नई दिल्ली: उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मंगलवार को खान-पान, आवास और बोर्डिंग प्रतिष्ठानों के लाइसेंस के लिए संशोधित एकीकृत पोर्टल का शुभारंभ किया. इस दौरान एलजी ने कहा कि यह बहुत सरल पोर्टल है. यह आतिथ्य क्षेत्र में उद्यमियों, व्यवसायियों और स्टार्ट-अप को सुनिश्चित करने में मदद करेगा. इस पोर्टल के माध्यम से फॉर्म भरना आसान होगा.
इसके साथ दिल्ली पुलिस, एमसीडी, एनडीएमसी सहित 05 विभिन्न एजेंसियों से लाइसेंस प्राप्त करने तथा नवीनीकरण करने में भी समस्या नहीं आएगी. दिल्ली फायर सर्विस और DPCC (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमिटी), एक साथ 49 दिनों की निश्चित समय सीमा के भीतर लाइसेंस जारी कर देगा. कोई भी प्रतिष्ठान अब राष्ट्रीय राजधानी में बहुत सरलीकृत, न्यूनतम और सक्षम लाइसेंस व्यवस्था के तहत काम कर सकेंगे.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस: उपराज्यपाल ने कहा कि इस प्रमुख कदम ने एक विनियमन में सुधार किया है जो 1980 से मौजूद था और आतिथ्य (हॉस्पिटेलिटी) क्षेत्र में उद्यमियों के लिए बहुत ही उबाऊ और परेशान करनेवाला बन गया था. उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री के "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" के सिद्धांत पर प्रशासन को इन व्यवसाय को सहूलियत देकर आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ना कि उसे बाधित करना.
नाइट टाइम इकॉनमी की दिशा में बड़ा कदम: रेस्तरां मालिकों, होटल व्यवसायियों और अन्य लोगों से उन्होंने कहा कि इन सरल लाइसेंसिंग मानदंडों के साथ आतिथ्य क्षेत्र को सक्षम करना, दिल्ली में एक मजबूत 'नाइट टाइम इकॉनमी' की दिशा में पहला कदम साबित होगा. चूंकि शहर में मौजूदा लाइसेंस व्यवस्था को उद्यमियों और लोगों की आवश्यकताओं के संदर्भ में प्रतिबंधात्मक पाया गया था. ऐसे में प्रधान सचिव (गृह) के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति, जिसमें सभी विभागों के शीर्ष अधिकारी शामिल थे. इस मौके पर यह भी बताया गया कि, शहर में होटल और रेस्तरां और डीडीए द्वारा संचालित क्लबों द्वारा संचालन के समय को बढ़ाने जैसे प्रयोग उत्साहजनक रहे हैं.
आज लॉन्च किए गए संशोधित पोर्टल के साथ, लाइसेंस देने और नवीनीकरण की पूरी प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन और फेसलेस बना दिया गया है. आतिथ्य क्षेत्र में प्रतिष्ठान अब पोर्टल पर बहुत छोटा, सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल सामान्य आवेदन पत्र जमा करके अपने लाइसेंस प्राप्त करने या उनका नवीनीकरण करने में सक्षम होंगे. यह सीएएफ सभी 05 लाइसेंसिंग एजेंसियीं के लिए लागू होगा. जिसमें दिल्ली पुलिस, एमसीडी, एनडीएमसी, डीपीसीसी और दिल्ली फायर सर्विस शामिल हैं. नए सीएएफ में, 140 फील्ड हटा दिए गए हैं और 28 दस्तावेजों को अपलोड करने से हटा दिया गया है. पहले जमा किए जाने वाले 05 हलफनामे के बजाय अब आवेदकों को सभी 05 एजेंसियों के लिए एक कॉमन अंडरटेकिंग जमा करनी होगी.
लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए दस्तावेजों की आवश्यकता को कम कर दिया गया है और जिनकी वैधता समाप्त हो गई है. आवेदकों को सिर्फ एक कॉमन अंडरटेकिंग जमा करना होगा. नए लाइसेंस प्रदान करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की संख्या 52 से घटाकर 24 कर दी गई है. नवीनीकरण के मामले में पहले 25 दस्तावेजों की आवश्यकता होती थी, अब किसी की आवश्यकता नहीं होगी. सभी भुगतान ऑनलाइन किए जाएंगे और आवेदक लाइसेंस प्रमाणपत्र ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेंगे.
ये भी पढ़ें: Mayor of Delhi became active: एमसीडी में सक्रिय हुईं मेयर, बीजेपी शासन के कार्यों की मांगी रिपोर्ट
उपराज्यपाल ने बताया कि आतिथ्य उद्योग के मनोरंजन खंड के लिए लाइसेंसिंग मानदंडों को आसान और उदार बनाने पर भी काम चल रहा था. उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर, एजेंसियां इस सेगमेंट के उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स के लिए डिस्कोथेक, संगीत और मनोरंजन के संबंध में कहीं अधिक सक्षम मानदंड बनाने और अधिसूचित करने में सक्षम होंगी. एलजी ने कहा मुझे उम्मीद है कि इस एकीकृत पोर्टल के माध्यम से शुरू की गई लाइसेंसिंग व्यवस्था को सरल और सक्षम बनाने से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी. साथ ही राजधानी दिल्ली में वांछित जीवंत 'नाइट टाइम इकोनॉमी' को बढ़ावा मिलेगा.
ये भी पढ़ें: Manish Sisodia Arrest: सुप्रीम कोर्ट से सिसोदिया को राहत नहीं, हाईकोर्ट जाने को कहा