नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में रहने वाले लोगों की जेबों पर महंगाई का थोड़ा-सा बोझ बढ़ने वाला है. एक बार फिर मदर डेयरी ने अपने दूध के दाम बढ़ाने का फैसला किया है. जिसकी घोषणा शनिवार को मदर डेयरी ने की है. दूध के ये नए मूल्य रविवार सुबह से लागू होंगे. वहीं दूध के दाम बढ़ाये जाने की बात से लोग परेशान दिख रहे हैं और इसे एक चिंता का विषय बता रहे हैं.
मौसम में बदलाव से बढ़े दाम
जानकारी के मुताबिक मदर डेयरी ने शनिवार को अपने दूध मूल्य 2 से 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए जाने की घोषणा की है. जिससे अब दूध के दाम बढ़ेंगे और इसका कारण मौसम में बदलाव को बताया जा रहा है.
जहां मानसून का मौसम आगे बढ़ने और अन्य प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों की वजह से अनेकों राज्यों में दूध के उत्पादन में भारी कमी आई है. प्रतिकूल मौसम के असर से जानवरों के चारे के दाम भी बढें हैं. ऐसे में दुग्ध उत्पादकों को मदर डेयरी की ओर से किए जाने वाले भुगतान पर भी असर पड़ रहा है.
दूध की नई कीमते होंगी इस तरह
टोकन दूध अब तक 40 रुपये प्रति लीटर मिलता था. उसकी कीमत 2 रुपये बढ़ाकर 42 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है. पॉली पैक में फूल क्रीम दूध अब तक 53 रुपये प्रति लीटर मिलता था. जिसकी कीमत 2 रुपये बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है.
आधा लीटर फुल क्रीम दूध की कीमत 27 रुपये से बढ़ाकर 28 रुपये कर दी गई है. वहीं आधा लीटर फूल क्रीम प्रीमियम दूध की कीमत 29 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दी गई है.
टोंड दूध अब तक 42 रुपये प्रति लीटर मिलता था. जिसकी कीमत प्रति लीटर 3 रुपये बढ़ाकर 45 रुपये कर दी गई है. वहीं डबल टोंड दूध अब तक 36 रूपये प्रति लीटर मिलता था. उसकी कीमत 3 रुपये बढ़कर 39 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है.
'सरकार कोई कदम उठाए'
वहीं बढ़ते दूध की कीमतों को सुनकर लोग परेशान है. इसे चिंता का विषय बता रहे है. लोगों का कहना है कि इस तरह से दूध के दाम नहीं बढ़ने चाहिए. सरकार को इस पर कोई कदम उठाना चाहिए. जिससे गरीब जनता को राहत मिल सके. वहीं दूध के दामों में इस कदर भारी बढ़ोतरी करना जनता के ऊपर महंगाई का बोझ बढ़ाना मात्र है.
दूध से संबंधित चीजों के बढ़ेंगे दाम
लोगों का कहना है कि अचानक इस तरह से दूध के दाम बढ़ने से दूध तो महंगा हो ही गया है. वहीं अब दूध से संबंधित सामानों की कीमतों में भी बढ़ोतरी होगी. जिससे दूध के साथ-साथ दही, पनीर, मिठाइयों जैसे अनेकों सामान महंगे हो जायेंगे. जिसके खर्च का बोझ आम जनता पर ही पड़ेगा.