नई दिल्ली: राजधानी में मानसून कुछ दिनों बाद दस्तक देने वाला है. इसकी तैयारियों को लेकर पहले साउथ एमसीडी एक तरफ से नालियों की सफाई का काम शुरू हुआ. वहीं अब 50 फीट या इससे अधिक चौड़ी सड़कों पर बने नालों की सफाई का काम PWD की तरफ से भी शुरू कर दिया गया है. उम्मीद यही की जानी चाहिए कि शायद सिविक एजेंसियों की इस सक्रियता के कारण इस बार वेस्ट दिल्ली की सड़कों पर बारिश में जलभराव ना हो.
पहले एमसीडी और अब PWD नालों की सफाई में जुटी
पिछले कई सालों से राजधानी में जब मानसून की बारिश होती है, उस दौरान शायद ही कोई सड़क हो जिस पर जलभराव ना होता हो. जलभराव के कारण लोगों की समस्याएं काफी बढ़ जाती हैं. लेकिन इस बार मानसून से पहले जहां साउथ MCD भी नालियों की सफाई में जुटी दिखी.
वहीं अब PWD की तरफ से भी नालों की सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. वेस्ट दिल्ली के कई इलाकों में PWD की टीम इन नालों की सफाई करती नजर आई.
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उनका दावा है कि लॉकडाउन के वजह से काम अच्छे से हो रहा है और उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार जिन जिन सड़कों पर नालों की सफाई हो रही है, वहां पर जलभराव नहीं होगा. उनका यह भी कहना है कि काम शुरू हुआ है और बरसात के दिनों में भी जारी रहेगा. अगर कहीं जलभराव की शिकायत होती है तो उसे तुरंत दूर कर लिया जाएगा.
बरसात के बाद दिखेगी दावों की हकीकत
फिलहाल नालों की सफाई का काम चल रहा है और दावे भी यही किए जा रहे हैं कि इस बार सड़कों पर जलभराव नहीं देखने को मिलेगा लेकिन असल में तो पीडब्ल्यूडी के द्वारा किए जा रहे इन दावों की असली हकीकत का पता तो मानसून की बारिश के बाद ही चल सकेगा.
जब दिल्ली में अच्छी खासी बरसात होगी, क्योंकि हर साल सिर्फ वेस्ट दिल्ली ही नहीं बल्कि दिल्ली के अधिकतर इलाकों में भारी बारिश के दौरान मुख्य सड़क हो या गली मोहल्ले की सड़क जलभराव के कारण तालाब में तब्दील होती है. जिससे लोगों को परेशानियां होती हैं. साथ ही इसका असर ट्रैफिक पर भी पड़ता है.