नई दिल्ली: पिछले काफी समय से दिल्ली के मुख्यमंत्री, एलजी पर आरोप लगा रहे थे कि वह विकास के काम में बाधा पहुंचा रहे. इसके अलावा बुजुर्गों और अन्य तरह के पेंशन का मसला हो या मोहल्ला क्लीनिक का या फिर दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड जाने का मसला. तमाम मसलों पर दिल्ली सरकार और एलजी पावर को लेकर आमने-सामने थे. अब इस मसले को लेकर विकासपुरी के लोग क्या सोचते हैं उनकी राय ETV Bharat ने जानने की कोशिश की.
अधिकतर लोगों का यह मानना है कि लोगों द्वारा प्रजातांत्रिक तरीके से चुना गया प्रतिनिधि सर्वोपरि होता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह साफ हो गया है और अब दिल्ली में विकास के काम तेज होंगे. हालांकि, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि ऐसा नहीं है कि विकास की ऐसी रफ्तार आएगी कि सारी समस्या खत्म हो जाएगी. इस आदेश के बाद भी चीजें धीरे-धीरे ठीक होंगी, लेकिन इस आदेश के बाद लोगों का मानना है कि दिल्ली सरकार की जिम्मेदारियां भी बढ़ जाएंगी.
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वहीं, कुछ लोग दिल्ली के एलजी के पिछले दिनों रहे रवैये पर भी सवाल उठा रहे. उनका कहना है कि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एलजी पर भी जुर्माना तय होना चाहिए, क्योंकि दिल्ली सरकार पहले भी विकास के काम कर रही थी और अब अधिक तेजी से यह काम होते. एलजी की तानाशाही के कारण पिछले दिनों दिल्ली के आम लोगों का काम प्रभावित हुआ. उसके लिए एलजी पर जुर्माना तय होना चाहिए.
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