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ईटीवी भारत के कैमरे से देखिए केजरीवाल सरकार की हाईटेक योजना, CCTV का LIVE फंक्शन

आम तौर पर सीसीटीवी कैमरे देखकर आप समझ जाते हैं कि यहां सीसीटीवी लगा हुआ है. लेकिन दिल्ली सरकार जो कैमरे लगवा रही है वो खास किस्म के हैं और इनका फंक्शन भी हाईटेक है.

सीसीटीवी कैमरों की रियलटी चैक
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Published : Jun 22, 2019, 5:22 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू हो चुका है, ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली सरकार पूरी दिल्ली को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर देना चाहती है. दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की महत्वाकांक्षी योजना है, इनमें से कुछ कैमरे अभी काम करना भी शुरू कर चुके हैं. ऐसी ही एक जगह जाकर ईटीवी भारत की टीम ने खास पड़ताल की कि किस तरह से कैमरे काम कर रहे हैं.

संवाददाता निरंजन मिश्रा की रिपोर्ट

हाईटेक हैं फंक्शन

आम तौर पर सीसीटीवी कैमरे देखकर आप समझ जाते हैं कि यहां सीसीटीवी लगा हुआ है. लेकिन दिल्ली सरकार जो कैमरे लगवा रही है वो खास किस्म के हैं और इनका फंक्शन भी हाईटेक है.

ईटीवी भारत की टीम ने मोती नगर विधानसभा में जाकर सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की. मोती नगर विधानसभा में अभी तक 500 कैमरे लगाए जा चुके हैं. दो हजार और कैमरे लगाए जाने हैं. मोती नगर दिल्ली की उन विधानसभाओं में है, जहां सबसे पहले कैमरे लगने शुरू हुए थे और यही कारण है कि यहां CCTV कैमरे काम करना शुरू कर चुके हैं. इन्हीं में से एक घर पर लगे कैमरे के फंक्शन की हमने पड़ताल की.

कैमरे के साथ है-WIFI, DVR और UPS

मोती नगर के विधायक शिवचरण गोयल ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि इन कैमरों के साथ एक बॉक्स लगाया गया है, जिसमें डीवीआर है, यूपीएस है और एक वाईफाई दिया गया है.

reality check of cctv cameras in delhi ground report
शिवचरण गोयल, मोती नगर के विधायक

मोबाइल पर देखी जा सकती है सीसीटीवी कैमरे की फुटेज
इस वाईफाई के जरिए, जिसके घर के ऊपर कैमरा लगा है, उसके मोबाइल पर कैमरे की फीड आसानी से देखी जा सकेगी. शिवचरण गोयल ने ये भी बताया कि कैमरे की फीड घर वालों के साथ-साथ इलाके के SHO, स्थानीय RWA और कैमरे लगाने वाली कंपनी के पास रहेगी. उन्होंने ये भी बताया कि इसकी फीड 2 महीने तक स्टोर रहेगी. जब भी कोई घटना होती है, तो घर वाला तुरंत अपने मोबाइल पर उसे देख सकेगा, अगर पुलिस जांच करनी हो, तो एरिया का एसएचओ भी अपने मोबाइल पर इसे देख सकेगा.

संबंधित व्यक्ति को नहीं देना होगा बिजली का बिल
इसे लेकर सवाल उठते रहे हैं कि जिसके घर पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे, क्या उसे ही इसके बिल का भुगतान करना पड़ेगा? इस सवाल के जवाब में शिवचरण गोयल ने कहा कि एक कैमरे में पांच से छह यूनिट बिजली का खर्च होगा और जब घर वाले का बिजली का बिल आएगा, तो उसमें 6 यूनिट का बिल शामिल नहीं होगा.

reality check of cctv cameras in delhi ground report
सीसीटीवी कैमरों का फंक्शनिंग सिस्टम

सरकार वहन करेगी बिजली का खर्च
मोती नगर के जिस घर पर कैमरे लगे थे, उस घर वाले से भी हमने बातचीत की. उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से तो इसे महत्वपूर्ण बताया ही, इस पर खर्च होने वाली बिजली बिल के भुगतान के सवाल पर कहा कि वैसे तो यह सरकार वहन करेगी, लेकिन अगर हमें भी इसका भुगतान करना होता, तो हमें कोई परेशानी नहीं थी, क्योंकि यह हमारी सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.

कैमरे लगने से स्थानीय लोग खुश
आसपास के लोगों से भी इसे लेकर हमने बातचीत की, जिन्होंने कैमरे लगने से खुशी जाहिर की. इसे लेकर बातचीत में एक महिला का कहना था कि सुरक्षा की दृष्टि से ये काफी अच्छा होगा, क्योंकि इससे हमारी कॉलोनी सुरक्षित हो जाएगी हमारे बच्चे सुरक्षित हो जाएंगे, हम सुरक्षित हो जाएंगे, डर खत्म हो जाएगा.

reality check of cctv cameras in delhi ground report
इस तरह लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे

हमने यहां सीसीटीवी की रिकॉर्ड की जा रही फुटेज भी एक घर वाले के मोबाइल पर देखी, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता था कि कैमरा किस तरह काम कर रहा है, किस तरह वह रिकॉर्ड कर रहा है और किस तरह इसका फीड घर वाले के मोबाइल पर मिल रहा है.

कुल मिलाकर, सीसीटीवी का शुरुआती ऑपरेशन सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय लोगों को अच्छा लग रहा है. अब देखना यह है कि जब पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लग जाते हैं और उनका ऑपरेशन शुरू होता है, उसके बाद यह कितना प्रभावी हो पाता है.

नई दिल्ली: राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू हो चुका है, ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली सरकार पूरी दिल्ली को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर देना चाहती है. दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की महत्वाकांक्षी योजना है, इनमें से कुछ कैमरे अभी काम करना भी शुरू कर चुके हैं. ऐसी ही एक जगह जाकर ईटीवी भारत की टीम ने खास पड़ताल की कि किस तरह से कैमरे काम कर रहे हैं.

संवाददाता निरंजन मिश्रा की रिपोर्ट

हाईटेक हैं फंक्शन

आम तौर पर सीसीटीवी कैमरे देखकर आप समझ जाते हैं कि यहां सीसीटीवी लगा हुआ है. लेकिन दिल्ली सरकार जो कैमरे लगवा रही है वो खास किस्म के हैं और इनका फंक्शन भी हाईटेक है.

ईटीवी भारत की टीम ने मोती नगर विधानसभा में जाकर सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की. मोती नगर विधानसभा में अभी तक 500 कैमरे लगाए जा चुके हैं. दो हजार और कैमरे लगाए जाने हैं. मोती नगर दिल्ली की उन विधानसभाओं में है, जहां सबसे पहले कैमरे लगने शुरू हुए थे और यही कारण है कि यहां CCTV कैमरे काम करना शुरू कर चुके हैं. इन्हीं में से एक घर पर लगे कैमरे के फंक्शन की हमने पड़ताल की.

कैमरे के साथ है-WIFI, DVR और UPS

मोती नगर के विधायक शिवचरण गोयल ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि इन कैमरों के साथ एक बॉक्स लगाया गया है, जिसमें डीवीआर है, यूपीएस है और एक वाईफाई दिया गया है.

reality check of cctv cameras in delhi ground report
शिवचरण गोयल, मोती नगर के विधायक

मोबाइल पर देखी जा सकती है सीसीटीवी कैमरे की फुटेज
इस वाईफाई के जरिए, जिसके घर के ऊपर कैमरा लगा है, उसके मोबाइल पर कैमरे की फीड आसानी से देखी जा सकेगी. शिवचरण गोयल ने ये भी बताया कि कैमरे की फीड घर वालों के साथ-साथ इलाके के SHO, स्थानीय RWA और कैमरे लगाने वाली कंपनी के पास रहेगी. उन्होंने ये भी बताया कि इसकी फीड 2 महीने तक स्टोर रहेगी. जब भी कोई घटना होती है, तो घर वाला तुरंत अपने मोबाइल पर उसे देख सकेगा, अगर पुलिस जांच करनी हो, तो एरिया का एसएचओ भी अपने मोबाइल पर इसे देख सकेगा.

संबंधित व्यक्ति को नहीं देना होगा बिजली का बिल
इसे लेकर सवाल उठते रहे हैं कि जिसके घर पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे, क्या उसे ही इसके बिल का भुगतान करना पड़ेगा? इस सवाल के जवाब में शिवचरण गोयल ने कहा कि एक कैमरे में पांच से छह यूनिट बिजली का खर्च होगा और जब घर वाले का बिजली का बिल आएगा, तो उसमें 6 यूनिट का बिल शामिल नहीं होगा.

reality check of cctv cameras in delhi ground report
सीसीटीवी कैमरों का फंक्शनिंग सिस्टम

सरकार वहन करेगी बिजली का खर्च
मोती नगर के जिस घर पर कैमरे लगे थे, उस घर वाले से भी हमने बातचीत की. उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से तो इसे महत्वपूर्ण बताया ही, इस पर खर्च होने वाली बिजली बिल के भुगतान के सवाल पर कहा कि वैसे तो यह सरकार वहन करेगी, लेकिन अगर हमें भी इसका भुगतान करना होता, तो हमें कोई परेशानी नहीं थी, क्योंकि यह हमारी सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.

कैमरे लगने से स्थानीय लोग खुश
आसपास के लोगों से भी इसे लेकर हमने बातचीत की, जिन्होंने कैमरे लगने से खुशी जाहिर की. इसे लेकर बातचीत में एक महिला का कहना था कि सुरक्षा की दृष्टि से ये काफी अच्छा होगा, क्योंकि इससे हमारी कॉलोनी सुरक्षित हो जाएगी हमारे बच्चे सुरक्षित हो जाएंगे, हम सुरक्षित हो जाएंगे, डर खत्म हो जाएगा.

reality check of cctv cameras in delhi ground report
इस तरह लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे

हमने यहां सीसीटीवी की रिकॉर्ड की जा रही फुटेज भी एक घर वाले के मोबाइल पर देखी, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता था कि कैमरा किस तरह काम कर रहा है, किस तरह वह रिकॉर्ड कर रहा है और किस तरह इसका फीड घर वाले के मोबाइल पर मिल रहा है.

कुल मिलाकर, सीसीटीवी का शुरुआती ऑपरेशन सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय लोगों को अच्छा लग रहा है. अब देखना यह है कि जब पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लग जाते हैं और उनका ऑपरेशन शुरू होता है, उसके बाद यह कितना प्रभावी हो पाता है.

Intro:दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगने शुरू हो चुके हैं. आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार चुनाव से पहले पूरी दिल्ली को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर देना चाहती है. दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की महत्वाकांक्षी योजना थी. इनमें से कुछ कैमरे अभी काम करना भी शुरू कर चुके हैं. ऐसी ही एक जगह जाकर ईटीवी भारत ने खास पड़ताल की कि किस तरह कैमरे काम कर रहे हैं.


Body:नई दिल्ली: मोती नगर विधानसभा में अभी तक 500 कैमरे लगाए जा चुके हैं. दो हजार और कैमरे लगाए जाने हैं. मोती नगर दिल्ली की उन विधानसभाओं में है, जहां सबसे पहले कैमरे लगने शुरू हुए थे और यही कारण है कि यह अब काम करना भी शुरू कर चुके हैं. इन्हीं में से एक घर पर लगे कैमरे के फंक्शन की हमने पड़ताल की.

मोती नगर के विधायक शिवचरण गोयल ने इसे लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि इन कैमरों के साथ एक बॉक्स लगाया गया है, जिसमें डीवीआर है, यूपीएस है और एक वाईफाई दिया गया है. इस वाईफाई के जरिए, जिसके घर के ऊपर कैमरा लगा है, उसके मोबाइल पर कैमरे की फीड आसानी से देखी जा सकेगी.

शिवचरण गोयल ने यह भी बताया कि कैमरे की फीड घर वालों के साथ साथ क्षेत्र के एसएचओ, स्थानीय आरडब्लूए और कैमरे लगाने वाली कंपनी के पास रहेगी. उन्होंने यह भी बताया कि इसके फीड 2 महीने तक स्टोर रहेंगे. जब भी कोई घटना होती है, तो घर वाला तो तुरंत अपने मोबाइल पर देख ही सकेगा, अगर पुलिस जांच करनी हो, तो एरिया का एसएचओ भी अपने मोबाइल पर इसे देख सकेगा.

इसे लेकर सवाल उठते रहे हैं कि जिसके घर पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे, क्या उसे ही इसके बिल का भुगतान करना पड़ेगा? इस सवाल के जवाब में शिवचरण गोयल ने कहा कि एक कैमरे में पांच से छह यूनिट बिजली का खर्च होगा और जब घर वाले का बिजली का बिल आएगा, तो उसमें 6 यूनिट का बिल शामिल नहीं होगा.

मोती नगर के जिस घर पर कैमरे लगे थे, उस घर वाले से भी हमने बातचीत की. उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से तो इसे महत्वपूर्ण बताया ही, इस पर खर्च होने वाली बिजली बिल के भुगतान के सवाल पर कहा कि वैसे तो यह सरकार वहन करेगी, लेकिन अगर हमें भी इसका भुगतान करना होता, तो हमें कोई परेशानी नहीं थी, क्योंकि यह हमारी सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.

आसपास के लोगों से भी इसे लेकर हमने बातचीत की, जिन्होंने कैमरे लगने से खुशी जाहिर की. इसे लेकर बातचीत में एक महिला का कहना था कि सुरक्षा की दृष्टि से यह काफी अच्छा होगा, क्योंकि इससे हमारी कॉलोनी सुरक्षित हो जाएगी हमारे बच्चे सुरक्षित हो जाएंगे, हम सुरक्षित हो जाएंगे, डर खत्म हो जाएगा.

हमने यहां सीसीटीवी द्वारा रिकॉर्ड की जा रही फुटेज भी एक घर वाले के मोबाइल पर देखी, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता था कि कैमरा किस तरह काम कर रहा है, किस तरह वह रिकॉर्ड कर रहा है और किस तरह इसका फीड घर वाले के मोबाइल पर प्राप्त हो रहा है.


Conclusion:कुल मिलाकर, सीसीटीवी का शुरुआती ऑपरेशन सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय लोगों को अच्छा लग रहा है. अब देखना यह है कि जब पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लग जाते हैं और उनका ऑपरेशन शुरू होता है, उसके बाद यह कितना प्रभावी हो पाता है.

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