित पारद शिव लिंग पर आज शिव भक्तों ने जल अर्पण किया. सनातन धर्म में मान्यता है कि इस विशेष दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से साधक के जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. पंचांग के अनुसार, इस विशेष दिन पर तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा-पाठ करने से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है.

शिवालय के पुजारी सुनील शास्त्री ने ईटीवी भारत को बताया कि साल में दो बार शिव रात्रि का व्रत आता है. सावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि में शिवलिंग पर मुख्य रूप से गंगा जल का ही अभिषेक किया जाता है. इसके अलावा भोलेनाथ के प्रिय भोग बेलपत्र, धतूरा और नाग केसर चढ़ाने से महादेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

सावन शिवरात्रि 2023: तिथि और समय
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - 15 जुलाई 2023 - रात्रि 08:32 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त - 16 जुलाई 2023 - रात्रि 10:08 बजे
निशिता काल मुहूर्त - 16 जुलाई 2023, प्रात: 12.07 - प्रात: 12.48
शिवरात्रि पारण समय - 16 जुलाई 2023 - प्रातः 05:34 बजे से अपराह्न 03:51 बजे तक

ये भी पढ़ें: Sawan Shivratri 2023: 14 या 15 जुलाई, कब है सावन शिवरात्रि ? जानें महत्व, तिथि और शुभ मुहूर्त

सावन मास की शिवरात्रि

नई दिल्ली: सावन मास में शिवरात्रि का विशेष महत्व है. इस महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. 15 जुलाई को देशभर में शिव रात्रि मनाई जा रही है. इस दिन विशेष तौर पर भगवान भोलेनाथ पर गंगा जल चढ़ाया जाता है. सावन मास की शुरुआत से कांवड़ यात्रा का शुभारंभ हो जाता है और सावन शिवरात्रि के दिन कांवड़िये लंबी यात्रा कर भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं.

तिलक नगर के सात मंजिला मंदिर में स्थित पारद शिव लिंग पर आज शिव भक्तों ने जल अर्पण किया. सनातन धर्म में मान्यता है कि इस विशेष दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से साधक के जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. पंचांग के अनुसार, इस विशेष दिन पर तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा-पाठ करने से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है.

शिवालय के पुजारी सुनील शास्त्री ने ईटीवी भारत को बताया कि साल में दो बार शिव रात्रि का व्रत आता है. सावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि में शिवलिंग पर मुख्य रूप से गंगा जल का ही अभिषेक किया जाता है. इसके अलावा भोलेनाथ के प्रिय भोग बेलपत्र, धतूरा और नाग केसर चढ़ाने से महादेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

सावन शिवरात्रि 2023: तिथि और समय
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - 15 जुलाई 2023 - रात्रि 08:32 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त - 16 जुलाई 2023 - रात्रि 10:08 बजे
निशिता काल मुहूर्त - 16 जुलाई 2023, प्रात: 12.07 - प्रात: 12.48
शिवरात्रि पारण समय - 16 जुलाई 2023 - प्रातः 05:34 बजे से अपराह्न 03:51 बजे तक

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