नई दिल्ली : दिल्ली में एमसीडी चुनाव की तैयारियां चल रही है. सभी पार्यियां जनता को लुभाने की कोशिश में जुटी हैं. पिछले कार्यकाल की बात करें तो राजौरी गार्डन के टैगोर गार्डन वार्ड कॉलोनी में स्थित रेड एमआइजी फ्लैट के लोगों में पूर्व पार्षद को लेकर काफी नाराजगी है. लोगों का कहना है कि कॉलोनी में पार्षद के पांच साल के कार्यकाल के दौरान ना तो सड़कें बनीं न ही नालियों की डिसिल्टिंग हुई. और न ही बदहाल पार्क की सुध ली गई. यहां से बीजेपी के बीके ओबेरॉय पार्षद चुने गए थे.
लोगों का कहना है कि पांच साल के कार्यकाल के दौरान पांच बार भी बीके ओबेरॉय कॉलोनी में लोगों की सुध लेने नहीं आए. कॉलोनी की किसी भी समस्या का समाधान उन्होंने नहीं कराया. पार्षद तो सिर्फ रबड़ स्टांप के तौर पर काम करते थे, जबकि असल में चाबी तो किसी और के पास थी. उन्होंने समस्याओं के बारे में कहा कि जगह-जगह नालियों के ढक्कन टूटे हुए हैं, सड़कें नहीं बनी, पार्कों में सफाई नहीं.
आम आदमी पार्टी के नेता तरुणा तंवर का कहना है कि इस वार्ड के जिस कॉलोनी में भी आप चले जाएं गंदगी ही मिलेगी. बुनियादी सुविधाओं को दूर करने के नाम पर बीजेपी पार्षद जीत कर आए और समस्याएं पांच साल बाद भी जस की तस बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यही है कि पूर्व पार्षद इस इलाके में रहते ही नहीं थे. वह द्वारका में रहते थे. इस वजह से भी लोगों का काम नहीं हुआ और कॉलोनी की छोटी-छोटी बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं.
ये भी पढ़ें : नगर निगम चुनावः BJP ने 232 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की
वहीं बीजेपी के पूर्व पार्षद रिटायर्ड कर्नल बीके ओबरॉय का दावा है कि उन्होंने पांच साल अपने इलाके में खूब काम किया और लोगों की सभी समस्याओं को दूर करने की कोशिश की. फंड की कमी के कारण कुछ जगहों पर कुछ काम नहीं हो पाया. लेकिन ओवरऑल उन्होंने अपने कार्यकाल के सभी फंड का इस्तेमाल करते हुए लोगों की जो भी शिकायतें और समस्याएं थी उसे दूर किया.
ये भी पढ़ें : राजेंद्र पाल गौतम के पीछे केजरीवाल की हिंदू विरोधी मानसिकता : गौरव भाटिया