नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम ने चुनाव खत्म होने के बाद सदर बाजार की 40 दुकानों को एक साथ सील कर दिया, जिससे व्यापारी वर्ग में निगम अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ रोष है. व्यापारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गया है. उनका कहना है कि जब तक सीलिंग का भूत दिल्ली से नहीं हटेगा तब तक ऐसे ही धरने पर बैठे रहेंगे. आने वाले समय में केवल सदर बाजार के ही नहीं पूरे दिल्ली के व्यापारी निगम के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे.
सदर बाजार मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारी परमजीत सिंह पम्मा ने बताया कि दिल्ली में एक बार फिर से सीलिंग का जिन्न पैर पसार रहा है. मिठाई पुल इलाके में नगर निगम के अधिकारियों ने 40 दुकानों को सील किया है, जिसके बाद इलाके के व्यापारी वर्ग में काफी आक्रोश है. सभी नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. लंबे समय से नगर निगम अधिकारियों के साथ पत्राचार किया जा रहा है. जनप्रतिनिधि भी चुनाव से पहले व्यापारियों से वादे करते थे कि दुकान सील नहीं होगी. चुनाव संपन्न होने के बाद कोई भी प्रतिनिधि इलाके में नजर नहीं आता, नगर निगम अपनी मनमानी करते हुए व्यापारियों को परेशान कर रहा हैं.
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पहले ही कोरोना ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी और अब सीलिंग का डर व्यापारियों को सता रहा है. नगर निगम भी अपनी मनमानी करते हुए भारत की सबसे बड़ी मार्केट सदर बाजार की दुकानों को सील करने पर तुला है. सीलिंग के डर से सदर बाजार ही नहीं दिल्ली के व्यापारी भी परेशान हैं. दिल्ली सरकार या नगर निगम की ओर से किसी भी मार्केट को कमर्शियल नहीं किया गया है. व्यापारी खुद मार्केट को विकसित करते हैं और फिर अपना रोजगार चलाते हैं. वहीं नगर निगम के अधिकारियों पर वसूली करने का आरोप लगाते हुए व्यापारियों ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी मनमाने तरीके से व्यापारियों को सिलिंग का डर दिखा कर वसूली भी करते हैं. इलाके के व्यापारी धरने पर बैठकर नगर निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं.
वहीं दूसरे व्यापारियों ने बताया कि शाम को इलाके में निगम के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला जाएगा. दिल्ली नगर निगम और जनप्रतिनिधियों से मांग की जाएगी कि दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग का डर दिखा कर परेशान ना किया जाए, जिससे दिल्ली के व्यापारियों में अराजकता फैल सकती है. कोरोना के बाद एक बार फिर व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा.
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